नौकरी से रिटायर (सेवानिवृत्त) होने पर प्रॉविडेंट फ़ंड और पेंशन फ़ंड के साथ-साथ एक और रकम नौकरीपेशा शख्स के हाथ में आती है, जिसे ग्रेच्युटी कहते हैं। आज के युग में पूरा करियर एक ही कंपनी में बिताने की बात अब पुरनी हो गई है, और लोग जल्दी-जल्दी नौकरियां बदल लिया करते हैं, लेकिन फिर भी उन लोगों के हाथ भी ग्रेच्युटी आती है, जिन्होंने कम से कम पांच (5) साल किसी एक कंपनी में बिताए हैं।
अब कुछ ऐसे सवालों का ज़िक्र करते हैं, जो लगभग हर नौकरीपेशा इंसान के दिमाग में कभी न कभी आता है:
क्या है ग्रेच्युटी…?
कैसे कैलकुलेट होती है ग्रेच्युटी…?
मुझे कब ग्रेच्युटी मिल सकती है…?
ग्रेच्युटी के रूप में जो रकम मुझे मिलेगी, उसमें से कितनी टैक्स-फ़्री होगी…..? कितनी ग्रेच्युटी पर इनकम टैक्स अदा करना होगा……?
सेवानिवृत्ति, यानी रिटायरमेंट (या नौकरी में बदलाव करने पर) पर हासिल होने वाली ग्रेच्युटी का इंतज़ार बहुत-से लोग इसलिए करते हैं, ताकि उस वक्त तक अधूरे रह गए सपनों को पूरा कर सकें, या ग्रेच्युटी की रकम के माध्यम से कुछ रूटीन खर्च चलाए जा सकें। लेकिन जैसा हमने पहले भी कहा, ग्रेच्युटी ऐसी राशि है, जिसके बारे में बहुत-से नौकरीपेशा लोग विस्तार से कुछ नहीं जानते, और आमतौर पर अपने सहकर्मियों, दफ़्तर के एकाउंट्स विभाग या कभी-कभार किसी चार्टर्ड एकाउंटेंट से सवाल करते पाए जाते हैं, तो आज हम आपके लिए ऐसे सभी सवालों के जवाब लाए हैं, जो ग्रेच्युटी के बारे में कभी न कभी आपके मन में भी उमड़े होंगे।
संबंधित खबरे
16 अगस्त का जजमेंट: भलसवा डेरी शिफ्ट होकर रहेगी ऑर्डर ऑर्डर
केजरीवाल सरकार की कैग रिपोर्ट पेश न करने पर उपराज्यपाल की नाराजगी: 2024
भलसवा डेरी का भविष्य 2024: 16 अगस्त की होने वाली सुनवाई मे क्या होगा ?
क्या होती है ग्रेच्युटी…?
ग्रेच्युटी दरअसल एक उपहार है, जो आपका एम्प्लॉयर, या नियोक्ता आपकी कई साल की सेवाओं के बदले आपकी विदाई के वक्त देता है, ग्रेच्युटी वह लाभकारी योजना है, जो रिटायरमेंट के वक्त दिए जाने वाले फ़ायदों का हिस्सा है, और नौकरी छोड़ देने या पूरी हो जाने के वक्त पर नियोक्ता द्वारा कर्मचारी को दिया जाता है.
यूट्यूब की खबरे
बहन नहीं बांध पाई राखी | खा गया नाला 7 साल के ब*च्चे को | वजीरपुर विधानसभा | Headlines Live News
नाले मे डू *बने से 7 साल का ब*च्चा क्यों म*रा | जाने सच Wazir pur | Headlines Live News जमीनी हकीकत
सुरक्षा नहीं तो इलाज नहीं | Hindu Raw Hospital | Save Doctors | Headlines Live News
लाल बाग पुनर्विकास समिति | Lal Bagh | 78 wa Jashan e Azadi | Headlines Live News
78va Independence Day | Wazir Pur Vidhansabha | Harishankar Gupta | Pankaj Sharma | Headlines L
ग्रेच्युटी कब मिल सकती है…?
हर उस कर्मचारी को gratuity दी जाती है, जो अपनी नौकरी छोड़ने या रिटायर होने से पहले लगातार 4 साल, 10 महीने, और 11 दिन काम कर चुका हो, ऐसे प्रत्येक कर्मी की नौकरी को पांच साल की सतत सेवा, यानी लगातार सेवा माना जाता है. नियमानुसार, पांच साल की नौकरी के बाद ही किसी भी कर्मचारी को gratuity का हकदार माना जाता है. सो, याद रखें, अगर आपको साल-दो-साल में, यानी जल्दी-जल्दी नौकरियां बदलने की आदत है, तो ग्रेच्युटी की रकम कभी भी आपके हाथ नहीं आ सकेगी।
कैसे कैलकुलेट करें ग्रेच्युटी…?
सैलरी तो हर महीने मिलती रहती है, और उसकी पे-स्लिप भी, इसलिए हर नौकरीपेशा शख्स को पता रहता है, कितनी बैसिक सैलरी मिली, कितना महंगाई भत्ता (DA), कितना मकान किराया भत्ता (HRA) मिला, और कितना इनकम टैक्स काटा गया. लेकिन नौकरी बदलने या रिटायर होने पर ग्रेच्युटी कितनी मिलेगी, या वह नौकरीपेशा शख्स कितनी gratuity का हकदार है, इसका हिसाब लगाना सभी को नहीं आता है सो आज हम आपको बताते हैं – ग्रेच्युटी कैलकुलेट करने का फ़ॉर्मूला, जो कतई मुश्किल नहीं है. किसी भी नौकरी में पांच साल से कम काम करने पर ग्रेच्युटी नहीं दी जाती है, लेकिन उससे ज़्यादा वक्त कंपनी में बिताने पर समूचे सेवाकाल के लिए ग्रेच्युटी पर आपका हक होता है. पांच साल की सेवा पूरी हो जाने के बाद नौकरी में पूरे किए गए हर साल के बदले सेवा के अंतिम माह की बेसिक सैलरी, यानी मूल वेतन और महंगाई भत्ते को जोड़कर (जिन्हें महंगाई भत्ता नहीं मिलता है, उन्हें सिर्फ़ बेसिक सैलरी से हिसाब लगाना होगा) 15 से गुणा किया जाता है इसके बाद हाथ आई रकम को सेवा में बिताए सालों की संख्या से गुणा करते हैं, और अंत में हासिल रकम को 26 से भाग दिया जाता है – बस, वही होती है आपको मिलने वाली gratuity की रकम।
ग्रेच्युटी कैलकुलेट करने का फॉर्मूला हुआ:-
अंतिम माह का बेसिक वेतन + महंगाई भत्ता) x 15 x सेवा में दिए गए साल / 26
अब लेते हैं एक उदाहरण
मान लें, आपने किसी कंपनी में 21 साल, 11 माह काम किया. उस कंपनी में आपका आखिरी मूल वेतन, यानी बेसिक सैलरी ₹-50,000 थी, जिस पर आपको ₹-25,000 महंगाई भत्ता (DA) भी दिया जाता था अब समझें, इस मामले में आपकी नौकरी की अवधि 22 साल गिनी जाएगी अब आप ₹-50,000 और ₹-25,000 की रकमों को आपस में जोड़ लेंगे, और अब आपके सामने ₹-75,000 की रकम आएगी, जिसे 15 से गुणा करना होगा. अब आपके सामने ₹-11,25,000 दिखाई देंगे, अब इस राशि को सेवा के कुल सालों, यानी 22 से गुणा करेंगे इसके बाद जो रकम आपके सामने होगी, वह है ₹2,47,50,000, जिसे फ़ॉर्मूले के अंतिम चरण के तौर पर 26 से भाग देना होगा अब जो रकम आपको दिखेगी, वह होगी ₹-9,51,923, और बस,
ग्रेच्युटी का कितना हिस्सा टैक्स-फ़्री होता है…?
अगर आपको मिलने वाली ग्रेच्युटी को ऊपर लिखे फ़ॉर्मूले से ही कैलकुलेट किया गया है, और आपके नियोक्ता ने इसके अलावा कोई रकम आपको उपहार के तौर पर नहीं दी है, तो ₹20,00,000 तक, यानी ग्रेच्युटी के रूप में मिलने वाली इससे कम रकम पूरी तरह टैक्स-फ़्री ही रहेगी, यानी उस समूची रकम पर किसी भी तरह का कोई टैक्स आपको नहीं देना पड़ेगा।