प्रधान vs राहुल: नई दिल्ली- देश की राजनीति में इन दिनों सामाजिक न्याय और आरक्षण से जुड़ी बहस एक बार फिर गरमा गई है।
मंगलवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के हालिया बयान पर जोरदार पलटवार करते हुए कांग्रेस और खासकर गांधी परिवार पर गंभीर आरोप लगाए। प्रधान ने कहा कि कांग्रेस के शाही परिवार ने हमेशा अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लोगों को छला है, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने इन वर्गों को न्याय दिलाने के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं।
राहुल गांधी के ‘NFS’ वाले बयान पर हंगामा
प्रधान vs राहुल: राहुल गांधी ने कुछ दिन पहले ‘NFS’ यानी Not Found Suitable को नया “मनुवाद” बताते हुए आरोप लगाया था कि SC, ST और OBC वर्ग के योग्य उम्मीदवारों को जानबूझकर अयोग्य घोषित किया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि यह सिस्टम सामाजिक न्याय के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है। उनके इस बयान ने राजनीतिक हलकों में खलबली मचा दी, और भाजपा ने इसे तथ्यों से परे और भ्रामक करार दिया।
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‘NFS कांग्रेस की देन है’ धर्मेंद्र प्रधान का पलटवार
धर्मेंद्र प्रधान ने राहुल गांधी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि जिस NFS की बात राहुल गांधी कर रहे हैं, वह कांग्रेस की ही नीति का नतीजा है। उन्होंने कहा, “बाबासाहेब का नाम लेकर राजनीति करने वाली कांग्रेस पार्टी ने ही वर्षों तक NFS जैसी नीतियों को बनाए रखा, जिससे SC, ST और OBC वर्ग के हजारों लोग योग्य होने के बावजूद पदों से वंचित रह गए।”
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने The Central Educational Institutions (Reservation in Teacher’s Cadre) Act, 2019 लागू कर NFS को समाप्त किया और यह सुनिश्चित किया कि आरक्षित पदों पर केवल उन्हीं वर्गों के उम्मीदवारों की नियुक्ति हो, जिनके लिए वे आरक्षित हैं। उन्होंने इसे मोदी सरकार की सामाजिक न्याय के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण बताया।
आंकड़ों के जरिए कांग्रेस पर तीखा हमला
धर्मेंद्र प्रधान ने 2004 से 2014 के कांग्रेस शासन और 2014 से अब तक के मोदी सरकार के कार्यकाल के आंकड़े भी सामने रखे। उन्होंने बताया:
- कांग्रेस के समय (2004-2014)
- IITs में केवल 83 SC, 14 ST और 166 OBC फैकल्टी की नियुक्ति हुई।
- NITs में 261 SC, 72 ST और 334 OBC नियुक्तियां हुईं।
- मोदी सरकार के समय (2014-2024)
- IITs में 398 SC, 99 ST और 746 OBC फैकल्टी की नियुक्ति हुई।
- NITs में 929 SC, 265 ST और 1510 OBC फैकल्टी की भर्ती हुई।
प्रधान ने बताया कि मोदी सरकार ने असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए पीएचडी की अनिवार्यता को भी खत्म किया, जिससे इन वर्गों को आगे बढ़ने का और अधिक मौका मिला।
कांग्रेस की नीयत पर सवाल
शिक्षा मंत्री ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने दशकों तक शासन करने के बावजूद इन वर्गों के लिए स्थायी और प्रभावी नीतियां नहीं बनाईं। उन्होंने कहा कि जब 2014 में UPA सरकार सत्ता से गई, तब केंद्रीय विश्वविद्यालयों में 57% SC, 63% ST और 60% OBC शिक्षकों के पद रिक्त थे। प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने इन रिक्तियों को भरने की दिशा में गंभीर प्रयास शुरू किए। आज शिक्षकों के रिक्त पदों की संख्या 37% से घटकर लगभग 26% रह गई है।
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‘कांग्रेस को पीलिया हो गया है’
प्रधान ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा, “कांग्रेस को पीलिया हो गया है, इसलिए उन्हें सब कुछ पीला ही दिखता है। वो हर अच्छे काम में भी बुराई ढूंढ निकालते हैं।” उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस बात-बात पर संविधान का नाम लेती है, लेकिन वास्तव में वही पार्टी संविधान पर सबसे बड़ा हमला रही है।
‘प्रधानमंत्री मोदी ही असली सामाजिक न्याय के प्रतिनिधि’
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि आज देश का युवा जानता है कि असली सामाजिक न्याय अगर किसी ने किया है, तो वह प्रधानमंत्री मोदी की सरकार है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस चाहे जितना झूठ फैलाए, लेकिन देश के युवाओं का मोदी जी पर विश्वास अडिग है।
राहुल गांधी और धर्मेंद्र प्रधान आमने-सामने
SC, ST और OBC वर्गों से जुड़े मुद्दों को लेकर देश की सियासत एक बार फिर गरमा गई है। राहुल गांधी के NFS बयान ने बहस की शुरुआत की थी, लेकिन अब धर्मेंद्र प्रधान के जवाब ने इसे नया मोड़ दे दिया है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह मुद्दा लोकसभा चुनाव के दौरान कितना बड़ा राजनीतिक विमर्श बनता है और कौन-सी पार्टी इस बहस में जनता का भरोसा जीतने में सफल होती है।