मोदी की दो दिवसीय यात्रा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 और 30 मई 2025 को सिक्किम, पश्चिम बंगाल, बिहार और उत्तर प्रदेश की दो दिवसीय यात्रा पर हैं।
इस यात्रा को देश के विकास की दिशा में एक और ठोस कदम के रूप में देखा जा रहा है। पीएम मोदी ने खुद अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर इस यात्रा की जानकारी साझा करते हुए इसे “विकसित भारत के संकल्प” को मजबूत करने वाला बताया है। खासतौर पर बिहार को लेकर उन्होंने कहा कि 29 मई का दिन राज्य और पटना के लोगों के लिए ऐतिहासिक होने जा रहा है।
बिहार में ऐतिहासिक योजनाओं की सौगात
मोदी की दो दिवसीय यात्रा: बिहार की राजधानी पटना में पीएम मोदी ने करीब 1,200 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किए गए नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन किया। इस टर्मिनल में सालाना एक करोड़ यात्रियों को संभालने की क्षमता है, जिससे पटना एयरपोर्ट पर यात्रियों को अत्याधुनिक सुविधाएं मिल सकेंगी।
इसके साथ ही बिहटा एयरपोर्ट के नए सिविल एन्क्लेव की भी आधारशिला रखी गई, जिसकी अनुमानित लागत 1,410 करोड़ रुपये है। इस सिविल एन्क्लेव से राज्य को बेहतर हवाई कनेक्टिविटी मिलने की उम्मीद है, जो व्यापार, पर्यटन और निवेश को बढ़ावा देगा।
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48520 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाएं
प्रधानमंत्री 30 मई को बिहार के काराकाट में एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करते हुए 48,520 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। इनमें सबसे बड़ी परियोजना औरंगाबाद जिले के नबीनगर में सुपर थर्मल पावर परियोजना का द्वितीय चरण है। यह तीन गुणा 800 मेगावाट की इकाइयों वाला संयंत्र है, जिसकी कुल लागत 29,930 करोड़ रुपये से अधिक है।
यह परियोजना पूर्वी भारत के ऊर्जा सुरक्षा को सुनिश्चित करने में मदद करेगी। इससे औद्योगिक विकास को रफ्तार मिलेगी, साथ ही लोगों को रोजगार और सस्ती बिजली मिलेगी।
गंगा पर नया पुल और सड़क परियोजनाएं
बिहार के बक्सर और भरौली के बीच गंगा नदी पर एक नए पुल का निर्माण भी पीएम मोदी की इस यात्रा का हिस्सा है। इसके अतिरिक्त राज्य में कई प्रमुख सड़क परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी जा रही है। इन परियोजनाओं से राज्य के ग्रामीण और शहरी इलाकों के बीच संपर्क बेहतर होगा और यात्रियों को सुविधा मिलेगी।
पश्चिम बंगाल और सिक्किम को भी बड़ी सौगात
इस यात्रा की शुरुआत पीएम मोदी ने सिक्किम से की, जहां वह “सिक्किम ऐट 50: जहां प्रगति उद्देश्य से मिलती है और प्रकृति विकास को बढ़ावा देती है” कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने नामची में 500 बेड के नए जिला अस्पताल का उद्घाटन किया, जिसकी लागत 750 करोड़ रुपये से अधिक है। इसके साथ ही सांगाचोलिंग में यात्रियों के लिए रोपवे और गंगटोक में अटल अमृत उद्यान में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा का भी अनावरण किया गया।
पश्चिम बंगाल में पीएम मोदी ने अलीपुरद्वार और कूचबिहार जिलों में सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (CGD) परियोजना की आधारशिला रखी। यह परियोजना पर्यावरण को स्वच्छ बनाने के साथ ही लोगों को रोजगार भी उपलब्ध कराएगी।
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उत्तर प्रदेश में 20900 करोड़ रुपये की परियोजनाएं
प्रधानमंत्री अपनी यात्रा के अंतिम चरण में उत्तर प्रदेश के कानपुर नगर पहुंचे, जहां उन्होंने 20,900 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।
इनमें चुन्नीगंज से कानपुर सेंट्रल मेट्रो स्टेशन तक का मेट्रो सेक्शन शामिल है, जिसकी कुल लागत 2,120 करोड़ रुपये से अधिक है। इस मेट्रो लाइन में 14 स्टेशन होंगे, जिनमें 5 भूमिगत स्टेशन होंगे। यह मेट्रो लाइन कानपुर के प्रमुख वाणिज्यिक और आवासीय क्षेत्रों को आपस में जोड़ेगी।
जनकल्याण के एजेंडे पर केंद्र की सधी हुई चाल
प्रधानमंत्री मोदी ने इस यात्रा को देश के व्यापक विकास एजेंडे का हिस्सा बताया। उन्होंने कहा कि जिन योजनाओं की नींव रखी गई है या जिनका उद्घाटन हुआ है, वे सीधे आम जनता को लाभ पहुंचाएंगी। इससे न केवल रोजगार के अवसर बढ़ेंगे बल्कि सामाजिक-आर्थिक बदलाव भी आएगा।
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि देश के पूर्वी हिस्से में विकास की रफ्तार बढ़ाना केंद्र सरकार की प्राथमिकता है। बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और सिक्किम को विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए लगातार काम हो रहा है।
पूर्वी भारत के विकास की नई रफ्तार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह चार राज्यों की यात्रा केवल एक राजनीतिक यात्रा नहीं बल्कि देश के पूर्वी हिस्से को एक नई दिशा देने की कोशिश है। बिहार में लंबे समय से लंबित विकास योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास इस बात का संकेत है कि अब यहां के लोगों को भी आधुनिक सुविधाएं और बेहतर भविष्य मिलेगा। यह यात्रा न केवल विकास का प्रतीक है, बल्कि सरकार के प्रतिबद्धता का भी प्रमाण है कि ‘सबका साथ, सबका विकास’ सिर्फ नारा नहीं, एक ठोस कार्य योजना है।