नमिता थापर का बड़ा बयान: “अगर आप अपने बच्चे के लिए समय नहीं निकाल सकते, तो पेरेंट न बनें” 2025 !

नमिता थापर का बड़ा बयान: Shark Tank India की चर्चित जज और एमक्योर फार्मास्यूटिकल्स की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर नमिता थापर अक्सर अपने बेबाक और

नमिता थापर का बड़ा बयान: “अगर आप अपने बच्चे के लिए समय नहीं निकाल सकते, तो पेरेंट न बनें” 2025 !

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नमिता थापर का बड़ा बयान: Shark Tank India की चर्चित जज और एमक्योर फार्मास्यूटिकल्स की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर नमिता थापर अक्सर अपने बेबाक और सोचने पर मजबूर कर देने वाले विचारों के लिए सुर्खियों में रहती हैं।

नमिता थापर का बड़ा बयान: “अगर आप अपने बच्चे के लिए समय नहीं निकाल सकते, तो पेरेंट न बनें” 2025 !

इस बार उन्होंने एक ऐसा विषय उठाया है जिससे आज लाखों कामकाजी माता-पिता जूझ रहे हैं।नमिता ने लिंक्डइन पर एक विस्तृत पोस्ट शेयर कर यह सवाल उठाया कि क्या हम अपने बच्चों को उतना वक्त दे पा रहे हैं जितना एक अच्छे माता-पिता को देना चाहिए? और अगर नहीं, तो क्या हमें वाकई पेरेंट बनने का फैसला लेना चाहिए?

यह पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है और समाज में एक बड़ी बहस को जन्म दे चुकी है — क्या माता-पिता बनने से पहले हमें अपनी जिम्मेदारियों के बारे में दो बार सोचना चाहिए?

नमिता थापर का बड़ा बयान: आज के समय में बदलता पेरेंटिंग मॉडल

पहले के समय में जब बच्चे होते थे, तो अक्सर मां घर पर रहकर बच्चे की देखभाल करती थी और पिता कमाने का जिम्मा निभाते थे। पर आज का समय अलग है। आज पति-पत्नी दोनों कामकाजी होते हैं, महंगाई के दौर में एक ही इनकम से घर चलाना मुश्किल है। ऐसे में बच्चा होने के बाद भी काम से छुट्टी नहीं मिलती।

भारत जैसे देश में ऑफिस का काम भी आसान नहीं है। औसतन 9 घंटे की ड्यूटी के अलावा ट्रैवलिंग टाइम, मीटिंग्स, और घर के काम — मिलाकर 11 से 12 घंटे इंसान सिर्फ काम में ही बिता देता है। ऐसे में एक पेरेंट के पास बच्चे के लिए समय निकालना बेहद मुश्किल हो जाता है।

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नमिता थापर का बयान ‘बच्चा पैदा न ही करें तो बेहतर है’

नमिता थापर ने अपने लिंक्डइन पोस्ट में लिखा:

“अगर आप हफ्ते में 70 घंटे काम करना चाहते हैं और अपने बच्चों के साथ क्वालिटी टाइम नहीं बिता सकते, तो कृपया पेरेंट न बनें। बच्चों की परवरिश केवल स्कूल भेजना और खाने-पीने का ध्यान रखना नहीं है। उन्हें प्यार, मार्गदर्शन, समय और भरोसा चाहिए।”

यह बयान जितना सीधा है, उतना ही तीखा भी। लेकिन इसमें सच्चाई छुपी है। काम और निजी जीवन में संतुलन बनाना आज के समय की सबसे बड़ी चुनौती बन गया है।

“बच्चे को समय नहीं तो आत्मविश्वास नहीं”

नमिता थापर ने इस पोस्ट में बच्चों की मानसिक स्थिति को लेकर भी चिंता जाहिर की। उन्होंने लिखा कि,

“बच्चे अपने पेरेंट्स को ही अपना रोल मॉडल मानते हैं। जब वे देखते हैं कि पेरेंट्स को उनकी परवाह नहीं, वे हर वक्त काम में व्यस्त रहते हैं या उनसे उम्मीदें ही करते रहते हैं, तो वे खुद को असफल मानने लगते हैं।”

इस स्थिति में जब बच्चों को उनके स्कूल या सोसाइटी में भी बुली किया जाता है, तो स्थिति और खराब हो जाती है। बच्चे खुद से नफरत करने लगते हैं, डिप्रेशन, एंग्जायटी और आत्मविश्वास की कमी से जूझने लगते हैं।

नमिता थापर का बड़ा बयान

नमिता की निजी कहानी अपने अनुभव से सीखा

पोस्ट में नमिता ने अपने बचपन के अनुभव को भी साझा किया। उन्होंने बताया कि उनके माता-पिता नेक इरादों वाले थे, लेकिन उनकी प्रोफेशनल व्यस्तता के कारण उन्हें पर्याप्त भावनात्मक समर्थन नहीं मिल सका।

“मैं इमोशनली काफी कमजोर हो गई थी, मेरा आत्मविश्वास भी बहुत कम था। मैंने वक्त के साथ खुद को मजबूत बनाया, लेकिन हर कोई ऐसा नहीं कर पाता।”

उनका यह अनुभव यह दर्शाता है कि केवल पैसे कमाना या अच्छा स्कूल देना काफी नहीं होता — बच्चे को भावनात्मक मजबूती, प्यार और समय भी चाहिए।

कामकाजी माता-पिता की जद्दोजहद

आज के दौर में वर्क-लाइफ बैलेंस एक संघर्ष बन गया है। ज़्यादातर परिवारों में दोनों पार्टनर नौकरी करते हैं, और हर दिन की शुरुआत एक दौड़ से होती है — ऑफिस के लिए भागना, बच्चे को स्कूल छोड़ना, मीटिंग्स, फिर घर लौटकर किचन और बाकी जिम्मेदारियां।

इस रूटीन में बच्चों के साथ “क्वालिटी टाइम” नाममात्र का ही रह जाता है। बच्चे गैजेट्स की दुनिया में अकेले रह जाते हैं, पैरेंट्स के साथ बातचीत का समय धीरे-धीरे खत्म होता जाता है।

नमिता का सुझाव “बच्चों को आजादी दो”

नमिता थापर मानती हैं कि बच्चों को प्यार देने के साथ-साथ उन्हें आत्मनिर्भर बनाना भी जरूरी है। उन्होंने सलाह दी कि:

  • बच्चों को उनके फैसले खुद लेने दो।
  • उन पर अपने अधूरे सपनों का बोझ न डालो।
  • उन्हें यह महसूस कराओ कि चाहे वो कुछ भी करें, आपको उन पर गर्व है।

“बच्चे को बस इतना सुनने की जरूरत होती है कि ‘मैं तुमसे प्यार करता हूं’, ‘मैं तुम पर गर्व करता हूं’, यही उनके आत्मबल को मजबूत करता है।”

क्या इस विचार से हर कोई सहमत है?

नमिता के बयान के बाद सोशल मीडिया पर दो तरह की प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं:

एक पक्ष ने उनका समर्थन करते हुए कहा कि यह बात आज के माता-पिता को सोचने पर मजबूर करती है। पेरेंटिंग केवल बच्चे को जन्म देना नहीं, बल्कि उसे समय, प्रेम और सही दिशा देना है।

वहीं दूसरा पक्ष यह मानता है कि हकीकत इतनी आसान नहीं है। मध्यमवर्गीय परिवारों में जॉब छोड़ना या कम घंटों की नौकरी करना संभव नहीं है। महंगाई, बच्चों की पढ़ाई, हेल्थ और बाकी खर्च – सब कुछ पैसों पर आधारित है।

भारत में वर्क कल्चर की सच्चाई

भारत का कॉर्पोरेट वर्क कल्चर अब भी विकसित देशों के मुकाबले ज्यादा कठोर माना जाता है। हफ्ते में 6 दिन काम, 9 से 10 घंटे की शिफ्ट और कम छुट्टियां — यह एक आम ऑफिस कर्मचारी की दिनचर्या है। यहां “वर्क फ्रॉम होम” या “फ्लेक्सिबल टाइम” जैसी अवधारणाएं अब भी सीमित हैं।

नमिता ने इसी पर सवाल उठाया कि जब माता-पिता खुद थक चुके होते हैं, तो वे बच्चों को सही दिशा कैसे देंगे?

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क्या हल है इस समस्या का?

इस समस्या का कोई एक समाधान नहीं है, लेकिन कुछ रास्ते जरूर हैं:

  1. वर्क-लाइफ बैलेंस को प्राथमिकता देना
    कर्मचारियों को अपने मैनेजमेंट से बात करके लचीलापन मांगना चाहिए।
  2. क्वालिटी टाइम देना जरूरी है
    दिन में चाहे 1 घंटा ही क्यों न हो, बच्चों के साथ पूरी तरह उपस्थित रहना ज़रूरी है।
  3. बच्चों के साथ संवाद बनाए रखना
    उन्हें यह बताएं कि आप उनके लिए उपलब्ध हैं, वो अपनी भावनाएं साझा कर सकते हैं।
  4. स्वस्थ पारिवारिक माहौल
    बहस, चिल्लाहट, टेंशन से भरे माहौल की बजाय सुकूनभरा घर बच्चे को सुरक्षित महसूस कराता है।
नमिता थापर का बड़ा बयान

एक सवाल जो हम सबको खुद से पूछना चाहिए

नमिता थापर ने एक बेहद जरूरी लेकिन कठिन सवाल उठाया है — क्या हम पेरेंट बनने से पहले वाकई तैयार हैं?
क्या हम अपने बच्चों के लिए समय, भावनात्मक जुड़ाव और मार्गदर्शन देने की स्थिति में हैं?
अगर जवाब ‘ना’ है, तो क्या हमें पहले अपनी प्राथमिकताओं को ठीक करना चाहिए?

यह बहस केवल अमीर या मध्यमवर्ग के लिए नहीं, बल्कि हर उस इंसान के लिए है जो माता-पिता बनने का सपना देख रहा है।
बच्चा सिर्फ जन्म लेने के लिए नहीं आता, वह जीवनभर एक जुड़ाव मांगता है — समय, प्यार और समर्थन। अगर हम उसे ये नहीं दे सकते, तो हमें दोबारा सोचने की ज़रूरत है।

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GEMINI 3 FEATURES जो ChatGPT को कर सकते हैं Obsolete

Gemini 3 Features ने AI की दुनिया में तहलका मचा दिया है। इसके उन्नत फीचर्स और

GEMINI 3 FEATURES जो ChatGPT को कर सकते हैं Obsolete

Gemini 3 Features ने AI की दुनिया में तहलका मचा दिया है। इसके उन्नत फीचर्स और नए एल्गोरिदम इंसानों के काम करने के तरीके को पूरी तरह से बदल सकते हैं।

GEMINI 3 FEATURES जो ChatGPT को कर सकते हैं Obsolete

GEMINI 3 FEATURES उन्नत reasoning और मल्टीमॉडल कौशल

Gemini 3, LMArena leaderboard में शीर्ष स्थान पर है, PhD-स्तर की reasoning क्षमता रखता है और विज्ञान, गणित जैसे विषयों में उच्च सफलता प्राप्त करता है। वीडियो, इमेज और मल्टीमॉडल क्वेरी पर भी यह बेहतरीन प्रदर्शन करता है, जो इसे व्यापक और बहु-आयामी प्रश्नों के लिए उपयुक्त बनाता है।

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Gemini 3 Deep Think मोड

यह नया मोड Gemini 3 की reasoning और समझ को और भी गहरा बनाता है, जिससे कठिन से कठिन समस्याओं का समाधान संभव होता है। इसका प्रदर्शन AI परीक्षाओं में अप्रत्याशित रूप से बेहतर है, जो इसे विश्लेषण और योजना कार्यों में उपयोगी बनाता है।

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सीखना, बनाना, और योजना बनाना

Gemini 3 के साथ सीखना आसान है, चाहे वह परिवार की परंपरागत रेसिपी ट्रांसलेट करना हो या ऐडवांस रिसर्च पेपर का विश्लेषण। यह ब्लॉक्स, कोड और विजुअलाइजेशन के माध्यम से जटिल जानकारियों को समझाने और प्रदर्शित करने में सक्षम है।

डेवलपर्स के लिए नया अनुभव

Google ने Google Antigravity नामक एजेंटिक डेवलपमेंट प्लेटफॉर्म भी लॉन्च किया है, जिससे डेवलपर्स Gemini 3 के साथ अधिक स्वायत्त और कार्य-केंद्रित एप्लिकेशन बना सकते हैं। यह कोडिंग को नए स्तर पर ले जाता है और निरंतर स्व-पुष्टिकरण प्रदान करता है।

योजना और ऑटोमेशन में सुधार

Gemini 3 लंबे समय के लिए योजना बनाने और जटिल, बहु-चरण वाली प्रक्रियाओं को संचालित करने में सक्षम है। यह आपके ईमेल को व्यवस्थित कर सकता है, स्थानीय सेवाएं बुक कर सकता है, और दैनिक कार्यों में मदद करता है।

सुरक्षा और जिम्मेदारी

Google ने Gemini 3 को सबसे सुरक्षित AI मॉडल बनाया है। इसमें साइबर हमलों, गलत जानकारी, और हानिकारक प्रोत्साहनों से सुरक्षा के लिए व्यापक परीक्षण और सहयोग किया गया है।

Gemini 3 का भविष्य

Gemini 3 अभी भी विकास के प्रारंभिक चरण में है और जल्द ही इसके कई नए संस्करण और फीचर जारी होंगे। Google इसे Google एजेंसियों, डेवलपर्स, और एंटरप्राइज क्लाइंट्स तक पहुंचा रहा है।

Gemini 3 की उपलब्धता

Gemini 3 एप्लिकेशन, AI Studio, Vertex AI, Google Antigravity, और Gemini CLI के माध्यम से उपलब्ध है। कॉलैबोरेशन प्लेटफॉर्म्स जैसे GitHub, Replit में भी इसका उपयोग किया जा रहा है।

Gemini 3 पर Google की यह नई पहल AI के आयामों का विस्तार करती है और इसे हर क्षेत्र में व्यावहारिक, सुलभ और अधिक सक्षम बनाती है। इसका लक्ष्य AI को उपयोगकर्ता की आवश्यकताओं के अनुसार व्यक्तिगत और प्रभावी बनाना है।

विषयविवरण
मॉडल का नामGemini 3
मुख्य विशेषताएंउन्नत reasoning, मल्टीमॉडल इनपुट, एजेंटिक कोडिंग
प्रमुख प्रदर्शन मानकLMArena leaderboard topper, PhD-level reasoning
नया मोडGemini 3 Deep Think
उपयोगकर्ता लाभबेहतर सीखना, निर्माण, योजना, और ऑटोमेशन
डेवलपर टूल्सGoogle Antigravity, AI Studio, Vertex AI
सुरक्षाव्यापक परीक्षण, सुरक्षा सुधार
उपलब्धताGemini app, AI Studio, Vertex AI, CLI, Dritt platforms
भविष्य की योजनानए संस्करण, फीचर्स, व्यापक उपयोग
लक्ष्यAI को ज्यादा प्रभावी और व्यक्तिकृत बनाना