भारत-तुर्की संबंधों की दरार एर्दोगन की नाराजगी, पाकिस्तान का समर्थन और इतिहास की टीस 2025 !

भारत-तुर्की संबंधों की दरार: भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर की पहल और DGMO स्तर की बातचीत की संभावनाओं के बीच तुर्की के

भारत-तुर्की संबंधों की दरार: एर्दोगन की नाराजगी, पाकिस्तान का समर्थन और इतिहास की टीस 2025 !

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भारत-तुर्की संबंधों की दरार: भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर की पहल और DGMO स्तर की बातचीत की संभावनाओं के बीच तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन का एक बयान सामने आया, जिसमें उन्होंने पाकिस्तानियों को “भाई” बताया और उनके लिए दुआ की।

भारत-तुर्की संबंधों की दरार: एर्दोगन की नाराजगी, पाकिस्तान का समर्थन और इतिहास की टीस 2025 !
भारत-तुर्की संबंधों की दरार: एर्दोगन की नाराजगी, पाकिस्तान का समर्थन और इतिहास की टीस 2025 !

यह बयान यूं तो कूटनीतिक भाषणों की तरह लग सकता है, लेकिन भारत-तुर्की संबंधों के परिप्रेक्ष्य में यह एक लंबी ऐतिहासिक और रणनीतिक दरार की पुष्टि करता है।

भारत-तुर्की संबंधों की दरार: गुलान मूवमेंट से शुरू हुई तुर्की की नाराजगी

2016-17 में तुर्की में असफल तख्तापलट के प्रयास के बाद राष्ट्रपति एर्दोगन ने अमेरिका स्थित फेतुल्लाह गुलान के संगठन को दोषी ठहराया। उन्होंने भारत समेत कई देशों से गुलान समर्थित स्कूलों और संगठनों को बंद करने की मांग की थी। भारत ने इस अपील को तवज्जो नहीं दी, जिससे एर्दोगन निराश हुए और इसके बाद से उन्होंने भारत के खिलाफ मुखर रुख अपनाना शुरू कर दिया। खासतौर से कश्मीर मुद्दे पर वह बार-बार पाकिस्तान का समर्थन करते दिखे।

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इतिहास में गहरी जड़ें

तुर्की और भारत के बीच संबंधों की खटास की जड़ें इतिहास में भी गहराई से धंसी हैं। दिल्ली सल्तनत की स्थापना 1206 में तुर्क मूल के शासकों द्वारा की गई थी। गुलाम वंश, खिलजी वंश, तुगलक वंश और सैयद वंश — सभी तुर्की मूल के थे। बाबर, जो मुगल साम्राज्य का संस्थापक था, मूल रूप से एक तुर्क-उज़बेक था और उसकी आत्मकथा ‘तुजुके बाबरी’ तुर्की भाषा में थी।

सैयद सालार मसूद जैसे आक्रमणकारी भी तुर्क मूल के थे, जिन्हें भारत में इस्लाम फैलाने के लिए भेजा गया था। 1034 में राजा सुहेलदेव ने उन्हें बहराइच में हराया और मार डाला। इतिहास में यह तुर्की-भारतीय टकराव की शुरुआती मिसालों में गिना जाता है।

भारत-तुर्की संबंधों की दरार

आधुनिक युग में रिश्तों का बदलता स्वरूप

भारत और तुर्की के बीच आधिकारिक राजनयिक संबंध 1948 में स्थापित हुए थे। लेकिन शीतयुद्ध के दौर में तुर्की अमेरिका के साथ जुड़ गया और भारत ने रूस और गुटनिरपेक्षता का मार्ग अपनाया। इससे दोनों देशों के रिश्ते धीरे-धीरे दूर होते चले गए। पाकिस्तान अमेरिका का नजदीकी सहयोगी बना और तुर्की भी उसके साथ खड़ा हो गया।

तुर्की द्वारा बार-बार भारत विरोधी रुख अपनाने की एक वजह यह भी है कि वह खुद को मुस्लिम दुनिया का नेता सिद्ध करना चाहता है। एर्दोगन गाजा, कतर, सीरिया और मुस्लिम मानवाधिकार जैसे मुद्दों पर खुलकर बयान देते हैं और अपनी छवि एक इस्लामी नेतृत्वकर्ता के रूप में गढ़ना चाहते हैं।

कूटनीति में कटुता के कारण

भारत-तुर्की संबंधों में कई मोर्चों पर मतभेद हैं:

  1. कश्मीर मुद्दा: एर्दोगन लगातार कश्मीर पर पाकिस्तान का पक्ष लेते रहे हैं, जिससे भारत को आपत्ति है।
  2. परमाणु आपूर्ति समूह (NSG): तुर्की भारत के NSG में प्रवेश के विरोधियों में से एक रहा है।
  3. थोरियम तकनीक: तुर्की भारत से थोरियम आधारित न्यूक्लियर तकनीक लेना चाहता था, लेकिन भारत ने साफ इनकार कर दिया।
  4. व्यापार असंतुलन: भारत तुर्की को अधिक निर्यात करता है, जबकि आयात कम करता है। तुर्की चाहता है कि यह असंतुलन दूर हो।
  5. भारत की बदलती विदेश नीति: भारत की सऊदी अरब, यूएई, इजरायल और अमेरिका से बढ़ती नजदीकी तुर्की को रास नहीं आती।

दो बार एर्दोगन की भारत यात्रा भी रही विफल

राष्ट्रपति एर्दोगन 2017 और 2018 में भारत आए थे। उन्होंने भारत के साथ आर्थिक, परमाणु ऊर्जा और राजनीतिक संबंध मजबूत करने की कोशिश की, लेकिन भारत के सतर्क और आत्मनिर्भर रवैये ने उन्हें निराश किया। उनके प्रस्तावों को भारत ने स्वीकार नहीं किया, खासतौर से थोरियम आधारित न्यूक्लियर तकनीक देने से इनकार कर दिया गया। इसके बाद एर्दोगन ने मान लिया कि भारत के साथ गहरे रिश्तों की संभावना कम है।

धार्मिक और भाषाई जुड़ाव के बावजूद दूरी

हिंदी और तुर्की में 9,000 से अधिक शब्द एक जैसे हैं। भारत के स्वतंत्रता सेनानियों ने 1912 के बाल्कन युद्धों में तुर्की की सहायता की थी और 1920 के दशक में उनके स्वतंत्रता संग्राम में भी समर्थन दिया था। महात्मा गांधी ने भी प्रथम विश्व युद्ध के बाद तुर्की पर हुए अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई थी। लेकिन आज वही तुर्की भारत के खिलाफ सुर में सुर मिलाता नजर आता है।

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एर्दोगन की महत्वाकांक्षा और भारत से दूरी

तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन इस्लामी दुनिया में अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश में भारत जैसे उभरते शक्ति के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। हागिया सोफिया को मस्जिद में बदलना, मुस्लिम देशों के लिए मानवाधिकारों की बात करना और पाकिस्तान के साथ गहरे संबंध बनाना — यह सब एर्दोगन की रणनीति का हिस्सा हैं। वह खुद को मुस्लिम देशों का चैंपियन बनाकर तुर्की को एक वैश्विक ताकत बनाना चाहते हैं।

भारत-तुर्की संबंधों की दरार

भारत की स्वतंत्र विदेश नीति और वैश्विक संतुलन

भारत और तुर्की के बीच संबंधों में कड़वाहट केवल हालिया घटनाओं का नतीजा नहीं है, बल्कि यह ऐतिहासिक, कूटनीतिक और रणनीतिक स्तरों पर लंबे समय से पनप रही है। एर्दोगन की राजनीतिक महत्वाकांक्षा और भारत की स्वतंत्र विदेश नीति के चलते दोनों देशों के बीच खाई और गहरी होती चली गई है। आने वाले समय में यह देखना होगा कि क्या यह दूरी पाटी जा सकती है या यह विरोध आगे और तीखा रूप लेगा।

'50 सीटों' का फॉर्मूला 1 'NFS कांग्रेस की देन है' धर्मेंद्र प्रधान का पलटवार 1 'अपरिवर्तनीय' शब्द का प्रभाव 1 'अपरिवर्तनीय' शब्द के प्रयोग मात्र से पावर ऑफ अटॉर्नी अपरिवर्तनीय नहीं 1 'अब का सलाद खईब' गाने से मनोज तिवारी ने दिखाया महंगाई का दर्द 1 'आतंकवादी' शब्द ने बिगाड़ा माहौल 1 'आप' और बीजेपी के बीच मुकाबला 1 'कस्टम अधिकारी' 'पुलिस अधिकारी' नहीं 1 'कांग्रेस को पीलिया हो गया है' 1 'केसरी चैप्टर 2' का ट्रेलर दर्शकों के दिलों को कर गया छू 1 'गलती से मिस्टेक' 1 'जलसा' बंगला श्वेता बच्चन को किया गिफ्ट? 1 'जाट' की रिलीज से पहले उठे सवाल क्या कला और आस्था के बीच संभव है संतुलन? 1 'जाट' टाइटल पर रणदीप हुड्डा का तीखा जवाब "पहचान खुद फिल्म में सामने आएगी" 1 'जुमलों पर झाड़ू चलाएंगे फिर केजरीवाल को लाएंगे' 1 'ट्रिपल इंजन' सरकार की दिशा में सुदृढ़ कदम 1 'देवा' फिल्म की स्क्रीनिंग में रुकावट से अली गोनी का गुस्सा INOX को किया निशाना 1 'पराक्रमो विजयते' बोले अखिलेश यादव 1 'पुष्पा' पर बड़े प्रड्यूसर की विवादित टिप्पणी 1 'बड़ा भाई' 1 'बिग बॉस 18' के विनर बने करण 1 'बिग बॉस 18' में भी दिखा था अनोखा रिश्ता 1 'बिग बॉस 18' से बनी दोस्ती 1 'बिस्मिल्लाह' के साथ मां बनने की भावुक घोषणा 1 'बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट' का नारा 0 'भूल भुलैया 2' की सफलता और तैमूर का प्यार 1 'भूल भुलैया 2'और 'भूल भुलैया 3' की सफलता 1 'मर्दानी' फ्रेंचाइजी की वापसी का ऐलान 1 'मुफ्त की रेवड़ी' आरोपों पर भाजपा को जवाब 1 'मैया यशोदा' गाने की शूटिंग के दौरान क्या हुआ था? 1 'मोहल्ला बस' से 'नमो बस सेवा' तक 1 'रावण के वंशज' आरोप 1 'लाफ्टर शेफ्स 2' में बर्थडे सेलिब्रेशन 0

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GEMINI 3 FEATURES जो ChatGPT को कर सकते हैं Obsolete

Gemini 3 Features ने AI की दुनिया में तहलका मचा दिया है। इसके उन्नत फीचर्स और

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Gemini 3 Features ने AI की दुनिया में तहलका मचा दिया है। इसके उन्नत फीचर्स और नए एल्गोरिदम इंसानों के काम करने के तरीके को पूरी तरह से बदल सकते हैं।

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GEMINI 3 FEATURES उन्नत reasoning और मल्टीमॉडल कौशल

Gemini 3, LMArena leaderboard में शीर्ष स्थान पर है, PhD-स्तर की reasoning क्षमता रखता है और विज्ञान, गणित जैसे विषयों में उच्च सफलता प्राप्त करता है। वीडियो, इमेज और मल्टीमॉडल क्वेरी पर भी यह बेहतरीन प्रदर्शन करता है, जो इसे व्यापक और बहु-आयामी प्रश्नों के लिए उपयुक्त बनाता है।

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Gemini 3 Deep Think मोड

यह नया मोड Gemini 3 की reasoning और समझ को और भी गहरा बनाता है, जिससे कठिन से कठिन समस्याओं का समाधान संभव होता है। इसका प्रदर्शन AI परीक्षाओं में अप्रत्याशित रूप से बेहतर है, जो इसे विश्लेषण और योजना कार्यों में उपयोगी बनाता है।

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सीखना, बनाना, और योजना बनाना

Gemini 3 के साथ सीखना आसान है, चाहे वह परिवार की परंपरागत रेसिपी ट्रांसलेट करना हो या ऐडवांस रिसर्च पेपर का विश्लेषण। यह ब्लॉक्स, कोड और विजुअलाइजेशन के माध्यम से जटिल जानकारियों को समझाने और प्रदर्शित करने में सक्षम है।

डेवलपर्स के लिए नया अनुभव

Google ने Google Antigravity नामक एजेंटिक डेवलपमेंट प्लेटफॉर्म भी लॉन्च किया है, जिससे डेवलपर्स Gemini 3 के साथ अधिक स्वायत्त और कार्य-केंद्रित एप्लिकेशन बना सकते हैं। यह कोडिंग को नए स्तर पर ले जाता है और निरंतर स्व-पुष्टिकरण प्रदान करता है।

योजना और ऑटोमेशन में सुधार

Gemini 3 लंबे समय के लिए योजना बनाने और जटिल, बहु-चरण वाली प्रक्रियाओं को संचालित करने में सक्षम है। यह आपके ईमेल को व्यवस्थित कर सकता है, स्थानीय सेवाएं बुक कर सकता है, और दैनिक कार्यों में मदद करता है।

सुरक्षा और जिम्मेदारी

Google ने Gemini 3 को सबसे सुरक्षित AI मॉडल बनाया है। इसमें साइबर हमलों, गलत जानकारी, और हानिकारक प्रोत्साहनों से सुरक्षा के लिए व्यापक परीक्षण और सहयोग किया गया है।

Gemini 3 का भविष्य

Gemini 3 अभी भी विकास के प्रारंभिक चरण में है और जल्द ही इसके कई नए संस्करण और फीचर जारी होंगे। Google इसे Google एजेंसियों, डेवलपर्स, और एंटरप्राइज क्लाइंट्स तक पहुंचा रहा है।

Gemini 3 की उपलब्धता

Gemini 3 एप्लिकेशन, AI Studio, Vertex AI, Google Antigravity, और Gemini CLI के माध्यम से उपलब्ध है। कॉलैबोरेशन प्लेटफॉर्म्स जैसे GitHub, Replit में भी इसका उपयोग किया जा रहा है।

Gemini 3 पर Google की यह नई पहल AI के आयामों का विस्तार करती है और इसे हर क्षेत्र में व्यावहारिक, सुलभ और अधिक सक्षम बनाती है। इसका लक्ष्य AI को उपयोगकर्ता की आवश्यकताओं के अनुसार व्यक्तिगत और प्रभावी बनाना है।

विषयविवरण
मॉडल का नामGemini 3
मुख्य विशेषताएंउन्नत reasoning, मल्टीमॉडल इनपुट, एजेंटिक कोडिंग
प्रमुख प्रदर्शन मानकLMArena leaderboard topper, PhD-level reasoning
नया मोडGemini 3 Deep Think
उपयोगकर्ता लाभबेहतर सीखना, निर्माण, योजना, और ऑटोमेशन
डेवलपर टूल्सGoogle Antigravity, AI Studio, Vertex AI
सुरक्षाव्यापक परीक्षण, सुरक्षा सुधार
उपलब्धताGemini app, AI Studio, Vertex AI, CLI, Dritt platforms
भविष्य की योजनानए संस्करण, फीचर्स, व्यापक उपयोग
लक्ष्यAI को ज्यादा प्रभावी और व्यक्तिकृत बनाना