अखिलेश यादव ने कहा- लखनऊ में बुधवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ब्राह्मण समाज के प्रतिनिधियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की।
यह बैठक ऐसे समय में हुई जब देश में पाकिस्तान पर की गई एयरस्ट्राइक ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के चलते राजनीतिक बयानबाज़ी तेज़ है। इस बैठक में जहां अखिलेश यादव ने भारतीय सेना की कार्रवाई की सराहना की, वहीं उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर तीखा हमला भी बोला। उन्होंने राज्य में हो रहे कथित राजनीतिक प्रतिशोध, पुलिसिया बर्बरता और आम लोगों के उत्पीड़न के मुद्दे पर गंभीर सवाल खड़े किए।
अखिलेश यादव ने कहा- अखिलेश यादव ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा- हर कार्रवाई राजनीतिक है
भारतीय सेना की तारीफ अखिलेश यादव ने भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान पर की गई एयरस्ट्राइक की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि सेना की वजह से ही आज देशवासी सुरक्षित माहौल में रह रहे हैं। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि हमें अपनी सेना की काबिलियत और साहस पर गर्व है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि पहलगाम में हुई आतंकी घटना के बाद इस प्रकार की जवाबी कार्रवाई जरूरी थी। अखिलेश ने कहा, “हमें जड़ पर हमला करना होगा, तभी इस प्रकार की घटनाएं रुकेंगी। हमारी सीमा की सुरक्षा में कोई चूक नहीं होनी चाहिए। सेना ही वो फोर्स है जो हमें इस माहौल में जीने का अवसर देती है।”
योगी सरकार पर हमला सेना की तारीफ के बाद अखिलेश यादव ने सीधे योगी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार राजनीतिक विरोधियों को कमजोर करने के लिए सत्ता का दुरुपयोग कर रही है। उन्होंने कहा, “जहां हम बैठे हैं वहीं से स्पष्ट है कि हर कार्रवाई राजनीतिक है। अगर कार्रवाई निष्पक्ष होती तो हम प्रेस में न बैठे होते। उन्हें तिलक, हाता और हमारी परंपराएं पसंद नहीं हैं।”
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अखिलेश यादव का आरोप- यूपी पुलिस पैसे की मांग करती है
सीएम योगी को निशाने पर लेते हुए अखिलेश ने उन्हें ‘OCM’ यानी ‘ऑउटगोइंग चीफ मिनिस्टर’ कहा और कहा कि उनकी नीतियों के कारण ब्राह्मण समाज को न्याय नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने ब्राह्मण समाज को आश्वासन दिया कि समाजवादी पार्टी हर वर्ग के अधिकार और न्याय के लिए संघर्ष करती रहेगी।
कानपुर देहात की घटना बैठक में अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में हुई एक दर्दनाक घटना का भी जिक्र किया, जिसमें एक दलित परिवार की झोपड़ी पर बुलडोजर चलने के बाद आग लग गई थी और एक परिवार को जिंदा जला दिया गया था। उन्होंने कहा, “कोई सोच सकता है कि आज के दौर में ऐसा हो सकता है? और जब बेटा न्याय मांगने गया तो उसे सर्दी में कपड़े उतरवाकर पीटा गया।”
उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ऐसे मामलों में पैसे की मांग करती है और जब पैसा नहीं मिलता, तो निर्दोष लोगों को प्रताड़ित करती है। उन्होंने पहले की एक घटना का भी हवाला दिया, जहां जौनपुर में एक बच्चे ने टिकटॉक वीडियो बनाया था और उसके पिता की मौत हो गई थी।
ब्राह्मण समाज के लिए न्याय की गारंटी
राजनीतिक प्रतिशोध के आरोप अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर समाजवादी पार्टी के नेताओं को राजनीतिक कारणों से जेल में डालने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आज़म खान, इरफान सोलंकी और गायत्री प्रजापति जैसे नेताओं को फर्जी मामलों में फंसाया गया। इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि गायत्री प्रजापति के परिवार से भाजपा ने वोट के बदले केस वापसी का लालच दिया था।
उन्होंने कहा कि नेताओं के पुराने जन्म प्रमाणपत्रों और दस्तावेज़ों में की गई मामूली गलतियों को आधार बनाकर केस दर्ज किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, “एक जमाना था जब कोई कहता था दिवाली से पहले पैदा हुआ, कोई कहता था होली के बाद। अब वही तारीखें आरोप बन गई हैं।”
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ब्राह्मण सभा में संदेश इस बैठक में अखिलेश यादव ने खास तौर पर ब्राह्मण समाज को संदेश देने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी हर जाति, धर्म और वर्ग के अधिकारों के लिए संघर्ष करती रही है और आगे भी करती रहेगी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि पार्टी ब्राह्मण समाज के साथ खड़ी है और न्याय दिलाने के लिए हर स्तर पर आवाज उठाएगी। उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि पार्टी के राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव रामगोपाल यादव आगामी बैठकों में भाग लेंगे और पार्टी की ओर से सभी आवश्यक सुझाव प्रस्तुत किए जाएंगे।
सेना की तारीफ और योगी सरकार पर गंभीर आरोप
राजनीतिक संदेश और आगामी रणनीति अखिलेश यादव की इस बैठक को आगामी लोकसभा चुनावों से जोड़कर भी देखा जा रहा है। जिस तरह से उन्होंने सेना की तारीफ की और योगी सरकार पर निशाना साधा, उससे यह स्पष्ट है कि समाजवादी पार्टी राष्ट्रीय सुरक्षा और कानून-व्यवस्था के मुद्दों पर भी अपनी बात मजबूती से रखना चाहती है। उन्होंने यह संदेश देने की कोशिश की कि पार्टी सेना का सम्मान करती है लेकिन भाजपा सरकार की आड़ में हो रहे अन्याय और अत्याचार को बर्दाश्त नहीं करेगी।
निष्कर्ष अखिलेश यादव की ब्राह्मण सभा के साथ बैठक और उसमें दिया गया बयान कई मायनों में महत्वपूर्ण है। एक तरफ उन्होंने सेना की कार्रवाई को समर्थन दिया, तो दूसरी ओर योगी सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए। इस तरह उन्होंने राष्ट्रीय भावना को भी जोड़ा और साथ ही अपने राजनीतिक विरोधियों को भी कठघरे में खड़ा किया। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है और ब्राह्मण समाज में समाजवादी पार्टी को इससे कितना समर्थन मिलता है।