उत्पाद शुल्क विवाद में करदाताओं को मिली राहत, कोर्ट ने 2.15 करोड़ की मांग खारिज की

उत्पाद शुल्क विवाद: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय उत्पाद शुल्क टैरिफ अधिनियम से जुड़े एक महत्वपूर्ण मामले में बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा है

उत्पाद शुल्क विवाद में करदाताओं को मिली राहत, कोर्ट ने 2.15 करोड़ की मांग खारिज क

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उत्पाद शुल्क विवाद: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय उत्पाद शुल्क टैरिफ अधिनियम से जुड़े एक महत्वपूर्ण मामले में बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा है कि जब किसी उत्पाद के पुनर्वर्गीकरण के लिए परीक्षण रिपोर्ट का सहारा लिया जाता है

उत्पाद शुल्क विवाद में करदाताओं को मिली राहत, कोर्ट ने 2.15 करोड़ की मांग खारिज क
उत्पाद शुल्क विवाद में करदाताओं को मिली राहत, कोर्ट ने 2.15 करोड़ की मांग खारिज क

उस आधार पर करदाता से अधिक शुल्क की मांग की जाती है, तो संबंधित परीक्षण रिपोर्ट की प्रति करदाता-निर्माता को अनिवार्य रूप से दी जानी चाहिए। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि केवल परीक्षण रिपोर्ट का सार प्रस्तुत करना प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का पालन नहीं माना जा सकता।

यह फैसला सुप्रीम कोर्ट की दो सदस्यीय खंडपीठ — न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां — ने मैसर्स ओसवाल पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा दायर एक अपील की सुनवाई के दौरान सुनाया। अदालत ने इस मामले में ओसवाल पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड के खिलाफ 2.15 करोड़ रुपये की उत्पाद शुल्क मांग को खारिज कर दिया। यह मांग पेट्रोकेमिकल उत्पादों बेंजीन और टोल्यूनि के पुनर्वर्गीकरण के कारण उत्पन्न हुई थी।

उत्पाद शुल्क विवाद: परीक्षण रिपोर्ट बनी मुख्य आधार

विवाद केंद्रीय उत्पाद शुल्क टैरिफ अधिनियम, 1985 के अंतर्गत दो पेट्रोकेमिकल उत्पादों — बेंजीन और टोल्यूनि — की श्रेणी निर्धारण को लेकर था। राजस्व विभाग ने आरोप लगाया था कि कंपनी ने गलत वर्गीकरण के तहत उत्पादों को कम शुल्क दर में शामिल किया था, जबकि वे उच्च शुल्क वाली श्रेणी में आते थे। इसके आधार पर विभाग ने कंपनी को दो अलग-अलग अवधियों के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किए: 1990 से 1992 के लिए 1.97 करोड़ रुपये और जनवरी-फरवरी 1993 के लिए 18.16 लाख रुपये।

विभाग ने इन मांगों को सही ठहराने के लिए परीक्षण रिपोर्टों पर भरोसा किया और बेंजीन व टोल्यूनि का वर्गीकरण बदलकर उन्हें टैरिफ हेडिंग 290200 से हटाकर 270710 और 270720 में रख दिया, जिसके तहत अधिक शुल्क लिया जाता है।

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CESTAT का फैसला और सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई

सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क और सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण (CESTAT) ने 2010 में विभाग की मांग को बरकरार रखा था, जिसके बाद ओसवाल पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड ने सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया। सुप्रीम कोर्ट ने CESTAT के फैसले को खारिज करते हुए यह निर्णय सुनाया कि राजस्व विभाग ने जिस परीक्षण रिपोर्ट के आधार पर पुनर्वर्गीकरण किया, वह रिपोर्ट करदाता को कभी सौंपी ही नहीं गई।

न्यायालय ने कहा कि केंद्रीय उत्पाद शुल्क नियम, 1944 के नियम 56 (2) के अनुसार करदाताओं को परीक्षण के परिणामों की पूर्ण जानकारी देना अनिवार्य है। साथ ही नियम 56 (4) के अंतर्गत उन्हें उस रिपोर्ट को चुनौती देने का अधिकार भी है। यदि करदाता उस रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं है, तो वह दोबारा परीक्षण की मांग कर सकता है। लेकिन इस मामले में विभाग ने न तो परीक्षण रिपोर्ट साझा की और न ही करदाता को पुन: परीक्षण का अवसर दिया।

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प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन

न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां द्वारा लिखे गए निर्णय में कहा गया है कि “परीक्षण रिपोर्ट विभाग द्वारा उठाई गई उच्च शुल्क की मांग का आधार है और उसका अपीलकर्ता को न दिया जाना स्पष्ट रूप से प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन है।”

कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि कोई प्राधिकरण किसी नए दृष्टिकोण को अपनाते हुए ऐसा निर्णय लेता है, जिससे प्रभावित पक्ष पर प्रतिकूल नागरिक परिणाम होते हैं, तो उस दृष्टिकोण का आधार और उससे संबंधित दस्तावेज उस पक्ष को उपलब्ध कराए जाने चाहिए। अन्यथा, निर्णय की निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो सकते हैं।

खंडपीठ ने यह भी टिप्पणी की कि CESTAT द्वारा किया गया व्यापक सामान्यीकरण कि परीक्षण रिपोर्ट का सार बताना ही पर्याप्त है, स्वीकार नहीं किया जा सकता। जब तक पूरी रिपोर्ट नहीं दी जाएगी, तब तक निर्माता दोबारा परीक्षण की मांग करने की स्थिति में नहीं होगा।

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फैसले के प्रमुख बिंदु:
  1. पुनर्वर्गीकरण के लिए प्रयोग की गई परीक्षण रिपोर्ट करदाता को देना अनिवार्य है।
  2. रिपोर्ट का केवल सार देना, नियम 56(2) और 56(4) का उल्लंघन है।
  3. प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के तहत करदाता को पूरा अवसर मिलना चाहिए कि वह रिपोर्ट की वैधता पर सवाल उठा सके।
  4. कोर्ट ने CESTAT का फैसला रद्द कर दिया और अपीलकर्ता के पक्ष में निर्णय सुनाया।
  5. इस निर्णय का असर अन्य ऐसे मामलों पर भी पड़ सकता है, जहां बिना रिपोर्ट साझा किए उच्च शुल्क लगाया गया है।
उत्पाद शुल्क विवाद

उत्पाद शुल्क मामलों में पारदर्शिता की नई मिसाल कायम

सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला न केवल ओसवाल पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड के लिए राहत है, बल्कि यह उत्पाद शुल्क और कर प्रशासन के संचालन में पारदर्शिता और प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों को प्राथमिकता देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह निर्णय यह स्पष्ट करता है कि कर निर्धारण की प्रक्रिया में करदाताओं को उनके अधिकारों से वंचित नहीं किया जा सकता और न ही उन्हें अधूरी जानकारी देकर दंडित किया जा सकता है।

यह मामला उन सभी करदाताओं के लिए नजीर बन सकता है जो परीक्षण रिपोर्ट के आधार पर उत्पन्न हुई शुल्क मांगों को चुनौती देना चाहते हैं।

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GEMINI 3 FEATURES जो ChatGPT को कर सकते हैं Obsolete

Gemini 3 Features ने AI की दुनिया में तहलका मचा दिया है। इसके उन्नत फीचर्स और

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Gemini 3 Features ने AI की दुनिया में तहलका मचा दिया है। इसके उन्नत फीचर्स और नए एल्गोरिदम इंसानों के काम करने के तरीके को पूरी तरह से बदल सकते हैं।

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GEMINI 3 FEATURES उन्नत reasoning और मल्टीमॉडल कौशल

Gemini 3, LMArena leaderboard में शीर्ष स्थान पर है, PhD-स्तर की reasoning क्षमता रखता है और विज्ञान, गणित जैसे विषयों में उच्च सफलता प्राप्त करता है। वीडियो, इमेज और मल्टीमॉडल क्वेरी पर भी यह बेहतरीन प्रदर्शन करता है, जो इसे व्यापक और बहु-आयामी प्रश्नों के लिए उपयुक्त बनाता है।

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Gemini 3 Deep Think मोड

यह नया मोड Gemini 3 की reasoning और समझ को और भी गहरा बनाता है, जिससे कठिन से कठिन समस्याओं का समाधान संभव होता है। इसका प्रदर्शन AI परीक्षाओं में अप्रत्याशित रूप से बेहतर है, जो इसे विश्लेषण और योजना कार्यों में उपयोगी बनाता है।

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सीखना, बनाना, और योजना बनाना

Gemini 3 के साथ सीखना आसान है, चाहे वह परिवार की परंपरागत रेसिपी ट्रांसलेट करना हो या ऐडवांस रिसर्च पेपर का विश्लेषण। यह ब्लॉक्स, कोड और विजुअलाइजेशन के माध्यम से जटिल जानकारियों को समझाने और प्रदर्शित करने में सक्षम है।

डेवलपर्स के लिए नया अनुभव

Google ने Google Antigravity नामक एजेंटिक डेवलपमेंट प्लेटफॉर्म भी लॉन्च किया है, जिससे डेवलपर्स Gemini 3 के साथ अधिक स्वायत्त और कार्य-केंद्रित एप्लिकेशन बना सकते हैं। यह कोडिंग को नए स्तर पर ले जाता है और निरंतर स्व-पुष्टिकरण प्रदान करता है।

योजना और ऑटोमेशन में सुधार

Gemini 3 लंबे समय के लिए योजना बनाने और जटिल, बहु-चरण वाली प्रक्रियाओं को संचालित करने में सक्षम है। यह आपके ईमेल को व्यवस्थित कर सकता है, स्थानीय सेवाएं बुक कर सकता है, और दैनिक कार्यों में मदद करता है।

सुरक्षा और जिम्मेदारी

Google ने Gemini 3 को सबसे सुरक्षित AI मॉडल बनाया है। इसमें साइबर हमलों, गलत जानकारी, और हानिकारक प्रोत्साहनों से सुरक्षा के लिए व्यापक परीक्षण और सहयोग किया गया है।

Gemini 3 का भविष्य

Gemini 3 अभी भी विकास के प्रारंभिक चरण में है और जल्द ही इसके कई नए संस्करण और फीचर जारी होंगे। Google इसे Google एजेंसियों, डेवलपर्स, और एंटरप्राइज क्लाइंट्स तक पहुंचा रहा है।

Gemini 3 की उपलब्धता

Gemini 3 एप्लिकेशन, AI Studio, Vertex AI, Google Antigravity, और Gemini CLI के माध्यम से उपलब्ध है। कॉलैबोरेशन प्लेटफॉर्म्स जैसे GitHub, Replit में भी इसका उपयोग किया जा रहा है।

Gemini 3 पर Google की यह नई पहल AI के आयामों का विस्तार करती है और इसे हर क्षेत्र में व्यावहारिक, सुलभ और अधिक सक्षम बनाती है। इसका लक्ष्य AI को उपयोगकर्ता की आवश्यकताओं के अनुसार व्यक्तिगत और प्रभावी बनाना है।

विषयविवरण
मॉडल का नामGemini 3
मुख्य विशेषताएंउन्नत reasoning, मल्टीमॉडल इनपुट, एजेंटिक कोडिंग
प्रमुख प्रदर्शन मानकLMArena leaderboard topper, PhD-level reasoning
नया मोडGemini 3 Deep Think
उपयोगकर्ता लाभबेहतर सीखना, निर्माण, योजना, और ऑटोमेशन
डेवलपर टूल्सGoogle Antigravity, AI Studio, Vertex AI
सुरक्षाव्यापक परीक्षण, सुरक्षा सुधार
उपलब्धताGemini app, AI Studio, Vertex AI, CLI, Dritt platforms
भविष्य की योजनानए संस्करण, फीचर्स, व्यापक उपयोग
लक्ष्यAI को ज्यादा प्रभावी और व्यक्तिकृत बनाना