Telegram पर हालिया विवाद और इसके CEO की गिरफ्तारी के बाद इसे “Dark Web Lite” कहे जाने पर उठे सवालों की चर्चा। प्लेटफार्म की सुरक्षा पर बहस।
Telegram News: टेलीग्राम CEO Pavel Durov की गिरफ्तारी के बाद प्लेटफॉर्म की सुरक्षा पर उठे सवाल:
Telegram: टेलीग्राम के CEO Pavel Durov की गिरफ्तारी ने एक बार फिर इस प्लेटफॉर्म को सुर्खियों में ला दिया है। फ्रांस में Durov को प्लेटफॉर्म पर आवश्यक मॉडरेशन प्रक्रियाओं का पालन न करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। टेलीग्राम पर यूज़र्स की प्राइवेसी के लिए कई फीचर्स उपलब्ध हैं, जिनका गलत इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे प्लेटफॉर्म की सुरक्षा और मॉडरेशन पर सवाल उठ रहे हैं।
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Telegram इन दिनों चर्चा में है: CEO Pavel Durov की गिरफ्तारी:
Telegram: टेलीग्राम के CEO Pavel Durov को हाल ही में फ्रांस की राजधानी पेरिस में गिरफ्तार कर लिया गया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने टेलीग्राम पर गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए पर्याप्त कार्रवाई नहीं की और आवश्यक मॉडरेशन प्रक्रिया का पालन नहीं किया। इस घटना ने टेलीग्राम की सुरक्षा और मॉडरेशन नीतियों पर नए सवाल खड़े कर दिए हैं।
लीक डेटा और पाइरेटेड सामग्री:
Telegram: यह प्लेटफॉर्म दुनियाभर में अत्यधिक लोकप्रिय है और इसके माध्यम से लीक डेटा, पाइरेटेड मूवीज़, और मैलवेयर जैसी गतिविधियाँ होती हैं। इसे “डार्क वेब लाइट” भी कहा जा सकता है, क्योंकि इस पर वे सभी गतिविधियाँ होती हैं जो डार्क वेब पर की जाती हैं। यहाँ पॉर्नोग्राफिक कंटेंट से लेकर चोरी का डेटा भी बेचा जाता है। भारत में भी इस प्लेटफॉर्म की व्यापक लोकप्रियता है।
कोलकाता रेप मामले में टेलीग्राम पर वीडियो सर्कुलेट करने का विवाद:
Telegram: कुछ दिन पहले इंडिया टुडे ने रिपोर्ट किया था कि टेलीग्राम पर कोलकाता रेप मामले से संबंधित वीडियो सर्कुलेट किए जा रहे थे, जिससे विवाद बढ़ गया है। इस मामले में कोलकाता में अब भी प्रदर्शन जारी हैं। टेलीग्राम का उपयोग केवल चोरी के डेटा और मैलवेयर तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसका गलत इस्तेमाल कई अन्य तरीकों से भी किया जा रहा है।
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भारत विरोधी आतंकी संगठनों का उपयोग:
Telegram: इस प्लेटफॉर्म का उपयोग भारत विरोधी आतंकी संगठनों द्वारा भी किया जाता है। आतंकवादी यहाँ अपने लक्ष्यों की सूची बनाते हैं और भारतीय सैनिकों पर हमले के वीडियो साझा करते हैं। इसके अलावा, चाइल्ड पॉर्नोग्राफी से संबंधित कंटेंट भी इस प्लेटफॉर्म पर शेयर किया जाता है, जिसके कारण मंत्रालय ने 2023 में नोटिस जारी किया था।
अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की तुलना:
Telegram: सवाल यह है कि साइबर क्रिमिनल्स और आतंकवादियों को यह प्लेटफॉर्म इतना पसंद क्यों है? इसका मुख्य कारण यह है कि यह प्लेटफॉर्म अपनी पहचान छुपाकर इस्तेमाल करने की सुविधा प्रदान करता है, जबकि अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर आपको अपनी पहचान बनानी पड़ती है।
टेलीग्राम और Fragment की कड़ी:
टेलीग्राम पर आप गुमनाम रहकर भी सभी गतिविधियाँ कर सकते हैं। इसके लिए, आपको Fragment का इस्तेमाल करके ब्लॉकचेन बेस्ड नंबर प्राप्त करना होता है। Fragment प्लेटफॉर्म को भी टेलीग्राम के संस्थापक ने ही बनाया है।
सुरक्षित एन्क्रिप्शन:
इसके अतिरिक्त, टेलीग्राम का Secret Chat फीचर उपयोगकर्ताओं के बीच की बातचीत को एन्क्रिप्ट करता है। कंपनी इन चैट्स की जानकारी को संग्रहित नहीं करती, जिससे एजेंसियों के लिए इन वार्तालापों को ट्रैक करना मुश्किल होता है। यही कारण है कि साइबर क्रिमिनल्स इस प्लेटफॉर्म को पसंद करते हैं।
कंटेंट एक्सेस की सुविधा:
आम लोगों में भी टेलीग्राम काफी लोकप्रिय है। इस प्लेटफॉर्म पर उपयोगकर्ताओं को हाल में रिलीज़ हुई फिल्मों के लिंक मिल जाते हैं, साथ ही Netflix, Amazon Prime और अन्य स्ट्रीमिंग सेवाओं के अनधिकृत ईमेल अकाउंट्स भी प्राप्त होते हैं, जिनके माध्यम से इनका कंटेंट एक्सेस किया जा सकता है।