केजरीवाल का नया हमला: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत को पत्र लिखकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) की नीतियों और आचरण पर सवाल उठाए हैं।
यह पत्र भारतीय राजनीति में नया विवाद खड़ा कर सकता है, क्योंकि इसमें केजरीवाल ने बीजेपी पर लोकतंत्र को कमजोर करने, दलितों और पूर्वांचलियों के वोट काटने, और खुलेआम पैसे बांटने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं।
केजरीवाल का नया हमला: केजरीवाल ने उठाए ये सवाल
केजरीवाल का नया हमला: केजरीवाल ने अपने पत्र में मोहन भागवत से पूछा कि क्या बीजेपी के गलत कामों का समर्थन RSS करता है। उन्होंने दलितों और पूर्वांचली समुदाय के वोट काटने की घटनाओं पर चिंता जताते हुए पूछा कि क्या यह लोकतंत्र के लिए उचित है। इसके अलावा, उन्होंने बीजेपी द्वारा वोट खरीदने के लिए पैसे बांटने के आरोप लगाते हुए पूछा कि क्या RSS इस तरह की गतिविधियों का समर्थन करता है।
केजरीवाल का कहना है कि बीजेपी ने देश में लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर किया है। उन्होंने लिखा, “बीजेपी द्वारा किए जा रहे कार्यों से लोकतंत्र कमजोर हो रहा है। क्या आपको नहीं लगता कि इन कार्यों पर सवाल उठाया जाना चाहिए?”
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केजरीवाल का नया हमला: पहले भी उठाए थे सवाल
यह पहली बार नहीं है जब अरविंद केजरीवाल ने मोहन भागवत को पत्र लिखा है। पिछले साल सितंबर में भी उन्होंने भागवत को पत्र लिखकर पांच प्रमुख सवाल उठाए थे।
केजरीवाल के पिछले पत्र के सवाल:
- क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ईडी और सीबीआई का दुरुपयोग कर विपक्षी पार्टियों को तोड़ना सही है?
- जिन नेताओं को बीजेपी भ्रष्टाचारी कहती थी, उन्हें अपनी पार्टी में शामिल करना कितना उचित है?
- बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा आरएसएस की आवश्यकता पर उठाए सवाल पर संघ की चुप्पी क्यों है?
- 75 साल की उम्र के बाद सेवानिवृत्ति का नियम क्या प्रधानमंत्री मोदी पर भी लागू होगा?
- प्रधानमंत्री मोदी के आचरण को आरएसएस देश के लिए उचित मानता है?
इन सवालों के माध्यम से केजरीवाल ने बीजेपी और आरएसएस के बीच संबंधों और उनके राजनीतिक दृष्टिकोण पर सवाल खड़े किए थे।
दलितों और पूर्वांचलियों के वोट काटने का मुद्दा
केजरीवाल ने अपने ताजा पत्र में विशेष रूप से दलित और पूर्वांचली समुदाय के वोट काटने के प्रयासों पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने लिखा कि बीजेपी जानबूझकर इन समुदायों को निशाना बना रही है और उनका राजनीतिक हनन कर रही है। “क्या आपको नहीं लगता कि यह लोकतंत्र के खिलाफ है?” केजरीवाल ने भागवत से पूछा।
बीजेपी की कथित धन वितरण प्रक्रिया पर सवाल उठाए केजरीवाल ने
पत्र में केजरीवाल ने बीजेपी पर खुलेआम पैसे बांटने और वोट खरीदने का भी आरोप लगाया। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या आरएसएस ऐसी गतिविधियों का समर्थन करता है। केजरीवाल ने लिखा, “बीजेपी खुलेआम पैसे बांट रही है। क्या यह लोकतंत्र के मूल्यों के खिलाफ नहीं है? क्या आप इसका समर्थन करते हैं?”
लोकतंत्र को कमजोर करने का आरोप
केजरीवाल ने अपने पत्र में बीजेपी पर लोकतंत्र को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए लिखा, “पिछले कुछ वर्षों में बीजेपी ने जो कार्य किए हैं, उनसे यह साफ होता है कि पार्टी लोकतांत्रिक संस्थाओं और प्रक्रियाओं को कमजोर करने में लगी है।” उन्होंने भागवत से पूछा कि क्या आरएसएस इस दिशा में बीजेपी का समर्थन करता है।
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बीजेपी पर एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप
केजरीवाल ने पत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ईडी और सीबीआई जैसी संस्थाओं का इस्तेमाल विपक्षी पार्टियों को कमजोर करने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने भागवत से पूछा कि क्या यह सही है और क्या आरएसएस इसे जायज ठहराता है।
आरएसएस की भूमिका पर सवाल
केजरीवाल ने आरएसएस की भूमिका पर भी सवाल उठाए। उन्होंने लिखा कि जेपी नड्डा के इस बयान पर कि अब आरएसएस की आवश्यकता नहीं है, संघ ने चुप्पी साध ली। केजरीवाल ने पूछा, “क्या यह बयान आरएसएस के लिए अस्वीकार्य नहीं होना चाहिए था?”
AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल ने RSS प्रमुख मोहन भागवत को पत्र लिखा।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 1, 2025
पत्र में लिखा है, "भाजपा ने अतीत में जो भी गलत किया है, क्या RSS उसका समर्थन करता है? भाजपा नेता खुलेआम पैसे बांट रहे हैं, क्या RSS वोट खरीदने का समर्थन करता है? दलित और पूर्वांचली वोट बड़े पैमाने पर काटे जा रहे… pic.twitter.com/RVtUO87n81
प्रधानमंत्री के व्यवहार पर टिप्पणी
पत्र में केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी के आचरण पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि मोदी का व्यवहार देश के लिए नुकसानदायक है और इसे आरएसएस को खुले तौर पर नकारना चाहिए। उन्होंने भागवत से पूछा कि क्या प्रधानमंत्री का आचरण आरएसएस के आदर्शों के अनुरूप है।
केजरीवाल के पत्र के राजनीतिक निहितार्थ
अरविंद केजरीवाल का यह पत्र ऐसे समय में आया है जब देश में राजनीतिक माहौल बेहद गर्म है। यह पत्र बीजेपी और आरएसएस के बीच संबंधों पर सार्वजनिक बहस छेड़ सकता है।
केजरीवाल के सवाल न केवल बीजेपी की नीतियों पर बल्कि आरएसएस की भूमिका और उसके दृष्टिकोण पर भी गंभीर सवाल खड़े करते हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि मोहन भागवत या आरएसएस इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं।
बीजेपी की नीतियों पर केजरीवाल के गंभीर आरोप
अरविंद केजरीवाल का पत्र भारतीय राजनीति में नए विवादों को जन्म दे सकता है। उन्होंने बीजेपी की नीतियों और आचरण पर गंभीर सवाल उठाए हैं और मोहन भागवत से इन सवालों का जवाब देने की मांग की है।
इस पत्र से यह स्पष्ट है कि केजरीवाल बीजेपी और आरएसएस के खिलाफ अपनी राजनीतिक लड़ाई को और अधिक तीव्र करना चाहते हैं। अब यह देखना होगा कि इस पत्र पर राजनीतिक दलों और आरएसएस की क्या प्रतिक्रिया होती है।