ऑपरेशन सिंदूर: भारतीय सेना ने एक बार फिर अपने अदम्य साहस और पराक्रम का परिचय देते हुए पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में स्थित नौ आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर आतंकवाद के खिलाफ एक निर्णायक और सटीक कार्रवाई की है।
यह सैन्य कार्रवाई पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले के दो सप्ताह बाद की गई है, जिसमें 27 निर्दोष भारतीय नागरिकों की दर्दनाक मौत हो गई थी। भारतीय सेना की इस कड़ी कार्रवाई को “ऑपरेशन सिंदूर” नाम दिया गया है। यह ऑपरेशन न केवल शहीदों के बलिदान को सम्मान देने वाला है, बल्कि यह आतंकवाद को मुंहतोड़ जवाब देने वाला एक ऐतिहासिक कदम भी है।
ऑपरेशन सिंदूर: भारतीय सेना की कार्रवाई और आतंकी ठिकानों का सफाया
मंगलवार देर रात 1:05 से 1:30 बजे के बीच भारतीय सेना ने एक सुनियोजित और अत्याधुनिक तकनीक से लैस ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान सीमा में मौजूद लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे खूंखार आतंकी संगठनों के ट्रेनिंग कैंपों और लॉजिस्टिक बेस को निशाना बनाया। इस हमले में सेना ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) और पाकिस्तान की सीमा के भीतर मौजूद कुल नौ आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया।
बताया गया कि यह कार्रवाई सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक की तर्ज पर की गई, लेकिन इसमें आधुनिक मिसाइल प्रणाली और निगरानी तकनीकों का इस्तेमाल किया गया। यह ऑपरेशन भारतीय सैन्य क्षमताओं और इंटेलिजेंस तंत्र की सटीकता को दर्शाता है।
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मायावती ने की सेना की प्रशंसा
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने इस साहसी कार्रवाई के लिए भारतीय सेना की जमकर तारीफ की। उन्होंने बुधवार सुबह अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर लिखा, “पाकिस्तान में नौ आतंकी ठिकानों को ध्वस्त करने की भारतीय सेना की ऑपरेशन सिंदूर की कार्रवाई गौरवमय और सराहनीय है।” उनका यह बयान न केवल भारतीय सेना के मनोबल को बढ़ाने वाला है, बल्कि यह आतंकवाद के खिलाफ एकजुट राजनीतिक समर्थन को भी दर्शाता है।
गृह मंत्री अमित शाह का बयान
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी सेना की इस कार्रवाई को सराहते हुए कहा कि यह पहलगाम में निर्दोष लोगों की नृशंस हत्या पर भारत का करारा जवाब है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “हमारे सशस्त्र बलों पर गर्व है। ऑपरेशन सिंदूर पहलगाम में निर्दोष लोगों की हत्या पर भारत का सटीक जवाब है। मोदी सरकार भारत पर किसी भी हमले का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए संकल्पित है और आतंकवाद को जड़ से समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है।”
आतंकवाद पर भारत की नई नीति
ऑपरेशन सिंदूर यह दर्शाता है कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ रक्षात्मक नहीं, बल्कि आक्रामक नीति अपना रहा है। पाकिस्तान की जमीन पर जाकर आतंकी ठिकानों को खत्म करना दर्शाता है कि भारत अब किसी भी प्रकार की आतंकी कार्रवाई को बर्दाश्त नहीं करेगा। यह सैन्य कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी भारत की दृढ़ इच्छाशक्ति का प्रमाण है।
राजनीतिक और जन समर्थन
मायावती और अमित शाह जैसे नेताओं के बयान यह स्पष्ट करते हैं कि भारतीय सेना की कार्रवाई को राजनीतिक दलों का भरपूर समर्थन प्राप्त है। आम जनता भी इस ऑपरेशन से गदगद है और सोशल मीडिया पर सेना की तारीफों के पुल बांधे जा रहे हैं। लोगों का मानना है कि ऐसे सख्त कदम ही देश की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं।
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पाकिस्तान पर दबाव
भारत की इस सैन्य कार्रवाई के बाद पाकिस्तान एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय दबाव में है। पहले से ही फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की निगरानी सूची में चल रहा पाकिस्तान अब नई मुश्किलों में घिरता नजर आ रहा है। भारत द्वारा आतंकी ठिकानों को खत्म करने का यह कदम न केवल क्षेत्रीय शांति के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ भारत की भूमिका को मजबूत करता है।
सैन्य तैयारियों का प्रदर्शन
ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारतीय सेना ने यह साबित कर दिया है कि वह किसी भी परिस्थिति में त्वरित और निर्णायक कार्रवाई करने में सक्षम है। यह ऑपरेशन सेना की आधुनिक तकनीक, निगरानी प्रणाली, सामरिक योजना और मंशा का उत्कृष्ट उदाहरण है।
आतंक के अड्डों को ध्वस्त कर भेजा सख्त संदेश
ऑपरेशन सिंदूर एक ऐसा साहसिक कदम है जिसने भारत की सैन्य और कूटनीतिक शक्ति को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पुनः स्थापित किया है। यह ऑपरेशन न केवल शहीदों के लिए न्याय है, बल्कि भविष्य में होने वाले आतंकी हमलों के खिलाफ एक चेतावनी भी है। भारतीय सेना, सरकार और नागरिकों के इस सामूहिक समर्थन से स्पष्ट है कि अब देश आतंकवाद को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगा।