देशभक्ति का नया रूप: भोपाल- मध्य प्रदेश की राजनीति में एक भावनात्मक और गर्व से भरा क्षण उस समय सामने आया जब पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने पूर्व मंत्री पीसी शर्मा की नवजात पोती का नाम विंग कमांडर व्योमिका सिंह के नाम पर “व्योमिका” रखने का निर्णय लिया।
यह नामकरण सिर्फ एक पारिवारिक समारोह नहीं था, बल्कि भारतीय सेना की वीरता, साहस और देशभक्ति को समर्पित एक प्रतीकात्मक पहल भी थी।
जब नाम बन गया राष्ट्रप्रेम की मिसाल
अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर कांग्रेस नेता पीसी शर्मा के पुत्र शिवी शर्मा और उनकी पत्नी रूपाली को कन्यारत्न की प्राप्ति हुई। इस पावन अवसर पर उनके भोपाल स्थित निवास पर दिग्विजय सिंह और उनकी पत्नी अमृता राय पधारे। उन्होंने न केवल नवजात शिशु को आशीर्वाद दिया, बल्कि देश के लिए गर्व का विषय बनी वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह के नाम पर बच्ची का नाम व्योमिका रखने का सुझाव दिया। यह नाम अब उस बच्ची की पहचान बन गया है, जो आगे चलकर अपने नाम के अनुरूप ऊंचाइयों को छू सकती है।
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क्यों खास है ‘व्योमिका’ नाम?
हाल ही में भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर ने देशवासियों के दिलों में गर्व की भावना भर दी। इस ऑपरेशन की दो प्रमुख महिला अधिकारी, कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह, न केवल अपने साहस और नेतृत्व के लिए सराही गईं, बल्कि वे अब देश की नई पीढ़ी के लिए प्रेरणास्त्रोत भी बन चुकी हैं।
विशेष रूप से विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने उस वक्त लोगों का दिल जीत लिया जब उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले के बाद चलाए गए ऑपरेशन के दौरान लगातार मीडिया को पल-पल की जानकारी दी, जिससे लोगों में विश्वास और देशभक्ति की भावना बनी रही। सोशल मीडिया से लेकर समाचार चैनलों तक, उनका नाम बहादुरी की मिसाल के तौर पर लिया जाने लगा।
अब बेटियों का नाम वीरों के सम्मान में
यह घटनाक्रम दर्शाता है कि देश अब अपने सच्चे नायकों को पहचानने और उन्हें सम्मान देने के लिए तैयार है। जहां एक ओर फिल्मी सितारों और क्रिकेट खिलाड़ियों के नाम पर बच्चों के नाम रखना आम बात थी, वहीं अब सैन्य अधिकारियों के नाम पर नामकरण होना एक नई देशभक्त परंपरा का प्रतीक बनता जा रहा है।
कई जगहों पर देखा जा रहा है कि लोग ऑपरेशन सिंदूर में शामिल वीर सिपाहियों और अफसरों के नाम पर अपनी बेटियों का नाम रख रहे हैं। इससे यह भी साबित होता है कि महिलाएं अब देश की रक्षा पंक्ति में न केवल शामिल हो रही हैं, बल्कि प्रेरणा का स्त्रोत भी बन रही हैं।
व्योमिका नाम के ज़रिए बेटियों और वीरों को सलाम
दिग्विजय सिंह जैसे वरिष्ठ नेता द्वारा यह नामकरण एक गहरे राजनीतिक और सामाजिक संदेश को भी दर्शाता है। यह न केवल सैन्य बलों को सम्मान देने का प्रयास है, बल्कि बेटियों के महत्व को उजागर करने और उन्हें सम्मान के साथ जीवन जीने की प्रेरणा देने का प्रयास भी है।
इस अवसर पर पीसी शर्मा ने भी सोशल मीडिया मंच X (पूर्व में ट्विटर) के ज़रिए अपनी खुशी साझा की। उन्होंने लिखा—
“मेरे सुपुत्र श्री शिवी शर्मा एवं वधू श्रीमती रूपाली शिवी शर्मा को अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर कन्यारत्न की प्राप्ति हुई। यह हमारे परिवार के लिए अत्यंत हर्ष व सौभाग्य का विषय है।… पूर्व मुख्यमंत्री श्री दिग्विजय सिंह जी एवं रानी साहिबा श्रीमती अमृता राय जी ने हमारी नवजात पौत्री को अपने स्नेहिल आशीर्वाद से अभिषिक्त किया और विंग कमांडर वीरांगना ‘व्योमिका सिंह’ जी के नाम पर नामकरण किया। हम उनके स्नेह, आशीर्वाद और उपस्थिति के लिए हृदय से आभारी हैं।”
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जब नामकरण बना देशभक्ति का संदेश
यह घटना महज़ एक पारिवारिक आयोजन नहीं, बल्कि राष्ट्र के वीरों को याद करने और सम्मान देने का प्रतीक बन गई है। यह नाम सिर्फ एक बच्ची का नहीं, बल्कि उस जज़्बे का प्रतिनिधित्व करता है जो देश के लिए कुछ भी करने को तत्पर है।