राहुल गांधी को राहत: वाराणसी, 28 मई 2025 — कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को एक बड़ी राहत मिली है, क्योंकि वाराणसी की एमपी-एमएलए अदालत ने भगवान राम पर उनकी कथित टिप्पणी को लेकर दायर याचिका को खारिज कर दिया है।
अधिवक्ता हरिशंकर पांडे ने राहुल गांधी के खिलाफ कानूनी कदम उठाया
राहुल गांधी को राहत: अधिवक्ता हरिशंकर पांडे ने 12 मई को अदालत में याचिका दायर की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि राहुल गांधी ने अमेरिका के ब्राउन यूनिवर्सिटी में एक सत्र के दौरान भगवान राम को “पौराणिक और काल्पनिक व्यक्ति” बताया था। याचिकाकर्ता ने इसे ‘घृणास्पद भाषण’ करार देते हुए दावा किया कि इससे सनातन धर्म के अनुयायियों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं ।
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कोर्ट ने याचिका खारिज की- अनुमति के बिना कार्रवाई नहीं होगी
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) नीरज कुमार त्रिपाठी ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) 2023 के प्रावधानों के अनुसार, ऐसे मामलों में केंद्र या राज्य सरकार या जिला मजिस्ट्रेट से पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य है। बिना इस अनुमति के याचिका को स्वीकार नहीं किया जा सकता ।
राहुल गांधी के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर अडिग हैं वकील पांडे
अधिवक्ता पांडे ने अदालत के निर्णय के बाद कहा कि वह अब जिला मजिस्ट्रेट से आवश्यक अनुमति प्राप्त करने के लिए आवेदन करेंगे और फिर से याचिका दायर करेंगे। उनका मानना है कि राहुल गांधी की टिप्पणी धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाली है और इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए ।
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कांग्रेस बोली – राहुल का बयान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के दायरे में
राहुल गांधी की इस टिप्पणी को लेकर राजनीतिक हलकों में भी प्रतिक्रिया देखने को मिली है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस पर ‘हिंदू विरोधी’ होने का आरोप लगाया है, जबकि कांग्रेस ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हिस्सा बताया है।
यह मामला धार्मिक संवेदनाओं और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बीच संतुलन की आवश्यकता को रेखांकित करता है। अदालत का निर्णय कानूनी प्रक्रिया का पालन करने की आवश्यकता को स्पष्ट करता है, जबकि याचिकाकर्ता की अगली रणनीति इस मुद्दे को पुनः न्यायिक समीक्षा के लिए प्रस्तुत करने की दिशा में है।