फल सब्जियों के दाम हुए महंगे: फल सब्जियों के दाम हुए महंगे : केन्द्रीय वित्त निर्मला सीतारमण द्वारा इकोनोमिक सर्वे मे निकलकर आया

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By headlineslivenews.com

फल सब्जियों के दाम हुए महंगे: फल सब्जियों के दाम हुए महंगे : केन्द्रीय वित्त निर्मला सीतारमण द्वारा इकोनोमिक सर्वे मे निकलकर आया

फल सब्जियों के दाम हुए महंगे: केन्द्रीय वित्त निर्मला सीतारमण द्वारा इकोनोमिक सर्वे में सब्जियों के दामों को कम करने की जगह उनमें

फल सब्जियों के दाम हुए महंगे: केन्द्रीय वित्त निर्मला सीतारमण द्वारा इकोनोमिक सर्वे में सब्जियों के दामों को कम करने की जगह उनमें वृद्धि के कारण बताना जनता के प्रति सरकार की असंवेदनशीलता को दर्शाता है । पूंजीपति मित्रों के निजी सरंक्षण के लिए चिंतित मोदी सरकार मंहगाई को बेलगाम छोड़ गरीब की रोटी भी छीन रही है।- देवेन्द्र यादव

फल सब्जियों के दाम हुए महंगे

फल सब्जियों के दाम हुए महंगे: नई दिल्ली, 22 जुलाई, 2024- दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री देवेन्द्र यादव ने कहा कि भाजपा की केन्द्र सरकार की आम जनमानस के प्रति उदासीनता के कारण देश सहित दिल्ली में भी महंगाई दर आसमान छू रही है।

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फल सब्जियों के दाम हुए महंगे: लोकसभा चुनावों के परिणामों के तुरंत बाद घरेलू जरुरतां की खाने पीने की चीजों के दामों में हुई वृद्धि से साफ हो रहा है कि भाजपा सरकार ने सब कुछ बेलगाम छोड़ दिया है। पूंजीपति मित्रों के निजी सरंक्षण के लिए चिंतित मोदी सरकार गरीब आदमी थाली को लगातार महंगी कर रही है।

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श्री देवेन्द्र यादव ने कहा कि गरीब आदमी की जरुरी सब्जियों के दामों में आई आंधी में टमाटर 100, प्याज 50 रुपये, आलू 40 रुपये, तोरी 60 रुपये, बेंगन 60 रुपये, टिंडा 119 रुपये, बीन्स 89, शिमला मिर्च 119 सहित फूल गोबी 139, मिर्च 100 रुपये, लहसन 200 रुपये प्रति किलो को लोग खरीदने में असमर्थ है।

फल सब्जियों के दाम हुए महंगे: उन्होंने कहा कि भाजपा और आम आदमी पार्टी आपसी लड़ाई के चक्कर में गरीब लोगों के हितों पर ध्यान ही नही दे रही है। उन्होंने कहा कि प्याज की कीमतों में एक साल की वृद्धि में थोक महंगाई दर जहां जून 2023 में शून्य से 4.31 प्रतिशत नीचे थी, जून 2024 में आसमान छूते हुए 93.35 प्रतिशत तक पहुॅच गई है। वहीं दूध, दही, दाल, तेल, तिलहन सहित सभी चीजों के दाम भी आसमान छू रहे है।

फल सब्जियों के दाम हुए महंगे: श्री देवेन्द्र यादव ने कहा कि वित वर्ष का इकोनोमिक सर्वे पेश करते हुए निर्मला सीतारमन द्वारा यह कहना कि टमाटर की फसलों में बीमारी से उत्पादन कम हुआ है समय से पहले मानसून की बारिश और ट्रांसपोर्टेशन में दिक्कत के कारण टमाटर महंगा हुआ है।

फल सब्जियों के दाम हुए महंगे: पिछले वर्ष बारिश के कारण प्याज की फसल खराब होने से प्रभावित हुई और प्याज की बुआई में देरी और खरीफ उत्पादन पर लंबे समय तक सूखे का प्रभाव रहने के कारण प्याज का उत्पादन कम होने से महंगा हुआ है। उन्होंने कहा कि अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ते हुए केन्द्रीय वित्त द्वारा महंगाई को वैश्विक चिंता का विषय बताना पूरी तरह से देश की जनता को साथ धोखा देना है।

फल सब्जियों के दाम हुए महंगे: श्री देवेन्द्र यादव ने कहा कि वित मंत्री बढ़ती महंगाई के लिए जिम्मेदार केन्द्र सरकार अपनी कमियों को छुपाने के लिए एग्रीकल्चर सेक्टर को खराब मौसम, घटते जलाश्यों और फसलों को नुकसान के कारण चुनौतियों का सामना करना पड़ा है आदि विषयों पर इकॉनोमिक सर्वे में बोल रही है परंतु पूंजीपति मित्रों के हितों और किसानों के हितों में लागू किए गए कृषि कानून के बारे में कुछ नही कहती, जिन्हें सिर्फ दिखावा करने के लिए मोदी सरकार ने वापस लिया था,

उनका फारमेट बदलकर उन्हें किसानों के विरोध में लागू किया हुआ है और आज भी किसानी अपनी फसल के सही मूल्य और सीधा मंडी में अपनी फसल बेचने की छूट के लिए लड़ाई लड़ रही है। उन्होंने कहा कि महंगाई दर जहां 9 प्रतिशत तक पहुॅच गई है उसे 7.5 प्रतिशत बता रही है, जबकि सच्चाई जनता जानती है।

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श्री देवेन्द्र यादव ने कहा कि कैंटीन ओर होटल संचालक बढ़ते दामों के कारण परेशान है। महंगाई के कारण उनकी लागत 3 से 4 प्रतिशत तक बढ़ गई है, मजबूरी में दाम नही बढ़ा रहे। उन्होंने कहा कि लागत निकालना, काम करने वाले लोगों को वेतन देना और हमारे लिए सरदर्द बन चुका है। अगर सरकार ने कोई कदम नही उठाया तो हमें अपना कारोबार बंद करना पड़ेगा।

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