दिल्ली विधानसभा चुनाव 2024: नई दिल्ली- दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आगामी दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं से अपने दृष्टिकोण को साझा किया।
उन्होंने चुनावी रणनीति को लेकर एक स्पष्ट दिशा दी, जिसमें चुनावी टिकट वितरण का फार्मूला और पार्टी की एकजुटता पर जोर दिया गया। केजरीवाल ने कार्यकर्ताओं से आंतरिक कलह से दूर रहने की अपील की और पार्टी को पिछली बार से अधिक सीटें जीतने के लक्ष्य की ओर अग्रसर होने के लिए उत्साहित किया।
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2024: कार्यों और सर्वेक्षण रिपोर्ट पर आधारित होगा निर्णय
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2024: केजरीवाल ने चुनाव में टिकट वितरण को लेकर स्पष्ट रूप से कहा कि पार्टी की ओर से उम्मीदवारों का चयन उनके द्वारा किए गए काम और सर्वेक्षण रिपोर्ट के नतीजों के आधार पर किया जाएगा। पार्टी नेतृत्व का मानना है कि जो कार्यकर्ता और उम्मीदवार जनता की सेवा में ईमानदारी से जुटे रहे हैं, वही पार्टी का टिकट पाने के योग्य हैं।
अरविंद केजरीवाल ने यह भी कहा कि परिवारवाद और वंशवाद को लेकर उनकी पार्टी का कोई रुझान नहीं है। उनका उद्देश्य केवल पार्टी कार्यकर्ताओं के जरिए दिल्ली के विकास को आगे बढ़ाना है और उनका ध्यान केवल पार्टी के सिद्धांतों पर केंद्रित है, न कि किसी पारिवारिक लाभ या रिश्तेदारों को सत्ता में लाने की कोशिश पर।
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केजरीवाल ने परिवारवाद और भाई-भतीजावाद पर कसा तंज
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2024: केजरीवाल ने अपने संबोधन में स्पष्ट किया कि जब वे जेल से बाहर आए थे, तो कई लोगों ने यह आशंका जताई थी कि वे अपनी पत्नी को दिल्ली का मुख्यमंत्री बना देंगे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। इसके पीछे उनका स्पष्ट तर्क था कि उन्हें परिवारवाद में विश्वास नहीं है। उन्होंने कहा, “मेरी पत्नी की राजनीति में कोई रुचि नहीं है।
मैं परिवारवाद या भाई-भतीजावाद में विश्वास नहीं करता।” इस बयान के जरिए उन्होंने यह संदेश देने की कोशिश की कि आम आदमी पार्टी का कोई भी नेता परिवार के आधार पर चुनावी टिकट नहीं पाएगा, बल्कि यह केवल उनके कार्यों और जनता के बीच उनकी स्वीकार्यता पर निर्भर करेगा।
मंडल प्रभारी होंगे अहम भूमिका में
आगामी चुनाव में पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच जिम्मेदारियों को बखूबी बांटा जाएगा। केजरीवाल ने विशेष रूप से मंडल प्रभारियों की भूमिका पर जोर दिया और कहा कि वे इस चुनाव में सबसे अहम भूमिका निभाएंगे। प्रत्येक मंडल प्रभारी के तहत पांच मतदान केंद्र आते हैं, जिनमें लगभग 200 घर होते हैं। केजरीवाल ने कहा कि यह जिम्मेदारी है कि हर मंडल प्रभारी उन क्षेत्रों में एक बार अवश्य जाएं, घर-घर जाकर लोगों से संवाद करें और उन्हें मतदान के लिए प्रेरित करें।
उन्होंने यह भी कहा कि कार्यकर्ताओं को चाहिए कि वे लोगों को केवल अपने पार्टी के समर्थन में नहीं बल्कि उनके रोज़मर्रा के जीवन में महंगाई से राहत और उनके बच्चों के भविष्य के लिए हमारी योजनाओं के बारे में बताएं।
ग़ैर-राजनीतिक रणनीतियाँ और पार्टी कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाना
केजरीवाल ने कहा कि टिकटों का वितरण न केवल कार्यकर्ताओं के कार्यों पर आधारित होगा, बल्कि उनकी सक्रियता और चुनावी क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए प्रयासों पर भी निर्भर करेगा। पार्टी कार्यकर्ताओं को आंतरिक कलह से दूर रहने की सलाह दी गई है और सभी को एकजुट होकर चुनावी मैदान में उतरने का आह्वान किया गया है।
इसके साथ ही, पार्टी कार्यकर्ताओं को यह भी बताया गया कि उन्हें किसी भी विधायक या पार्षद के प्रति कोई वफादारी नहीं रखनी चाहिए। केवल केजरीवाल ही पार्टी का एकमात्र नेता हैं और कार्यकर्ताओं को उन्हीं के सिद्धांतों और नेतृत्व के तहत काम करना चाहिए।
बीजेपी पर तंज, मुफ्त रेवड़ी के आरोप
केजरीवाल ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर भी निशाना साधा और आरोप लगाया कि बीजेपी अब आम आदमी पार्टी की नीतियों को अपना रही है। उन्होंने दावा किया कि अब अमित शाह ने भी 200 यूनिट मुफ्त बिजली और महिलाओं को 1,000 रुपये देने का ऐलान किया है। यह वही नीतियां हैं जो पहले आम आदमी पार्टी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में शामिल की थीं। केजरीवाल ने यह आरोप लगाया कि बीजेपी अब ‘AAP की भाषा’ बोल रही है, जो दर्शाता है कि पार्टी की योजनाओं ने अन्य राजनीतिक दलों को अपनी नीतियां बदलने पर मजबूर कर दिया है।
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AAP की ‘गारंटी’ और मोदी की ‘मोदी गारंटी’
केजरीवाल ने एक और महत्वपूर्ण मुद्दे की ओर इशारा किया। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने ‘गारंटी’ की बात शुरू की थी, तो कई लोगों ने इसका मजाक उड़ाया था, लेकिन अब यह बीजेपी द्वारा भी अपनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मोदी जी अब अपनी योजनाओं को ‘मोदी की गारंटी’ कहकर पेश कर रहे हैं, जो यह साबित करता है कि आम आदमी पार्टी की नीतियां जनता के बीच लोकप्रिय हो चुकी हैं और विपक्ष को उन्हें अपनाना पड़ रहा है।
AAP की नीतियों और जनता से जुड़ाव
आखिरकार, केजरीवाल ने कार्यकर्ताओं से यह भी कहा कि यह उनका कर्तव्य है कि वे जनता के बीच जाएं और उनसे संवाद करें। वे खुद को यह जिम्मेदारी सौंपते हैं कि जनता को यह बताए कि भले ही उनके खिलाफ कई शिकायतें हों, लेकिन यह वही पार्टी है जो लोगों को महंगाई से राहत दे रही है और उनके बच्चों के भविष्य के लिए बेहतर योजनाएं प्रदान कर रही है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि चुनावी प्रचार का एकमात्र उद्देश्य जनता की भलाई और उनके हितों का ध्यान रखना है।
कार्यकर्ताओं को एकजुट करके ज्यादा सीटें जीतना
अरविंद केजरीवाल की इस योजना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आम आदमी पार्टी का टिकट वितरण सिस्टम पूरी तरह से कार्यकुशलता, सर्वे रिपोर्ट और जनता के बीच किए गए कार्यों पर आधारित होगा। पार्टी परिवारवाद या वंशवाद में विश्वास नहीं करती, बल्कि कार्यकर्ताओं के समर्पण और मेहनत पर टिकट देने का फैसला करती है।
साथ ही, पार्टी कार्यकर्ताओं से उम्मीद की जाती है कि वे एकजुट होकर चुनाव प्रचार में भाग लें और पार्टी के संदेश को जनता तक पहुंचाएं। केजरीवाल का यह दृष्टिकोण यह भी दर्शाता है कि वह दिल्ली में पार्टी की स्थिति को और मजबूत बनाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।