मोदी भगवान के अवतार है: मोदी भगवान है या भगवान के अवतार अब इस पर विपक्षी पार्टिया भी निशान साध रही है , ममता बनर्जी ने अपनी एक जन सभा मे कहा की मोदी की ऊर्जा ओर शक्ति बायोलॉजीकल नहीं है तो वह मंदिर मे बैठे ओर उनके लिए मंदिर मे बनाऊँगी
मोदी भगवान के अवतार है: ममता बनर्जी का पीएम मोदी पर बड़ा हमला – ‘अगर उन्हें भगवान ने भेजा है, तो उनके लिए मैं बनाऊंगी मंदिर’
मोदी भगवान के अवतार है : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला है। आगामी लोकसभा चुनाव 2024 के छठे चरण की वोटिंग से पहले, ममता बनर्जी ने मथुरापुर की रैली में पीएम मोदी के खिलाफ अपनी तीखी टिप्पणी से राजनीतिक माहौल को गर्मा दिया है। ममता बनर्जी ने कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले के बाद पीएम मोदी की एनर्जी पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर उनकी ऊर्जा बायोलॉजिकल नहीं है तो उन्हें मंदिर में रहना चाहिए।
मोदी भगवान के अवतार है: ओबीसी सर्टिफिकेट का मुद्दा
मोदी भगवान के अवतार है: ममता बनर्जी का यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा 2010 के बाद जारी किए गए ओबीसी सर्टिफिकेट खारिज करने के आदेश के बाद आया है। उन्होंने इस फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती देने का ऐलान किया है। ममता बनर्जी ने अपने भाषण में जजों की बुनियादी योग्यता पर भी सवाल खड़े किए और कहा कि यह आदेश स्वीकार करने योग्य नहीं है।
मोदी भगवान के अवतार है अपने भाषण में ममता बनर्जी ने पीएम मोदी के एक इंटरव्यू में दिए गए बयान का हवाला देते हुए कहा, “अगर पीएम मोदी की ऊर्जा बायोलॉजिकल नहीं हैं, तो फिर उन्हें मंदिर में ही रहना चाहिए। अगर उन्हें भगवान ने भेजा है, तो उनके लिए मंदिर में रहना बेहतर है। मैं उस मंदिर के निर्माण की व्यवस्था करूंगी।” ममता बनर्जी ने इस टिप्पणी के माध्यम से पीएम मोदी पर व्यक्तिगत हमला बोला और उनकी ऊर्जा को लेकर सवाल उठाए।
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जजों की बुनियादी योग्यता पर सवाल
मोदी भगवान के अवतार है मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि कई लाख ओबीसी प्रमाण पत्र रद्द करने का आदेश शर्मनाक है और इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा, “हम न्यायालयों और न्यायिक प्रणाली का बहुत सम्मान करते हैं। लेकिन कुछ न्यायाधीशों के फैसले बुनियादी योग्यता नहीं रखते।” ममता बनर्जी की यह टिप्पणी कलकत्ता हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश चित्तरंजन दास के हालिया बयान को लेकर थी, जिन्होंने 20 मई को न्यायिक सेवा से सेवानिवृत्त होने के दिन आरएसएस से अपने जुड़ाव को स्वीकार किया था।
टीएमसी की स्थिति
ममता बनर्जी ने स्पष्ट किया कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) विपक्षी दल इंडिया गठबंधन का हिस्सा बनी रहेगी। उन्होंने दावा किया कि पूरी संभावना है कि इंडिया गठबंधन सत्ता में आएगा और टीएमसी देश को नेतृत्व देगी। इस बयान से साफ है कि टीएमसी अपनी गठबंधन राजनीति को मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ रही है।
आगामी चुनाव और टीएमसी की रणनीति
पश्चिम बंगाल में लोकसभा की 17 सीटों पर चुनाव बाकी हैं। इनमें 12 सीटें टीएमसी और पांच सीटें बीजेपी के पास हैं। छठे चरण के तहत 25 मई को तामलुक, कांठी, घातल, झारग्राम, मेदिनीपुर, पुरुलिया, बांकुरा, और बिष्णुपुर लोकसभा सीटों पर वोट डाले जाएंगे। इसके बाद सातवें और आखिरी चरण में 9 सीटों पर चुनाव होगा, जिसमें दमदम, बारासात, बशीरहाट, जयानगर, मथुरापुर, डायमंड हार्बर, जाधवपुर, कोलकाता दक्षिण, और कोलकाता उत्तर की सीटें शामिल हैं। टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी की डायमंड हार्बर लोकसभा सीट भी सातवें चरण में है।
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कलकत्ता हाईकोर्ट का आदेश
राज्य में जब दो चरण की वोटिंग बाकी है, तब कलकत्ता हाईकोर्ट की एक पीठ ने बुधवार को एक आदेश जारी कर पश्चिम बंगाल में 2010 के बाद जारी सभी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) प्रमाण पत्र रद्द कर दिए थे। इस मुद्दे पर बीजेपी ने टीएमसी को घेरते हुए कहा कि ममता बनर्जी सरकार मुस्लिम वोट बैंक के लिए उन्हें आरक्षण का लाभ दे रही थी। इसीलिए टीएमसी ने उन्हें ओबीसी में डाल दिया था।
ममता बनर्जी का जवाब
ममता बनर्जी ने इस आरोप का जवाब देते हुए कहा कि ओबीसी सर्टिफिकेट रद्द करने का आदेश शर्मनाक है और इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि वह इस फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती देंगी और यह सुनिश्चित करेंगी कि ओबीसी समुदाय को उनके अधिकार मिले।
राजनीतिक माहौल और टीएमसी का प्रभाव
ममता बनर्जी का यह आक्रामक रवैया चुनावी माहौल में टीएमसी के प्रभाव को और भी बढ़ा सकता है। उनकी तीखी टिप्पणियों और पीएम मोदी पर व्यक्तिगत हमले से यह स्पष्ट है कि टीएमसी आगामी चुनावों में बीजेपी के खिलाफ जोरदार मुकाबला करेगी। ममता बनर्जी ने अपनी रैलियों में जनता से बीजेपी के खिलाफ वोट देने की अपील की और दावा किया कि टीएमसी ही राज्य और देश की सच्ची प्रतिनिधि पार्टी है।
निष्कर्ष
ममता बनर्जी के तीखे हमलों और ओबीसी सर्टिफिकेट के मुद्दे पर उनके आक्रामक रुख ने पश्चिम बंगाल की राजनीति को और भी गरम कर दिया है। उनका यह बयान कि अगर पीएम मोदी की ऊर्जा बायोलॉजिकल नहीं है तो उन्हें मंदिर में रहना चाहिए, एक बड़े विवाद का कारण बन सकता है। आगामी चुनावों में टीएमसी और बीजेपी के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है। ममता बनर्जी का यह बयान और उनके आक्रामक चुनावी अभियान से यह स्पष्ट है कि वह किसी भी कीमत पर बीजेपी को मात देने के लिए तैयार हैं। जनता के बीच उनके इस बयान का क्या असर होगा, यह तो चुनाव के नतीजे ही बताएंगे, लेकिन फिलहाल पश्चिम बंगाल की राजनीति में यह बयान चर्चा का मुख्य विषय बन गया है।