इलाहाबाद हाई कोर्ट: हिंदू विवाह अधिनियम के तहत ‘महत्‍वपूर्ण तथ्य’ ऐसा तथ्य होना चाहिए, जिसका खुलासा होने पर पक्ष विवाह के लिए सहमति न दे: इलाहाबाद हाई कोर्ट

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यह माना कि हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 12(1)(c) के तहत ‘महत्‍वपूर्ण तथ्य’ ऐसा तथ्य होना चाहिए, जिसका

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इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यह माना कि हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 12(1)(c) के तहत ‘महत्‍वपूर्ण तथ्य’ ऐसा तथ्य होना चाहिए, जिसका खुलासा होने पर किसी भी पक्ष द्वारा विवाह के लिए सहमति नहीं दी जाती और यह तथ्य व्यक्ति या उसके चरित्र से संबंधित हो। इस मामले में, कोर्ट ने यह फैसला किया कि महत्‍वपूर्ण तथ्य पिछले वैवाहिक स्थिति से संबंधित था, जिसे पति से कभी नहीं बताया गया। इस प्रकार, पति की सहमति धोखाधड़ी और छल से प्राप्त की गई, जो अधिनियम की धारा 12 (1) (c) के तहत आता है।

इलाहाबाद हाई कोर्ट

इलाहाबाद हाई कोर्ट: केस के तथ्य और पृष्ठभूमि

न्यायमूर्ति रंजन रॉय और न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ल की खंडपीठ ने यह अवलोकन किया, “इस प्रकार, हिंदू कानून के तहत हर प्रकार की गलत प्रस्तुति या तथ्य की छुपाव धोखाधड़ी के रूप में नहीं माना जा सकता, जैसा कि धारा 12(1)(c) में परिभाषित है, जो विवाह को शून्य घोषित करने के लिए आवश्यक है।

धोखाधड़ी उस तथ्य या परिस्थिति से संबंधित होनी चाहिए जो उत्तरदात्री के व्यक्तित्व या चरित्र के बारे में हो और यदि उसका खुलासा होता, तो विवाह की सहमति नहीं दी जाती। ऐसा तथ्य या परिस्थिति, जो विवाह के लिए सहमति के लिए महत्‍वपूर्ण हो, ‘महत्‍वपूर्ण तथ्य’ की परिभाषा के अंतर्गत आता है।”

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इस मामले में अपीलकर्ता पत्नी ने पारिवारिक न्यायालय द्वारा पारित उस निर्णय/डिक्री को चुनौती दी, जिसमें पति-उत्तरदाता द्वारा धारा 12 के तहत दायर मुकदमे में विवाह को शून्य घोषित किया गया था। न्यायालय ने पति के पक्ष में फैसला सुनाते हुए विवाह को अमान्य और अप्रभावी घोषित कर दिया।

इलाहाबाद हाई कोर्ट: ‘महत्‍वपूर्ण तथ्य’ की परिभाषा

मामले के संक्षिप्त तथ्य यह थे कि दोनों पक्षों का विवाह 1995 में हुआ था, और शादी के दो दिन बाद, एक व्यक्ति ने आकर पति और उसके परिवार को बताया कि अपीलकर्ता पत्नी ने 1990 में उससे विवाह किया था। उसने यह भी बताया कि अपीलकर्ता का किसी अन्य व्यक्ति के साथ अवैध संबंध हो गया था और वह उसके पास वापस आने के लिए तैयार नहीं थी। इस कारण उनके बीच आपसी समझौते से विवाह समाप्त हो गया था।

पति का मामला यह था कि पत्नी ने अपने पहले विवाह और कथित तलाक के बारे में तथ्य छिपाकर उस पर धोखाधड़ी की थी, जो उसके वैवाहिक स्थिति के संबंध में एक महत्वपूर्ण तथ्य/परिस्थिति थी। इसलिए, वह हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 12(1)(c) के तहत राहत पाने का हकदार था।

कोर्ट ने कहा कि गवाहों के बयानों से दो तथ्य स्पष्ट थे: पहला, पति को विवाह से पहले पत्नी के पहले विवाह के बारे में कोई जानकारी नहीं थी, न ही किसी ने उसे या उसके परिवार को इस बारे में बताया था। दूसरा, पत्नी के पहले विवाह का तथ्य पहली बार पति को तब पता चला जब पत्नी का पहला पति उनके घर आया।

इसके अलावा, कोर्ट ने यह भी माना कि पत्नी यह साबित करने में असफल रही कि उसने अपने पहले विवाह का तथ्य पति और उसके परिवार को बताया था और उसके बाद ही विवाह संपन्न हुआ। कोर्ट ने कहा, “इस मामले के तथ्यों से स्पष्ट होता है कि पत्नी का पहले विवाह का तथ्य उसके वैवाहिक स्थिति से संबंधित एक महत्वपूर्ण तथ्य था, जिसे पति से छिपाया गया था।

इलाहाबाद हाई कोर्ट: गवाहों के बयान

इस प्रकार, पत्नी के साथ विवाह के लिए पति की सहमति धोखाधड़ी और छल द्वारा प्राप्त की गई, जिससे अधिनियम की धारा 12(1)(c) लागू होती है। इसलिए, पति को वह घोषणा प्राप्त करने का हकदार है जिसे पारिवारिक अदालत ने दी थी।”

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कोर्ट ने एक अन्य पहलू पर भी विचार किया, जो यह था कि क्या पत्नी की जाति या क्षेत्र में लिखित समझौते द्वारा विवाह समाप्त करने की कोई प्रथा थी। कोर्ट ने कहा, “उसने इस संबंध में कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया। वह अपने पहले विवाह को स्वीकार करती है। पहले विवाह के संबंध में किसी अदालत से तलाक का कोई आदेश नहीं है।

यदि इस तर्क को आगे बढ़ाया जाए, तो यह निष्कर्ष निकलेगा कि कथित दूसरा विवाह न केवल धारा 12(1)(c) का उल्लंघन करता है, बल्कि पहले विवाह के जीवित रहते हुए अधिनियम की धारा 5(i) के तहत शून्य है। हालांकि, हम इस दिशा में आगे नहीं बढ़ते, क्योंकि यह मुकदमा अधिनियम की धारा 12 के तहत था, न कि धारा 11 के।”

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अतः, कोर्ट ने पारिवारिक अदालत के निर्णय और आदेश को बरकरार रखा और अपील खारिज कर दी।

दिल्ली हाईकोर्ट

Regards:- Adv.Radha Rani for LADY MEMBER EXECUTIVE in forthcoming election of Rohini Court Delhi

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GEMINI 3 FEATURES जो ChatGPT को कर सकते हैं Obsolete

Gemini 3 Features ने AI की दुनिया में तहलका मचा दिया है। इसके उन्नत फीचर्स और

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Gemini 3 Features ने AI की दुनिया में तहलका मचा दिया है। इसके उन्नत फीचर्स और नए एल्गोरिदम इंसानों के काम करने के तरीके को पूरी तरह से बदल सकते हैं।

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GEMINI 3 FEATURES उन्नत reasoning और मल्टीमॉडल कौशल

Gemini 3, LMArena leaderboard में शीर्ष स्थान पर है, PhD-स्तर की reasoning क्षमता रखता है और विज्ञान, गणित जैसे विषयों में उच्च सफलता प्राप्त करता है। वीडियो, इमेज और मल्टीमॉडल क्वेरी पर भी यह बेहतरीन प्रदर्शन करता है, जो इसे व्यापक और बहु-आयामी प्रश्नों के लिए उपयुक्त बनाता है।

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Gemini 3 Deep Think मोड

यह नया मोड Gemini 3 की reasoning और समझ को और भी गहरा बनाता है, जिससे कठिन से कठिन समस्याओं का समाधान संभव होता है। इसका प्रदर्शन AI परीक्षाओं में अप्रत्याशित रूप से बेहतर है, जो इसे विश्लेषण और योजना कार्यों में उपयोगी बनाता है।

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सीखना, बनाना, और योजना बनाना

Gemini 3 के साथ सीखना आसान है, चाहे वह परिवार की परंपरागत रेसिपी ट्रांसलेट करना हो या ऐडवांस रिसर्च पेपर का विश्लेषण। यह ब्लॉक्स, कोड और विजुअलाइजेशन के माध्यम से जटिल जानकारियों को समझाने और प्रदर्शित करने में सक्षम है।

डेवलपर्स के लिए नया अनुभव

Google ने Google Antigravity नामक एजेंटिक डेवलपमेंट प्लेटफॉर्म भी लॉन्च किया है, जिससे डेवलपर्स Gemini 3 के साथ अधिक स्वायत्त और कार्य-केंद्रित एप्लिकेशन बना सकते हैं। यह कोडिंग को नए स्तर पर ले जाता है और निरंतर स्व-पुष्टिकरण प्रदान करता है।

योजना और ऑटोमेशन में सुधार

Gemini 3 लंबे समय के लिए योजना बनाने और जटिल, बहु-चरण वाली प्रक्रियाओं को संचालित करने में सक्षम है। यह आपके ईमेल को व्यवस्थित कर सकता है, स्थानीय सेवाएं बुक कर सकता है, और दैनिक कार्यों में मदद करता है।

सुरक्षा और जिम्मेदारी

Google ने Gemini 3 को सबसे सुरक्षित AI मॉडल बनाया है। इसमें साइबर हमलों, गलत जानकारी, और हानिकारक प्रोत्साहनों से सुरक्षा के लिए व्यापक परीक्षण और सहयोग किया गया है।

Gemini 3 का भविष्य

Gemini 3 अभी भी विकास के प्रारंभिक चरण में है और जल्द ही इसके कई नए संस्करण और फीचर जारी होंगे। Google इसे Google एजेंसियों, डेवलपर्स, और एंटरप्राइज क्लाइंट्स तक पहुंचा रहा है।

Gemini 3 की उपलब्धता

Gemini 3 एप्लिकेशन, AI Studio, Vertex AI, Google Antigravity, और Gemini CLI के माध्यम से उपलब्ध है। कॉलैबोरेशन प्लेटफॉर्म्स जैसे GitHub, Replit में भी इसका उपयोग किया जा रहा है।

Gemini 3 पर Google की यह नई पहल AI के आयामों का विस्तार करती है और इसे हर क्षेत्र में व्यावहारिक, सुलभ और अधिक सक्षम बनाती है। इसका लक्ष्य AI को उपयोगकर्ता की आवश्यकताओं के अनुसार व्यक्तिगत और प्रभावी बनाना है।

विषयविवरण
मॉडल का नामGemini 3
मुख्य विशेषताएंउन्नत reasoning, मल्टीमॉडल इनपुट, एजेंटिक कोडिंग
प्रमुख प्रदर्शन मानकLMArena leaderboard topper, PhD-level reasoning
नया मोडGemini 3 Deep Think
उपयोगकर्ता लाभबेहतर सीखना, निर्माण, योजना, और ऑटोमेशन
डेवलपर टूल्सGoogle Antigravity, AI Studio, Vertex AI
सुरक्षाव्यापक परीक्षण, सुरक्षा सुधार
उपलब्धताGemini app, AI Studio, Vertex AI, CLI, Dritt platforms
भविष्य की योजनानए संस्करण, फीचर्स, व्यापक उपयोग
लक्ष्यAI को ज्यादा प्रभावी और व्यक्तिकृत बनाना