जंगपुरा की जंग: दिल्ली के जंगपुरा इलाके में मद्रासी कैंप (झुग्गी-झोपड़ी बस्ती) में बुलडोजर चलाए जाने की घटना ने राजनीतिक रंग ले लिया है।
AAP, BJP और कांग्रेस एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं, जबकि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने AAP को ‘नौटंकी पार्टी’ करार दिया। मामले की गहराई, कोर्ट-आदेशों और पुनर्वास की विसंगतियों को समझने के लिए नीचे पूरी रिपोर्ट पढ़ें।
1. कोर्ट-आदेश पर बुलडोजर, बाड़ा पुल्ला ड्रेन को साफ करने की जरूरत
- दिल्ली उच्च न्यायालय ने बारापुल्ला ड्रेन पर बस्ती हटाने का चार बार आदेश दिया था, ताकि मॉनसून में बाढ़ की आशंका टली जा सके ।
- इसलिए मद्रासी कैंप में जेसीबी द्वारा दबाव डाला गया। हालांकि CM रेखा गुप्ता ने स्पष्ट कहा कि यह कार्रवाई “कोर्ट के आदेश के अनुसार” की गई और किसी झुग्गी को तब तक नहीं हटाया गया जब तक पुनर्वास सुनिश्चित नहीं हुआ।
2. पुनर्वास में गड़बड़ी का आरोप
- दिल्ली सरकार का कहना है कि अदालत ने पात्र परिवारों को Narela में फ्लैट आवंटित किया था लेकिन AAP और कांग्रेस का दावा है कि कम से कम 800 झुग्गी-पड़ोसियों को धड़ल्ले से हटाया गया ।
- AAP प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने कहा कि “चुनाव से पहले BJP ने झुग्गियों का दौरा कर वोट मांगे, लेकिन अब चुनाव जीतते ही मकान तोड़े जा रहे हैं। यह विश्वासघात है।”
- कांग्रेस नेता देवेंद्र यादव ने भी इसे “दुखद” बताया और कहा कि जिन 155 परिवारों को वैकल्पिक आवास मिले, उनमें भी बिजली, पानी और सड़कों जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं थीं।
3. CM रेखा गुप्ता का AAP पर तीखा हमला
- CM ने AAP के कार्यकर्ताओं की आलोचना करते हुए कहा, “झुग्गी-झोपड़ियों को कोई हाथ तक नहीं लगाया गया—AAP की केवल नौटंकी है। वे बेरोजगार लोगों को उकसा रहे हैं, जनता को बहकाने का काम कर रहे हैं।”
- उन्होंने कोर्ट-आदेशों का हवाला देते हुए यह भी कहा कि अगर कोई घर नाले या सड़क पर बना है, तो उसे हटाना सुनिश्चित रहेगा, क्योंकि इससे पूरे शहर की व्यवस्था सामान्य होती है।
4. BJP का पक्ष: न्याय और नियोजन का उद्देश्य
- BJP का यह कहना है कि बारापुल्ला ड्रेन को साफ करने के पीछे मकसद साफ-सफाई और बाढ़-निवारण था।
- रेखा गुप्ता ने यह दावा कर कहा कि राज्य सरकार ने झुग्गीवासियों के लिए ₹700 करोड़ का बजट रखा है, जिसमें साफ-सफाई, शौचालय, स्नानघर और बाद में पक्का मकान देना शामिल है ।
- उन्होंने पेचीदगियों को दूर करने के लिए न्यायपालिका, कायदे, शहरी नियोजन और पुनर्वास योजनाओं को साथ में चलाने में विश्वास जताया।
5. पुनर्वास की अपेक्षाएं और यात्राएं टूटे वादे
- तमिलनाडु सरकार ने मद्रासी कैंप के वंचित निवासियों को वापस लौटने पर मदद का प्रस्ताव दिया है ।
- कई परिवारों ने कहा कि नरेला में उपलब्ध फ्लैट्स 40 किमी दूर हैं, जिनमें कोई सामाजिक आधारभूत सेवाएं नहीं हैं। ऐसे में कई लोग रोजगार और शिक्षा से वंचित हो जाएंगे।
6. कहना है—“कोर्ट कहे तो कोई कुछ नहीं कर सकता”
- रेखा गुप्ता ने दोहराया कि दिल्ली सरकार न्यायपालिका के आदेश का पालन कर रही है और यदि अदालत ने कायदों के अनुरूप काम करने को कहा है, तो वह जनता को वह सुविधा दे रही है। उन्होंने AAP को अनियंत्रित और लोकप्रियता के लिए राजनीति करने वाला बताया ।
7. कितना वास्तव में हुआ का निर्माण?
पहल | विवरण |
मंडों पर हटाई गई झुग्गियाँ | ~400 झुग्गियाँ तोड़ी गईं |
पात्र परिवारों को फ्लैट | 370 में से लगभग 189 परिवारों को नरेला में फ्लैट अलॉटेड |
फ्लॉड कंट्रोल उद्देश्य | ड्रेन की सफाई और मशीनों की पहुंच सुनिश्चित करना था |
8. राजनीतिक टकराव और भाषणबाजी
- AAP ने इसे सामाजिक असमानता और चुनावी धोखाधड़ी करार दिया, कहकर कि “जहाँ झुग्गी थी, वहाँ मकान का वादा झूठा निकला।”
- विपक्ष ने यह सवाल उठाया कि क्या भाजपा—जो “जहां झुग्गी वहीं मकान” का वादा लेकर आई—वाकई उसका पालन कर रही है?
- CM ने इसे “निरंकुश” बताते हुए कहा कि AAP ने खुद झुग्गियों में धरना दिया था, इसलिए उन्हें इस विरोध की नैतिक अनुमति नहीं।
पुनर्वास के दावे बनाम ज़मीनी हकीकत पर मचा सियासी घमासान
- परिवारों की सुरक्षा और पुनर्वास: दिल्ली सरकार कह रही है कि कोई भी परिवार बेघर नहीं होगा। लेकिन AAP और कांग्रेस का कहना है कि “भ्यगड़ों को दूर हटाया गया, लेकिन उन्हें सुविधाजनक स्थान नहीं दिए गये।”
- न्यायपालिका का फोकस: कोर्ट के आदेश को लागू कराने की जिम्मेदारी पर दिल्ली सरकार अड़ी हुई नजर आती है।
- राजनीतिक अभिव्यक्ति और ‘बुलडोजर राजनीति’: यह मसला सिर्फ बुलडोजर कार्रवाई या अतिक्रमण का नहीं, बल्कि राजनीतिक संवाद, वादों का सच और संवेदनशीलता का भी संकेत है।
AAP की नौटंकी एक्सपोज़ हो गई है
AAP और CM के बीच आक्रामक कटाक्ष, नक्सल छवियों के साथ झगड़ा—एक संघर्षात्मक टकराव जो केवल एक वीडियो में भी देखने लायक है।