बीजेपी का चुनावी मिशन: दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं।
आगामी चुनाव में पार्टी के उम्मीदवारों की चयन प्रक्रिया को लेकर कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। लगभग 2,000 भाजपा कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बनने के लिए आवेदन किया है।
इन आवेदनों को लेकर रायशुमारी की प्रक्रिया शुरू की जाएगी, जिसमें 14 जिलों के लिए केंद्रीय ऑब्जर्वर नियुक्त किए गए हैं। प्रत्येक जिले में करीब 80 लोगों से प्रत्याशियों के नामों पर रायशुमारी की जाएगी, और अंतिम नाम केंद्रीय चुनाव समिति को भेजे जाएंगे। इस प्रक्रिया में जिला प्रभारियों, मंडल अध्यक्षों, प्रदेश प्रवक्ताओं और प्रदेश मंत्रियों की टीम भी मदद करेगी।
बीजेपी का चुनावी मिशन: रायशुमारी में सक्रिय भूमिका निभाएंगे वरिष्ठ नेता
बीजेपी का चुनावी मिशन: बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने बताया कि रायशुमारी का काम मंगलवार से शुरू किया जाएगा। हर जिले में एक केंद्रीय ऑब्जर्वर नियुक्त किया गया है, जो प्रत्याशी चयन के लिए रायशुमारी प्रक्रिया का संचालन करेंगे। इसके बाद इन नामों को केंद्रीय चुनाव समिति के पास भेजा जाएगा, जो अंतिम निर्णय लेगी।
इस बार रायशुमारी प्रक्रिया को लेकर पार्टी ने खास ध्यान दिया है। हर जिले में 60-70 शक्ति प्रमुख होंगे, और इनकी मदद से रायशुमारी प्रक्रिया पूरी की जाएगी। साथ ही, जिले के प्रभारी, सह-प्रभारी, प्रदेश मंत्री, प्रदेश प्रवक्ता और अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी भी इस प्रक्रिया में सक्रिय रूप से शामिल होंगे। इन पदाधिकारियों के साथ मिलकर, केंद्रीय ऑब्जर्वर प्रत्याशी चयन के लिए रायशुमारी करेंगे।
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बीजेपी का चुनावी मिशन: प्रदेश कोर कमिटी शॉर्टलिस्ट करेगी उम्मीदवारों के नाम
यह रायशुमारी प्रक्रिया 1 या 2 दिनों तक चलेगी। इस दौरान, करीब 2,000 आवेदनों पर विचार किया जाएगा। हर विधानसभा से तीन-तीन नामों का पैनल तैयार किया जाएगा, जिसे प्रदेश कोर कमिटी के पास भेजा जाएगा। प्रदेश कोर कमिटी इन नामों में से एक या दो नाम शॉर्टलिस्ट करके केंद्रीय चुनाव समिति को भेजेगी। यह केंद्रीय समिति अंततः उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप से मंजूरी देगी।
पार्टी ने हर कदम सावधानी से उठाने की बनाई योजना
दिल्ली भाजपा के लिए इस चुनाव में उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि दिल्ली की राजनीति में भाजपा का मुकाबला आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस से है। इसलिए पार्टी हर कदम सावधानीपूर्वक उठाना चाहती है, ताकि उसे एक मजबूत और सक्षम उम्मीदवार मिल सके जो दिल्ली की जनता के बीच पार्टी का प्रभाव बढ़ा सके।
दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनावों में बीजेपी की रणनीति यह है कि वह प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में अपने प्रत्याशियों को एक सशक्त और जनता से जुड़ा हुआ चेहरा चुने। इसके लिए पार्टी ने कई वरिष्ठ नेताओं को उम्मीदवारों के चयन में शामिल किया है, ताकि सभी रायशुमारी और विचार-विमर्श सही तरीके से हो सके।
चांदनी चौक और नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली जैसे क्षेत्रों में केंद्रीय ऑब्जर्वर का चयन
भा.ज.पा. ने जिन 14 जिलों के लिए सेंट्रल ऑब्जर्वर नियुक्त किए हैं, उनमें प्रत्येक जिले के लिए एक नामित व्यक्ति नियुक्त किया गया है, जो उम्मीदवारों के चयन में रायशुमारी करेंगे। केशवपुरम, चांदनी चौक, नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली, शाहदरा, मयूर विहार, करोल बाग, महरौली, और नजफगढ़ जैसे प्रमुख जिलों में वरिष्ठ पदाधिकारी नियुक्त किए गए हैं।
उदाहरण के तौर पर, केशवपुरम जिले में रायशुमारी के लिए अरविंद मेनन को केंद्रीय ऑब्जर्वर बनाया गया है, जबकि चांदनी चौक में अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल सिंह आर्य को यह जिम्मेदारी दी गई है। इसी तरह, नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में अनिल एंटनी, शाहदरा में महेंद्र पांडे, मयूर विहार में अलका गुर्जर, और करोल बाग में अमित मालवीय को केंद्रीय ऑब्जर्वर बनाया गया है।
पारदर्शी और सुनियोजित तरीके से उम्मीदवारों का चयन
नई दिल्ली, नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली, बाहरी दिल्ली, वेस्ट दिल्ली और साउथ दिल्ली के जिलों में भी रायशुमारी के लिए केंद्रीय ऑब्जर्वर्स की नियुक्ति की गई है। इनमें से हर जिले के लिए एक प्रमुख व्यक्ति को यह जिम्मेदारी दी गई है। इन पदाधिकारियों का काम यह सुनिश्चित करना है कि हर जिले में योग्य और सक्षम उम्मीदवारों का चयन किया जाए, जो पार्टी के हित में काम कर सकें।
पार्टी के पदाधिकारियों के मुताबिक, प्रत्येक जिले में सेंट्रल ऑब्जर्वर के साथ जिला प्रभारियों, मंडल अध्यक्षों, प्रदेश प्रवक्ताओं और अन्य वरिष्ठ नेताओं की टीम होगी, जो रायशुमारी प्रक्रिया में सहायता करेगी। इस प्रक्रिया का उद्देश्य यह है कि उम्मीदवारों का चयन पूरी तरह से पारदर्शी और सुनियोजित तरीके से हो, और पार्टी के लिए मजबूत उम्मीदवारों को मैदान में उतारा जाए।
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तीन-तीन नामों का पैनल तैयार किया जाएगा
यह प्रक्रिया कई स्तरों पर होगी, जिसमें हर जिले से तीन-तीन नामों का पैनल तैयार किया जाएगा। फिर, इन नामों को प्रदेश कोर कमिटी के पास भेजा जाएगा, जो इन नामों में से एक या दो नाम शॉर्टलिस्ट करेगी। इसके बाद, इन नामों को केंद्रीय चुनाव समिति को भेजा जाएगा, जो उम्मीदवारों का चयन करेगी।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा के उम्मीदवारों का चयन पार्टी के लिए एक अहम कदम होगा, क्योंकि दिल्ली में पार्टी को अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए नए और आकर्षक चेहरों की जरूरत है। इसके लिए पार्टी को इस प्रक्रिया के जरिए ऐसे नेताओं की पहचान करनी होगी, जो न केवल पार्टी की नीतियों के प्रति प्रतिबद्ध हों, बल्कि जनता के बीच भी अपनी पहचान बना सकें।
दिल्ली चुनाव में कोई कसर नहीं छोड़ने की रणनीति
बीजेपी की इस रणनीति से यह साफ है कि वह उम्मीदवारों के चयन में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है और यह सुनिश्चित करना चाहती है कि उसके उम्मीदवार दिल्ली विधानसभा चुनाव में एक मजबूत प्रदर्शन कर सकें।