दिल्ली एमसीडी मेयर चुनाव: नई दिल्ली- दिल्ली की सियासत में इन दिनों हलचल मची हुई है।
एक तरफ दिल्ली सरकार के कामकाज को लेकर बयानबाज़ी जारी है, तो दूसरी तरफ एमसीडी (नगर निगम) में मेयर पद का चुनाव भी चर्चा का विषय बना हुआ है। इस बीच बड़ी खबर यह आई है कि दिल्ली की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (AAP) ने इस बार एमसीडी मेयर का चुनाव न लड़ने का फैसला किया है। इसके साथ ही भारतीय जनता पार्टी (BJP) के उम्मीदवार राजा इकबाल सिंह का मेयर बनना लगभग तय माना जा रहा है।
बीजेपी के पास इस समय निगम में बहुमत है और अब आम आदमी पार्टी के मैदान से हटने के बाद पार्टी के उम्मीदवार को मेयर की कुर्सी मिलने में कोई बड़ी रुकावट नहीं रह गई है। दिल्ली में इस महीने के आखिरी तक मेयर पद का चुनाव होना है और इससे पहले ही सियासी समीकरण पूरी तरह बीजेपी के पक्ष में होते दिख रहे हैं।
दिल्ली एमसीडी मेयर चुनाव: बीजेपी का दावा — “दिल्ली में अब ट्रिपल इंजन सरकार”
बीजेपी पहले से ही दिल्ली नगर निगम (MCD) में सत्ता में वापसी का सपना देख रही थी। हालांकि पिछले चुनावों में आम आदमी पार्टी ने पहली बार एमसीडी में बहुमत हासिल कर बीजेपी के 15 साल लंबे शासन को खत्म किया था। लेकिन अब बीजेपी के लिए एक बार फिर मौका बन गया है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा है कि अगर मेयर का पद हमारी पार्टी को मिलता है तो दिल्ली में ट्रिपल इंजन सरकार होगी — केंद्र में मोदी सरकार, उपराज्यपाल के रूप में बीजेपी का प्रतिनिधित्व और अब एमसीडी में भी बीजेपी का मेयर।
बीजेपी की तरफ से मेयर पद के लिए राजा इकबाल सिंह को उम्मीदवार घोषित किया गया है। इसके अलावा, जयभगवान यादव को डिप्टी मेयर पद का उम्मीदवार बनाया गया है। दोनों नेताओं ने मेयर चुनाव के लिए अपना नामांकन भी दाखिल कर दिया है।
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क्यों पीछे हटी आम आदमी पार्टी?
आम आदमी पार्टी (AAP) ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पार्टी की वरिष्ठ नेता और दिल्ली की कालकाजी विधानसभा से विधायक आतिशी ने कहा कि बीजेपी लगातार एमसीडी में भ्रष्टाचार और खरीद-फरोख्त की राजनीति कर रही है। आतिशी ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने निगम पार्षदों को डराया, धमकाया और पार्टी से तोड़ने की साजिशें कीं। इसके बाद पार्टी ने फैसला किया है कि वो इस बार मेयर पद का चुनाव नहीं लड़ेगी।
उन्होंने कहा —
“हमने देखा कि किस तरह से बीजेपी ने एमसीडी में अपने प्रभाव का गलत इस्तेमाल किया। पहले भी जब परिसीमन हुआ था, तब बीजेपी ने वार्डों को मनमाने तरीके से इधर-उधर किया और गड़बड़ियां कीं। इसके बावजूद जनता ने बीजेपी को हराया और आम आदमी पार्टी की सरकार बनाई। अब जब बीजेपी को मेयर चुनाव में बहुमत मिल ही गया है, तो हम इस तोड़फोड़ की राजनीति में हिस्सा नहीं लेंगे।”
विपक्ष की भूमिका निभाएगी AAP
आतिशी ने कहा कि आम आदमी पार्टी एमसीडी में मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि पार्टी पारदर्शिता और ईमानदारी के साथ दिल्ली की जनता के हक की लड़ाई लड़ेगी।
उन्होंने कहा —
“हम बीजेपी की ट्रिपल इंजन सरकार को बख्शने वाले नहीं हैं। चाहे केंद्र हो या नगर निगम, हम जनता की समस्याओं को पुरजोर तरीके से उठाएंगे।”
उन्होंने कहा कि पार्टी निगम में भ्रष्टाचार के मामलों को लगातार उजागर करती रहेगी और जनता के लिए सवाल पूछेगी।
MCD में सीटों का गणित
दिल्ली नगर निगम (MCD) में कुल 250 वार्ड हैं। इसके अलावा, लोकसभा और विधानसभा के सांसद-विधायक भी मेयर के चुनाव में वोटिंग करते हैं। इस समय स्थिति यह है:
- बीजेपी के पास: 135 वोट
- आम आदमी पार्टी के पास: 119 वोट
- कांग्रेस: 8 वोट
- अन्य: 2 वोट
जैसे ही आम आदमी पार्टी ने चुनाव से हटने का ऐलान किया, बीजेपी के लिए रास्ता साफ हो गया। कांग्रेस की तरफ से अभी तक इस चुनाव में भागीदारी को लेकर कोई अंतिम बयान नहीं आया है। हालांकि जानकारों का मानना है कि कांग्रेस भी इस बार चुनाव से बाहर रह सकती है या फिर किसी भी पक्ष को समर्थन नहीं देगी।
ऐसे में बीजेपी उम्मीदवार राजा इकबाल सिंह के निर्विरोध मेयर बनने की संभावना प्रबल हो गई है।
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राजा इकबाल सिंह कौन हैं?
राजा इकबाल सिंह बीजेपी के पुराने और अनुभवी नेता हैं। वह निगम में लंबे समय से पार्षद हैं और पार्टी के भीतर एक मजबूत संगठनकर्ता माने जाते हैं। निगम में उनका अच्छा प्रभाव है और पुराने पार्षदों में उनका खासा सम्मान भी है।
बीजेपी की रणनीति रही है कि निगम की बागडोर इस बार ऐसे नेता के हाथों में सौंपी जाए, जो न केवल प्रशासनिक अनुभव रखता हो, बल्कि पार्टी के भीतर और बाहर भी सबको साधकर चल सके। राजा इकबाल सिंह उसी छवि के नेता माने जाते हैं।
उन्हें निगम के कामकाज और प्रशासनिक प्रक्रियाओं की गहरी समझ है। पार्टी का मानना है कि उनके नेतृत्व में निगम बेहतर काम कर पाएगा और दिल्ली में विकास के कामों में तेजी आएगी।
बीजेपी का बड़ा दावा — विकास कार्यों में आएगी रफ्तार
बीजेपी नेताओं का दावा है कि राजा इकबाल सिंह के मेयर बनने के बाद निगम के रुके हुए विकास कार्यों में तेजी आएगी। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी अब निगम, दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच बेहतर तालमेल से राजधानी में विकास के काम करेगी।
उनका कहना है कि दिल्ली के नागरिकों को साफ-सफाई, कूड़ा प्रबंधन, सीवर व्यवस्था, पार्कों की देखरेख और नगर निगम से जुड़े अन्य कामों में अब कोई परेशानी नहीं होगी। निगम पूरी क्षमता से जनता के लिए काम करेगा और इसके लिए कोई बहाना नहीं बनाया जाएगा।
मेयर चुनाव को लेकर दिल्ली में बढ़ी सियासी बयानबाजी
मेयर चुनाव के बहाने दिल्ली में एक बार फिर सियासत गरमा गई है। आम आदमी पार्टी जहां बीजेपी पर लगातार आरोप लगा रही है, वहीं बीजेपी ने इसे अपनी लोकतांत्रिक जीत बताया है। बीजेपी का कहना है कि पार्षदों का विश्वास पार्टी में है और इसी के बल पर मेयर पद पार्टी को मिल रहा है।
आतिशी ने कहा —
“बीजेपी खरीद-फरोख्त की राजनीति में लगी है। बीजेपी ने पहले भी एमसीडी का चुनाव रुकवाया, परिसीमन में धांधली की और अब जब कोई रास्ता नहीं बचा तो पार्टी ने पार्षदों को तोड़ने की कोशिश की। हमारी पार्टी ने फैसला किया है कि हम इस खेल में शामिल नहीं होंगे।”
दिल्ली एमसीडी मेयर चुनाव में सियासी घमासान चरम पर
दिल्ली नगर निगम का मेयर चुनाव इस बार भी सियासत और आरोप-प्रत्यारोप के बीच हो रहा है। जहां आम आदमी पार्टी मैदान से हट गई है, वहीं बीजेपी के लिए इसका सीधा फायदा हुआ है। राजा इकबाल सिंह का मेयर बनना लगभग तय है और पार्टी अब निगम में विकास कार्यों के लिए जिम्मेदारी संभालने की तैयारी कर रही है।
देखना दिलचस्प होगा कि क्या वाकई में बीजेपी दिल्ली में अपनी ट्रिपल इंजन सरकार के दावे के मुताबिक एमसीडी में विकास की रफ्तार बढ़ा पाएगी, या फिर विपक्ष के तौर पर AAP इसे सियासी मुद्दा बनाए रखेगी।