मोदी की स्वदेशी अपील: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राष्ट्र को संबोधित करते हुए एक अहम अपील की। उन्होंने देशवासियों से विदेशी सामानों का बहिष्कार करने और ‘स्वदेशी अपनाने’ की अपील की।
प्रधानमंत्री का यह बयान आत्मनिर्भर भारत अभियान के अगले चरण की शुरुआत के तहत आया है, जिसमें उन्होंने कहा कि जब तक हर नागरिक खुद को इस आंदोलन का हिस्सा नहीं बनाएगा, तब तक भारत आत्मनिर्भर नहीं बन पाएगा।
मोदी की स्वदेशी अपील: विदेशी सामान के बहिष्कार का सीधा संदेश
प्रधानमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “अब समय आ गया है कि हम हर उस वस्तु का त्याग करें, जो भारत में निर्मित नहीं है। विदेशी सामानों का बहिष्कार केवल एक नारा नहीं, यह आत्मसम्मान और स्वाभिमान का प्रतीक है।”
उन्होंने कहा कि भारतीय बाजारों में बड़ी संख्या में चीनी, अमेरिकी, यूरोपीय और अन्य देशों के उत्पाद मौजूद हैं, जिनका उपयोग भारतीय उपभोक्ता आदत के चलते करते हैं। उन्होंने कहा कि अब ज़रूरत है कि लोग सोच-समझकर खरीदारी करें और केवल उन्हीं उत्पादों को प्राथमिकता दें जो ‘मेड इन इंडिया’ हैं।
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स्वदेशी को बनाए जीवन का मंत्र
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने महात्मा गांधी को उद्धृत करते हुए कहा कि “स्वदेशी सिर्फ आर्थिक नीति नहीं, यह राष्ट्र निर्माण की नींव है। गांधीजी ने विदेशी वस्त्रों की होली जलाकर जो संदेश दिया था, उसे हमें आज फिर जीवित करना है।”
प्रधानमंत्री ने स्कूलों, कॉलेजों, व्यापार मंडलों और सामाजिक संस्थाओं से भी अपील की कि वे ‘स्वदेशी अपनाओ’ अभियान को जमीनी स्तर तक ले जाएं।
‘आत्मनिर्भर भारत’ में जनता की भागीदारी अनिवार्य
प्रधानमंत्री ने बताया कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ का नया चरण अब केवल सरकार की योजनाओं तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि आम जनता को भी इस अभियान में सक्रिय भूमिका निभानी होगी। इसके अंतर्गत स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने, कुटीर उद्योगों को सशक्त बनाने और छोटे व्यापारियों को प्राथमिकता देने की बात कही गई।
उन्होंने कहा कि “हमारे गांवों में ऐसे अनेक कारीगर हैं जो विश्वस्तरीय उत्पाद बनाते हैं, लेकिन उन्हें बाजार नहीं मिलता। हमें ऐसे कारीगरों और शिल्पियों से जुड़ना है और उनके उत्पादों को प्राथमिकता देनी है।”
प्रधानमंत्री के इस बयान को लेकर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि केंद्र सरकार जल्द ही विदेशी वस्तुओं पर आयात शुल्क बढ़ा सकती है, विशेषकर उन वस्तुओं पर जिनका देश में विकल्प मौजूद है। इसके साथ ही सरकारी खरीद प्रक्रिया में भी ‘मेक इन इंडिया’ उत्पादों को वरीयता दी जा सकती है।
प्रधानमंत्री की अपील से तेज़ होगी स्वदेशी आंदोलन की रफ्तार
प्रधानमंत्री के बयान के बाद देशभर के व्यापारिक संगठनों ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, “हम पहले से ही चीनी और अन्य विदेशी उत्पादों का बहिष्कार कर रहे हैं। प्रधानमंत्री के आह्वान से इस अभियान को और गति मिलेगी।”
हालांकि, कुछ उद्योग विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि इस दिशा में काम करने से पहले भारतीय उत्पादों की गुणवत्ता और आपूर्ति श्रृंखला को बेहतर बनाने की ज़रूरत होगी, ताकि उपभोक्ताओं को वैकल्पिक वस्तुएं आसानी से उपलब्ध हो सकें।
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हर घर और त्योहार में अपनाएं स्वदेशी वस्तुएं
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज आवश्यकता है जनसहभागिता की। उन्होंने कहा कि “अगर हर भारतवासी निश्चय कर ले कि वह अपने घर, स्कूल, दफ्तर, पूजा स्थान और त्योहारों में केवल स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग करेगा, तो यह अभियान जनआंदोलन बन जाएगा।”
प्रधानमंत्री ने युवाओं से विशेष अपील की कि वे स्टार्टअप्स और नवाचार के माध्यम से भारतीय उत्पादों को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाएं।
विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार की अपील
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह आह्वान भारत को आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार और स्वदेशी उत्पादों के समर्थन से न केवल देश की अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा, बल्कि यह भारत के वैश्विक स्वरूप को भी नई दिशा देगा।
अब देखने वाली बात यह होगी कि यह संदेश जनता तक किस तरह पहुँचता है और व्यापारी वर्ग, उपभोक्ता, और युवा किस हद तक इसका पालन करते हैं। यदि यह अभियान सही मायनों में जनांदोलन में बदलता है, तो भारत को आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से नई मजबूती मिल सकती है।