लालू का बड़ा फैसला: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को पार्टी से छह वर्षों के लिए निष्कासित कर दिया है।
यह निर्णय तेज प्रताप के एक वायरल वीडियो के बाद आया, जिसमें वह एक महिला, अनुष्का यादव, के साथ अपने 12 वर्षों के संबंध की बात कर रहे थे। हालांकि बाद में तेज प्रताप ने दावा किया कि उनका सोशल मीडिया अकाउंट हैक हो गया था। लालू यादव ने इस फैसले के पीछे नैतिक मूल्यों की अवहेलना को कारण बताया और कहा कि ऐसा आचरण पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाता है।
तेज प्रताप को पार्टी और परिवार दोनों से निकाला
लालू यादव ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “निजी जीवन में नैतिक मूल्यों की अवहेलना करना हमारे सामाजिक न्याय के लिए सामूहिक संघर्ष को कमजोर करता है। ज्येष्ठ पुत्र की गतिविधि, लोक आचरण तथा गैर जिम्मेदाराना व्यवहार हमारे पारिवारिक मूल्यों और संस्कारों के अनुरूप नहीं है। अतएव उपरोक्त परिस्थितियों के चलते उसे पार्टी और परिवार से दूर करता हूँ।”
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तेज प्रताप यादव का राजनीतिक करियर पहले भी कई विवादों से घिरा रहा है। उन्होंने होली के अवसर पर एक पुलिसकर्मी को नाचने के लिए मजबूर किया था, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस घटना को लेकर विपक्षी दलों ने उन्हें ‘जंगल राज’ की मानसिकता का प्रतीक बताया।
तेज प्रताप के बर्ताव से RJD की छवि को गहरी चोट
इसके अलावा, तेज प्रताप यादव ने एक मंच पर पार्टी कार्यकर्ता को धक्का देने की घटना में भी सुर्खियां बटोरी थीं। इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें उनकी बहन मीसा भारती उन्हें शांत करने की कोशिश करती नजर आई थीं। तेज प्रताप यादव की इन हरकतों ने पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाया है और उनके निष्कासन से RJD में आंतरिक कलह की स्थिति बन सकती है।
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यह फैसला आगामी बिहार चुनावों में पार्टी की रणनीति और जनाधार पर प्रभाव डाल सकता है। इस घटनाक्रम से यह स्पष्ट होता है कि राजनीतिक दलों को अपने नेताओं के व्यक्तिगत आचरण पर भी ध्यान देना चाहिए, क्योंकि यह पार्टी की सार्वजनिक छवि और विश्वसनीयता को प्रभावित कर सकता है।