आतिशी का पलटवार: दिल्ली में विधानसभा चुनाव 2025 से पहले सियासी गहमागहमी बढ़ गई है।
इसी बीच दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) वीके सक्सेना और मुख्यमंत्री आतिशी के बीच तीखी बयानबाजी ने राजनीति को और गर्मा दिया है। सोमवार को उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मुख्यमंत्री आतिशी को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल द्वारा आतिशी को अस्थायी मुख्यमंत्री करार दिए जाने पर नाराजगी जताई। इस पर सीएम आतिशी ने पलटवार करते हुए उपराज्यपाल पर बीजेपी के “प्रॉक्सी” के रूप में काम करने का आरोप लगाया और उन्हें दिल्ली की बेहतरी के लिए काम करने की सलाह दी।
आतिशी का पलटवार: एलजी का पत्र संविधान के मूल्यों की अवहेलना का आरोप
आतिशी का पलटवार: उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने अपने पत्र में कहा कि अरविंद केजरीवाल द्वारा आतिशी को अस्थायी मुख्यमंत्री के रूप में नामित करना संविधान में निहित लोकतांत्रिक भावना और मूल्यों की घोर अवहेलना है। उन्होंने इसे राजनीतिक शिष्टाचार और संवैधानिक परंपराओं के खिलाफ बताया। एलजी ने यह भी चिंता व्यक्त की कि इस तरह की घटनाएं प्रशासन में अराजकता और अस्थिरता का कारण बन सकती हैं।
एलजी ने अपने पत्र में कहा कि दिल्ली जैसे संवेदनशील राज्य में, जहां प्रशासनिक संरचना केंद्र सरकार के अधीन है, इस प्रकार की घटनाएं न केवल प्रशासन को प्रभावित करती हैं, बल्कि जनता के हितों पर भी नकारात्मक प्रभाव डालती हैं।
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आतिशी का पलटवार: आतिशी का पलटवार गंदी राजनीति का आरोप
मुख्यमंत्री आतिशी ने एलजी के पत्र का तीखा जवाब देते हुए कहा कि उपराज्यपाल को गंदी राजनीति करने की बजाय दिल्ली की बेहतरी के लिए काम करना चाहिए। उन्होंने कहा, “अरविंद केजरीवाल ने साढ़े नौ साल तक दिल्ली की बेहतरी के लिए काम किया। मैं उन्हीं के दिखाए रास्ते पर सरकार चला रही हूं।”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि एलजी कार्यालय बीजेपी के एजेंडे को बढ़ावा देने में जुटा हुआ है। आतिशी ने कहा, “एलजी कार्यालय अब बीजेपी के प्रॉक्सी के रूप में काम कर रहा है और पार्टी के हितों की रक्षा के उत्साह में आम दिल्लीवासियों के जीवन को नुकसान पहुंचा रहा है।”
महिला सम्मान योजना का मुद्दा उठाया
आतिशी ने अपने जवाब में एलजी द्वारा महिला सम्मान योजना में “अड़ंगा” डालने का जिक्र किया। उन्होंने कहा, “महिला होने के नाते मैं व्यक्तिगत रूप से आहत हूं कि एक ऐसी योजना जिसमें महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान को प्राथमिकता दी गई है, उसमें भी राजनीति की जा रही है।”
उन्होंने उपराज्यपाल पर यह भी सवाल उठाया कि कैसे कोई राजनीति में इतना उलझ सकता है कि उसे जनता की परवाह ही न हो। आतिशी ने कहा कि केजरीवाल सरकार की नीतियां हमेशा से जनता के हित में रही हैं, और उनका प्रशासन भी उन्हीं नीतियों को आगे बढ़ाने पर केंद्रित है।
बीजेपी पर आतिशी का तीखा हमला
आतिशी ने अपने बयान में भारतीय जनता पार्टी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि दिल्ली के उपराज्यपाल का कार्यालय बीजेपी की नीति और रणनीति का अनुसरण कर रहा है। “बीजेपी, जो पिछले 26 साल से दिल्ली में विपक्ष में बैठी है, अब प्रशासन में अवरोध पैदा कर अपनी भूमिका निभा रही है। जनता के विकास के लिए किए गए कामों में बाधा डालने की यह राजनीति बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।”
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दिल्ली की राजनीति में बढ़ता टकराव
आतिशी और एलजी के बीच इस बहस ने दिल्ली की राजनीति में प्रशासन और शक्ति संतुलन को लेकर चल रही खींचतान को फिर से उजागर कर दिया है। दिल्ली के प्रशासनिक ढांचे में उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच अधिकारों को लेकर विवाद कोई नई बात नहीं है।
हालांकि, 2025 के विधानसभा चुनावों के मद्देनजर यह बहस और तेज होती दिख रही है। एक तरफ आम आदमी पार्टी “दिल्ली के विकास” को लेकर अपनी नीतियों को जनता के सामने रख रही है, वहीं दूसरी ओर बीजेपी केजरीवाल सरकार पर “राजनीतिक स्टंट” करने का आरोप लगा रही है।
दिल्ली की राजनीति में जनता का निर्णायक रोल
दिल्ली में राजनीतिक गहमागहमी के बीच जनता की भूमिका निर्णायक होगी। क्या जनता केजरीवाल सरकार के कामकाज को फिर से स्वीकार करेगी, या बीजेपी और एलजी के आरोपों को समर्थन देकर बदलाव का संकेत देगी, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। फिलहाल, दिल्ली की राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है, और आने वाले दिनों में यह और तेज होने की संभावना है।