नेतन्याहू का ऐलान: दुनिया भर में जारी इजरायल-हमास संघर्ष एक नए मोड़ पर पहुंच चुका है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गाजा पट्टी में हमास के खिलाफ युद्ध को जारी रखने की सार्वजनिक घोषणा की है।
शनिवार देर रात राष्ट्र को संबोधित करते हुए नेतन्याहू ने साफ किया कि वह उन ‘हत्यारों’ के आगे कभी आत्मसमर्पण नहीं करेंगे, जिन्होंने यहूदियों के खिलाफ होलोकॉस्ट के बाद सबसे भीषण नरसंहार किया है। उन्होंने हमास की ओर से युद्धविराम और बंदी रिहाई की मांगों को खारिज कर दिया और स्पष्ट कर दिया कि यह युद्ध तब तक जारी रहेगा, जब तक हमास को सत्ता से उखाड़ नहीं फेंका जाता।
नेतन्याहू का ऐलान: नेतन्याहू का सख्त संदेश — आत्मसमर्पण नहीं निर्णायक युद्ध
अपनी 12 मिनट की रिकॉर्डेड स्पीच में नेतन्याहू ने कहा,
“मैं हत्यारों के आगे सिर नहीं झुकाऊंगा। अगर हम हमास की शर्तें मान लेते हैं, तो इसका मतलब होगा कि इजरायल को मजबूर किया जा सकता है। यह हमारे सैनिकों, शहीदों और वीर नागरिकों की कुर्बानियों का अपमान होगा। हमास को गाजा में सत्ता में छोड़ना इजरायल की हार और ईरान की बड़ी जीत होगी। मैं यह कभी नहीं होने दूंगा।”
प्रधानमंत्री ने इस मौके पर उन आलोचकों को भी आड़े हाथों लिया जो युद्ध के बीच बंधकों की रिहाई के लिए समझौते और युद्धविराम की मांग कर रहे हैं। नेतन्याहू ने कहा कि ऐसी रणनीति अपनाने वाले लोग अंतरराष्ट्रीय राजनीति और जमीनी हकीकत को नहीं समझते।
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बंधकों की रिहाई पर भी सख्त रुख
हमास ने हाल ही में एक और इजरायली बंधक का वीडियो जारी किया, जिसमें उसने अपने जीवन की भीख मांगी है। इसे लेकर नेतन्याहू ने कहा,
“हमास बार-बार केवल उन्हीं बंधकों को लौटाने की बात कर रहा है, जो या तो जीवित नहीं बचे हैं या बुरी हालत में हैं। वे इस प्रस्ताव को हथियार बनाकर युद्ध समाप्त करने की शर्त रख रहे हैं। यह आत्मसमर्पण की शर्त है। हम इसे नहीं मानेंगे। अगर हम झुकेंगे, तो हम भविष्य में भी ऐसे हमलों के लिए खुद को कमजोर कर लेंगे।”
अमेरिका-ईरान परमाणु वार्ता और ईरान का बढ़ता प्रभाव
नेतन्याहू का यह भाषण ऐसे समय आया है, जब अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु समझौते को लेकर बातचीत का दूसरा दौर चल रहा है। ईरान लंबे समय से परमाणु हथियार विकसित करने की कोशिश कर रहा है और इजरायल बार-बार इसे क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए खतरा बता चुका है।
इस मसले पर नेतन्याहू ने दो टूक कहा,
“मैं ईरान को परमाणु बम हासिल करने से रोकने के लिए प्रतिबद्ध हूं। कुछ लोग कह रहे हैं कि हमने अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की। मैं उन्हें बता दूं कि हम हर मोर्चे पर काम कर रहे हैं। हम ईरान की चालाकियों और उसके गुप्त कार्यक्रमों पर नजर रखे हुए हैं। वक्त आने पर हम जवाब देंगे।”
देशवासियों से एकजुट होने की अपील
अपने संदेश में नेतन्याहू ने इजरायली नागरिकों से भी एकजुट रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह युद्ध केवल सेना का नहीं, पूरे देश का है।
“हम एक निर्णायक लड़ाई लड़ रहे हैं। हमारी सेना, हमारी खुफिया एजेंसियां और आम नागरिक मिलकर इस कठिन समय में देश की रक्षा कर रहे हैं। मैं जानता हूं कि यह समय बेहद पीड़ादायक और कठिन है, लेकिन हमें धैर्य और हौसला बनाए रखना होगा।”
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हमास को सत्ता से उखाड़ने तक युद्ध जारी रहेगा
नेतन्याहू ने साफ किया कि युद्ध का लक्ष्य सिर्फ बंधकों की वापसी या आतंकियों के ठिकानों को तबाह करना नहीं है।
“हमारा उद्देश्य गाजा से हमास का अस्तित्व मिटाना है। जब तक गाजा से हमास का शासन समाप्त नहीं होता, यह युद्ध रुकेगा नहीं। हम अपने नागरिकों की सुरक्षा और अपने देश की संप्रभुता के साथ कोई समझौता नहीं करेंगे।”
अंतरराष्ट्रीय दबाव और विपक्षी विरोध पर जवाब
इजरायल पर लगातार अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से युद्धविराम का दबाव बनाया जा रहा है। देश के भीतर भी कई वर्ग युद्ध विराम और बंधकों की वापसी के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं। इस पर नेतन्याहू ने कहा,
“जो लोग कहते हैं कि हम समझौता कर लें और फिर सैन्य कार्रवाई करें, उन्हें यह समझना चाहिए कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय ऐसा नहीं करने देगा। अगर हम आज झुक गए, तो फिर कभी सिर उठा नहीं पाएंगे। हमारी सारी उपलब्धियां ध्वस्त हो जाएंगी। ये हत्यारे फिर ताकत में आएंगे और हमें भविष्य में और बड़े हमलों का शिकार बनाएंगे।”
हमास को सत्ता में छोड़ना ईरान की जीत
नेतन्याहू ने कहा कि अगर इस युद्ध में हमास को गाजा में सत्ता में बने रहने दिया गया, तो यह केवल इजरायल की ही नहीं, बल्कि पूरे मध्य-पूर्व की असफलता होगी।
“यह ईरान की बड़ी जीत होगी। हमास ईरान का ही हथियार है। इसे खत्म करना जरूरी है, ताकि क्षेत्र में स्थिरता बहाल हो और बाकी आतंकी संगठनों को भी संदेश मिले कि इजरायल कमजोर नहीं है।”
युद्ध की कीमत और भविष्य की रणनीति
इजरायली पीएम ने माना कि यह युद्ध देश के लिए भारी कीमत लेकर आया है। सैकड़ों सैनिक शहीद हुए हैं, हजारों घायल हुए हैं और नागरिकों की जानें भी गई हैं। मगर नेतन्याहू ने कहा कि यही कीमत स्थायी शांति की बुनियाद बनेगी।
“हमारी सेना और खुफिया एजेंसियों ने इस युद्ध में कई अभूतपूर्व सफलताएं हासिल की हैं। हम हमास की सुरंगों को तबाह कर रहे हैं, उनके हथियारों के जखीरे को नेस्तनाबूद कर रहे हैं और उनके ठिकानों पर सटीक हमले कर रहे हैं। यह काम आसान नहीं है, लेकिन हम पीछे नहीं हटेंगे। आगे का रास्ता मुश्किल है, मगर एकजुट रहेंगे तो हम विजयी होंगे।”
कितनी कीमत चुकाकर मिलेगी कितनी बड़ी जीत?
बेंजामिन नेतन्याहू ने साफ कर दिया है कि यह युद्ध किसी कीमत पर नहीं रुकेगा। वे बंधकों की वापसी और गाजा में शांति की कोशिशों को हमास के समर्पण से जोड़ रहे हैं। साथ ही ईरान के परमाणु कार्यक्रम को भी इजरायल की सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा मानते हुए दुनिया को चेतावनी दे रहे हैं।
नेतन्याहू का यह बयान न सिर्फ इजरायल बल्कि पूरे मध्य-पूर्व की राजनीति और आने वाले दिनों की कूटनीति को गहराई से प्रभावित कर सकता है। अब देखना यह है कि इस निर्णायक लड़ाई में इजरायल कितनी बड़ी कीमत चुका कर, कितनी बड़ी जीत हासिल करता है।