केजरीवाल का पत्र: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 14 अक्टूबर 2024 को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने राजधानी में बिगड़ती कानून-व्यवस्था पर गंभीर चिंता जताई।
केजरीवाल ने पत्र में दिल्ली को ‘अपराध राजधानी’ कहा और शहर में बढ़ते अपराध, बम धमकियों और जबरन वसूली की घटनाओं का हवाला दिया। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री से मुलाकात का समय मांगा ताकि इस मुद्दे पर चर्चा की जा सके और दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए त्वरित कार्रवाई की जा सके।
केजरीवाल का पत्र: केजरीवाल का पत्र और इसके प्रमुख बिंदु
केजरीवाल का पत्र: अरविंद केजरीवाल का पत्र केंद्र सरकार और विशेष रूप से गृह मंत्री अमित शाह पर सीधा हमला था। उन्होंने दिल्ली की कानून-व्यवस्था को लेकर केंद्र सरकार की असफलताओं को उजागर करते हुए लिखा कि दिल्ली अब अपराधों और असुरक्षा के कारण ‘रेप कैपिटल’, ‘गैंगस्टर कैपिटल’ और ‘ड्रग कैपिटल’ के नाम से जानी जा रही है। केजरीवाल ने यह भी बताया कि हाल ही में कई प्रमुख स्थानों, जैसे स्कूल, अस्पताल, मॉल और हवाई अड्डे, को बम से उड़ाने की धमकियां मिली हैं।
पत्र में केजरीवाल ने विशेष रूप से महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों और जबरन वसूली के गिरोहों की सक्रियता पर चिंता जताई। उन्होंने यह सवाल उठाया कि इतने गंभीर मामलों में दोषियों को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया। केजरीवाल ने कहा, “हमारी राजधानी में महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ते जा रहे हैं, और लोगों को डर के साए में जीने पर मजबूर किया जा रहा है।”
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केजरीवाल का पत्र: दिल्ली को ‘अपराध राजधानी’ कहा जा रहा है
केजरीवाल ने अपनी चिंता में कहा कि दिल्ली को ‘अपराध राजधानी’ का खिताब मिलना केंद्र सरकार की विफलता का परिणाम है। उन्होंने उल्लेख किया कि यह शर्मनाक है कि एक तरफ दिल्ली का नाम राष्ट्रीय राजधानी के रूप में गौरवशाली है, जबकि दूसरी तरफ अपराधियों के बढ़ते प्रभाव के कारण यह शहर ‘रेप कैपिटल’, ‘गैंगस्टर कैपिटल’ और ‘ड्रग कैपिटल’ के नाम से भी जाना जाने लगा है।
उन्होंने यह भी बताया कि 2019 से लेकर अब तक मादक पदार्थों से जुड़े अपराधों में 350 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस दौरान औसतन हर दिन तीन महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटनाएं सामने आईं। इसके साथ ही व्यापारियों को नियमित रूप से जबरन वसूली के कॉल्स मिल रहे हैं, जो उनके व्यवसाय को गंभीर रूप से प्रभावित कर रहे हैं।
बम धमकियों का बढ़ता सिलसिला
केजरीवाल ने पत्र में बम धमकियों के मामलों का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि पिछले छह महीनों में 600 से अधिक स्कूलों, 100 से अधिक अस्पतालों, मॉल और हवाई अड्डों को बम धमकियों के संदेश मिले हैं। केजरीवाल ने सवाल किया कि अगर दिल्ली में इतनी बड़ी संख्या में बम धमकियों के संदेश आ रहे हैं, तो दोषियों को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया है और क्यों इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है?
उन्होंने यह भी पूछा कि जब स्कूलों और अन्य सार्वजनिक स्थानों को खाली कर दिया जाता है, तो बच्चों और उनके माता-पिता को जो मानसिक और शारीरिक आघात पहुंचता है, उस पर क्या विचार किया गया है। उन्होंने सरकार से यह सवाल किया कि क्या उसने कभी इस पर सोचा है कि बच्चों और उनके माता-पिता पर क्या असर पड़ता है, जब उन्हें एक झटके में अपने घरों की ओर वापस भेज दिया जाता है?
महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध
केजरीवाल ने दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों पर भी गंभीर चिंता जताई। उन्होंने बताया कि दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में तेजी से वृद्धि हो रही है। विशेष रूप से बलात्कार और यौन हिंसा की घटनाएं बढ़ गई हैं, और इन अपराधों में संलिप्त अपराधियों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
उन्होंने दावा किया कि दिल्ली देश के 19 प्रमुख महानगरों में महिलाओं के खिलाफ अपराध और हत्याओं के मामलों में पहले स्थान पर है। उन्होंने कहा, “यह हमारी राजधानी के लिए बेहद शर्मनाक है कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों में हम सबसे ऊपर हैं, और इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।”
व्यापारियों के लिए चिंता का कारण
केजरीवाल ने यह भी कहा कि दिल्ली के व्यापारी जबरन वसूली करने वाले गिरोहों से परेशान हैं। इन गिरोहों द्वारा व्यापारियों से पैसों की मांग की जा रही है, और वे नियमित रूप से उन्हें धमकियां दे रहे हैं। इससे व्यापारियों के लिए काम करना मुश्किल हो गया है और उनका मानसिक तनाव बढ़ा है।
उन्होंने इस संदर्भ में कहा कि जबरन वसूली करने वाले गिरोह पूरे शहर में सक्रिय हैं, और उन्हें पकड़ने के लिए पुलिस द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। यह स्थिति दिल्ली के व्यापारिक माहौल को प्रभावित कर रही है और व्यापारियों के लिए निरंतर चिंता का विषय बनी हुई है।
कानून-व्यवस्था को पटरी पर लाना जरूरी
केजरीवाल ने केंद्रीय गृह मंत्री से मुलाकात का समय मांगा और उनसे दिल्ली की बिगड़ी हुई कानून-व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए तत्काल कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि यह स्थिति बहुत गंभीर हो गई है और इसे राजनीति से ऊपर उठकर सुलझाने की आवश्यकता है।
उन्होंने यह भी कहा कि दिल्लीवासियों के मन में अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या राजधानी दिल्ली में रहने वाले लोग बेहतर कानून-व्यवस्था के हकदार नहीं हैं? उनका यह दावा था कि दिल्लीवासियों को सुरक्षित महसूस करने का अधिकार है, और यह तभी संभव है जब केंद्र सरकार इस मुद्दे पर तुरंत कार्रवाई करे।
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दिल्ली में बढ़ती असुरक्षा पर केजरीवाल का आक्रोश
केजरीवाल ने पत्र में कहा कि वह दिल्लीवासियों के बीच जाकर यह महसूस कर रहे हैं कि लोग अब कानून-व्यवस्था को लेकर बहुत चिंतित हैं। वे इस बात से परेशान हैं कि दिल्ली में उन्हें सुरक्षा का एहसास नहीं हो रहा है। यह चिंता चुनावों से पहले विशेष रूप से अहम है क्योंकि आगामी दिल्ली विधानसभा चुनावों में कानून-व्यवस्था एक प्रमुख मुद्दा बन सकता है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली को देश की राजधानी माना जाता है और यहां रहने वाले लोगों को सुरक्षित महसूस करना चाहिए, लेकिन वर्तमान स्थिति यह बता रही है कि दिल्ली में असुरक्षा का माहौल बढ़ गया है।
आगामी विधानसभा चुनावों में बनेगा अहम मुद्दा
अरविंद केजरीवाल द्वारा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लिखा गया पत्र न केवल दिल्ली की बिगड़ती कानून-व्यवस्था को लेकर चिंता को दर्शाता है, बल्कि यह एक गंभीर राजनीतिक संदेश भी है। यह पत्र केंद्र सरकार से इस मुद्दे पर शीघ्र कार्रवाई करने की अपील करता है। केजरीवाल ने जिस तरह से दिल्ली को ‘अपराध राजधानी’ और ‘रेप कैपिटल’ जैसी उपाधियों से नवाजने का आरोप लगाया है, वह केंद्र सरकार के लिए एक बड़ा राजनीतिक और प्रशासनिक चुनौती प्रस्तुत करता है।
अगर दिल्ली में कानून-व्यवस्था की स्थिति में तत्काल सुधार नहीं होता है, तो यह आने वाले विधानसभा चुनावों में एक बड़ा मुद्दा बन सकता है, और इससे केंद्र सरकार को भी गंभीर राजनीतिक परिणामों का सामना करना पड़ सकता है।