आप का पलटवार: यमुना सफाई पर एलजी और आप के बीच सियासी जंग 2024 !

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By headlineslivenews.com

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आप का पलटवार: दिल्ली की राजनीति में फिर एक बार आम आदमी पार्टी (आप) और उपराज्यपाल वीके सक्सेना के बीच तीखा आरोप-प्रत्यारोप देखने को मिला।

आप का पलटवार: यमुना सफाई पर एलजी और आप के बीच सियासी जंग 2024 !

इस बार मुद्दा है यमुना नदी की सफाई। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने आम आदमी पार्टी और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर यमुना सफाई के प्रयासों को रोकने और इसे लेकर कुछ भी ठोस कदम न उठाने का आरोप लगाया है। दूसरी ओर, आम आदमी पार्टी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए उपराज्यपाल पर गैर-वैज्ञानिक और बिना योजना के काम करने के आरोप लगाए, जिससे दिल्ली में बाढ़ जैसे हालात बने।

आप का पलटवार: एलजी का यमुना सफाई अभियान और आरोप

आप का पलटवार: उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने अपने बयान में दावा किया कि उन्होंने यमुना की सफाई के लिए कई बड़े कदम उठाए। उन्होंने कहा कि जून 2022 में, उन्होंने मिशन मोड में नजफगढ़ नाले की सफाई का काम शुरू किया। इस सफाई अभियान के शुरुआती नतीजे उत्साहजनक थे, और इन्हीं परिणामों के आधार पर जनवरी 2023 में उपराज्यपाल की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति बनाई गई। इस समिति का उद्देश्य यमुना की सफाई और पुनरुद्धार के कार्यों को युद्धस्तर पर लागू करना था।

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सक्सेना ने दावा किया कि उनके नेतृत्व में नजफगढ़ नाले की सफाई का कार्य तेजी से आगे बढ़ा। उन्होंने कहा कि यमुना का लगभग 11 किलोमीटर का फ्लडप्लेन साफ किया गया और अतिक्रमण मुक्त किया गया। इसके अलावा, पानी की गुणवत्ता में भी सुधार देखा गया। लेकिन एलजी का आरोप है कि जैसे ही इन प्रयासों से सकारात्मक परिणाम दिखने शुरू हुए, तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को डर हुआ कि यमुना की सफाई का श्रेय उपराज्यपाल को ना मिल जाए। इसी वजह से इन परियोजनाओं को रोक दिया गया।

सक्सेना ने आगे कहा कि पिछले 16 महीनों में केजरीवाल सरकार ने यमुना सफाई के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया। उन्होंने इसे जनता के साथ विश्वासघात करार दिया।

आप का पलटवार: आम आदमी पार्टी का पलटवार

आप का पलटवार: एलजी के आरोपों का जवाब देते हुए आम आदमी पार्टी ने उनके बयानों को पूरी तरह से खारिज कर दिया। पार्टी ने कहा कि यमुना की सफाई के लिए जो भी परियोजनाएं शुरू हुईं, वे दिल्ली सरकार की पहल और योजनाओं का हिस्सा थीं। आम आदमी पार्टी के अनुसार, इन परियोजनाओं के लिए बजट का आवंटन और मंजूरी दिल्ली सरकार ने दी थी, और उपराज्यपाल केवल इसका श्रेय लेने की कोशिश कर रहे हैं।

आम आदमी पार्टी ने आगे आरोप लगाया कि उपराज्यपाल ने नजफगढ़ नाले की सफाई के दौरान बिना किसी वैज्ञानिक दृष्टिकोण के गाद निकलवाने का काम करवाया। पार्टी के अनुसार, इस गाद को यमुना में डाल दिया गया, जिससे नदी की जलधारण क्षमता कम हो गई। इसका नतीजा यह हुआ कि दिल्ली में बाढ़ आई और इसके लिए पूरी तरह से एलजी जिम्मेदार हैं।

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पार्टी ने उपराज्यपाल की इस कार्यशैली को गैर-पेशेवर बताया और कहा कि उनके पास इस तरह की परियोजनाओं को समझने या लागू करने का कोई अनुभव नहीं है। आम आदमी पार्टी ने कहा कि एलजी ने अफसरों पर दबाव डालकर यह काम करवाया, जिसके दुष्परिणाम दिल्लीवासियों को भुगतने पड़े।

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दिल्ली में बाढ़ और यमुना सफाई पर राजनीतिक बहस

यमुना सफाई के प्रयासों और इसके परिणामों पर राजनीतिक बहस ने दिल्ली की जनता को असमंजस में डाल दिया है। एक ओर, एलजी वीके सक्सेना अपने प्रयासों को लेकर मुखर हैं और इसे यमुना के पुनरुद्धार की दिशा में एक बड़ा कदम बता रहे हैं। वहीं दूसरी ओर, आम आदमी पार्टी उनके दावों को खारिज कर रही है और इसे जनता को गुमराह करने की कोशिश बता रही है।

पार्टी ने कहा कि यमुना की सफाई और इसके पुनरुद्धार के लिए दिल्ली सरकार ने कई योजनाएं बनाई हैं और उनके क्रियान्वयन पर काम चल रहा है। इसके लिए सरकार ने पर्याप्त बजट भी आवंटित किया है। पार्टी ने यह भी दावा किया कि एलजी ने इन योजनाओं को केवल बाधित किया और दिल्लीवासियों को नुकसान पहुंचाया।

जनता पर असर और भविष्य की चुनौतियां

यमुना नदी दिल्ली की जीवनरेखा है, और इसकी सफाई का मुद्दा हर नागरिक के लिए महत्वपूर्ण है। लेकिन राजनीतिक बहस और आरोप-प्रत्यारोप ने इस महत्वपूर्ण कार्य को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि यमुना सफाई के लिए केवल राजनीतिक इच्छाशक्ति ही नहीं, बल्कि ठोस योजनाएं, वैज्ञानिक दृष्टिकोण, और सभी पक्षों का सहयोग भी आवश्यक है।

हालांकि, राजनीतिक खींचतान के बीच यमुना की सफाई और पुनरुद्धार के प्रयास किस दिशा में आगे बढ़ेंगे, यह देखना बाकी है। दिल्लीवासियों को उम्मीद है कि राजनीतिक पार्टियां आपसी मतभेद भुलाकर यमुना को साफ करने के लिए एकजुट होकर काम करेंगी।

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साफ यमुना के लिए मिलकर काम करने की जरूरत

दिल्ली में यमुना की सफाई को लेकर उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार के बीच विवाद ने इस परियोजना को अनिश्चितता में डाल दिया है। जहां एलजी इसे अपनी बड़ी उपलब्धि के रूप में पेश कर रहे हैं, वहीं आप सरकार इसे अपने काम का हिस्सा बताकर श्रेय लेने के आरोप लगा रही है। इस खींचतान के बीच, यमुना और दिल्ली के नागरिकों का भविष्य दांव पर है। यह जरूरी है कि सभी पक्ष अपने मतभेद भुलाकर यमुना सफाई के काम को प्राथमिकता दें, ताकि दिल्ली की जनता को इसका लाभ मिल सके।

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