पराक्रम की रात: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से देशभर में रोष और बेचैनी का माहौल था। इस हमले में निर्दोष टूरिस्टों को निशाना बनाया गया था, जो छुट्टियां मनाने के लिए घाटी गए थे।
आतंकियों ने एक-एक कर पर्यटकों को निशाना बनाया और गोलियों से भून दिया। इस कायराना हमले का जवाब भारतीय सेना ने अपने पराक्रम से दिया है। मंगलवार और बुधवार की दरम्यानी रात करीब 1:44 बजे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई की गई। इस पिन पॉइंटेड ऑपरेशन ने आतंकियों के मन में खौफ भर दिया है और पाकिस्तान की सरजमीं तक इसकी गूंज पहुंची है। अब इस ऑपरेशन पर राजनीतिक प्रतिक्रिया भी सामने आने लगी है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया ने सबका ध्यान खींचा है।
पराक्रम की रात: ‘पराक्रमो विजयते’ बोले अखिलेश यादव
समाजवादी पार्टी प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भारतीय सेना के इस ऑपरेशन पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा, “पराक्रमो विजयते”, जिसका अर्थ होता है – पराक्रम की विजय। इस संक्षिप्त लेकिन भावनात्मक पोस्ट के जरिए अखिलेश ने भारतीय सेना की वीरता और साहस को नमन किया। यह बयान इसलिए भी खास माना जा रहा है क्योंकि इससे पहले ऊरी हमले और उसके बाद हुई सर्जिकल स्ट्राइक पर अखिलेश यादव ने शंका जताई थी। तब उनके बयान को लेकर काफी राजनीतिक विवाद हुआ था।
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पहले खड़े किए थे सवाल अब दी सेना को बधाई
2016 में हुए उरी हमले के बाद जब तत्कालीन केंद्र सरकार ने सर्जिकल स्ट्राइक की घोषणा की थी, तब अखिलेश यादव ने कहा था कि, “मैं जानता हूं सर्जिकल स्ट्राइक क्या है, हर सरकार में इस तरह की कार्रवाई होती रही है। इसमें कुछ नया नहीं है।” उस समय वे यूपी के मुख्यमंत्री थे और 2017 के विधानसभा चुनाव नजदीक थे। उनके इस बयान को लेकर भाजपा और अन्य दलों ने तीखी आलोचना की थी और इसे सेना का अपमान करार दिया था।
हालांकि इस बार अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया पूरी तरह से सेना के समर्थन में रही। उन्होंने न केवल सेना की सराहना की बल्कि बिना किसी शंका या राजनीतिक टिप्पणी के सीधे तौर पर ‘पराक्रम’ शब्द का उपयोग करते हुए सैनिकों को बधाई दी। यह उनके रुख में आए परिवर्तन को दर्शाता है और देश की जनता में इस बयान को सकारात्मक रूप में देखा जा रहा है।
ऑपरेशन सिंदूर पर एक सुर में दिखा राष्ट्रवाद
भारतीय सेना के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर प्रतिक्रिया देने वालों में केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के नेता जयंत चौधरी भी शामिल रहे। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा – “भारत माता की जय।” जयंत चौधरी का यह बयान भी सेना के मनोबल को बढ़ाने वाला माना जा रहा है।
वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री और निषाद पार्टी के प्रमुख संजय कुमार निषाद ने इस ऑपरेशन की तारीफ करते हुए कहा, “यह बदलता भारत है। मुझे अपनी भारतीय सेना पर गर्व है। मैं सभी को बधाई देता हूं।” उन्होंने सेना की रणनीति, सटीकता और पराक्रम की खुलकर प्रशंसा की।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी सेना को किया नमन
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारतीय सेना की वीरता को सलाम किया। उन्होंने अपने एक्स पोस्ट में लिखा – “जय हिंद। जय हिंद की सेना।” यह संदेश न केवल सेना के जवानों के लिए प्रोत्साहन का कार्य करता है, बल्कि इससे स्पष्ट होता है कि राज्य सरकारें भी सेना के इस साहसी कदम के साथ खड़ी हैं।
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सेना के सम्मान में साथ खड़ी दिखी पूरी राजनीति
भारतीय सेना द्वारा अंजाम दिए गए ऑपरेशन सिंदूर को एक निर्णायक कार्रवाई के तौर पर देखा जा रहा है। सैन्य सूत्रों के अनुसार, यह ऑपरेशन अत्यंत गुप्त रखा गया था और इसमें आधुनिक हथियारों और सटीक खुफिया जानकारी का उपयोग किया गया। रात के अंधेरे में की गई इस कार्रवाई ने न केवल आतंकी ठिकानों को तबाह किया बल्कि पाकिस्तान में बैठे आतंकी आकाओं को स्पष्ट संदेश भी दिया कि भारत अब जवाबी कार्रवाई करने में देर नहीं करेगा।
इस बार जो सबसे उल्लेखनीय पहलू रहा, वह था विभिन्न राजनीतिक दलों की एकजुटता। चाहे सत्ताधारी बीजेपी हो या विपक्ष की समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल – सभी नेताओं ने भारतीय सेना के ऑपरेशन की सराहना की। यह दुर्लभ क्षण है जब राजनीति के विभाजन रेखाएं राष्ट्रहित के मुद्दे पर धुंधली पड़ जाती हैं। यह संकेत देता है कि जब देश की सुरक्षा और सम्मान की बात होती है, तो राजनीतिक मतभेदों को भुलाकर एक साथ खड़ा होना ही भारतीय लोकतंत्र की ताकत है।
आतंक के खिलाफ भारत की नई निर्णायक नीति
हालांकि सेना और सरकार ने फिलहाल ऑपरेशन सिंदूर की विस्तृत जानकारी साझा नहीं की है, लेकिन सुरक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि यह केवल शुरुआत हो सकती है। पहलगाम जैसे हमलों के बाद अब भारत की नीति में स्पष्ट बदलाव नजर आ रहा है। अब आतंक को सरजमीं पर ही कुचलने की नीति अपनाई जा रही है।
इस बीच, देशभर में सेना की तारीफ हो रही है। सोशल मीडिया पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ट्रेंड कर रहा है और लोग अपने-अपने तरीके से भारतीय सेना को सलाम कर रहे हैं। आम नागरिकों से लेकर कलाकारों, खिलाड़ियों और पत्रकारों तक – हर कोई भारतीय सेना के पराक्रम को नमन कर रहा है।
ऑपरेशन सिंदूर ने दी एकता की नई परिभाषा
अखिलेश यादव की ‘पराक्रमो विजयते’ टिप्पणी भारतीय राजनीति में एक सकारात्मक संकेत के रूप में देखी जा रही है। यह बयान सिर्फ भारतीय सेना की तारीफ नहीं, बल्कि उस जनभावना का भी प्रतिनिधित्व करता है जो आतंक के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की मांग कर रही थी। ऑपरेशन सिंदूर ने न केवल आतंकियों को करारा जवाब दिया है, बल्कि राजनीतिक दलों को भी राष्ट्रहित में एकजुट होने का अवसर प्रदान किया है। यह संदेश स्पष्ट है – भारत अब चुप नहीं बैठेगा, और सेना का पराक्रम ही उसकी सबसे बड़ी ताकत है।