विनेश फोगाट: भारतीय पहलवान विनेश फोगाट की अपील पर खेल पंचाट का तदर्थ प्रभाग शनिवार को अपना फैसला सुनाएगा। विनेश फोगाट ने 100 ग्राम अधिक वजन के कारण अयोग्यता घोषित होने के खिलाफ अपील की थी। इस मामले में भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने सकारात्मक निर्णय की उम्मीद जताई है।
विनेश फोगाट: ओलंपिक मेडल की उम्मीदें बढ़ीं
विनेश फोगाट ने अपने अपील में तर्क दिया कि उनके वजन को लेकर की गई ग़लतफहमी से उनके ओलंपिक मेडल की उम्मीदों पर असर पड़ा है। पहलवान ने यह भी उल्लेख किया कि उन्हें वजन में मामूली वृद्धि के बावजूद उनकी प्रतिभा और पिछले प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए ओलंपिक खेलों में भाग लेने की अनुमति दी जानी चाहिए। खेल पंचाट का तदर्थ प्रभाग शनिवार को इस मामले की सुनवाई करेगा और अंतिम फैसला देगा, जिससे विनेश फोगाट के ओलंपिक मेडल की संभावनाओं पर प्रभाव पड़ेगा। आईओए ने उम्मीद जताई है कि फैसले से विनेश की स्थिति में सुधार होगा और उन्हें उनकी सही क्षमता दिखाने का मौका मिलेगा।
इस फैसले का भारतीय खेल समुदाय और ओलंपिक प्रेमियों को बेसब्री से इंतजार है, क्योंकि इससे विनेश की ओलंपिक में भागीदारी की संभावनाओं पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है।
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भारतीय पहलवान विनेश फोगाट की अपील पर खेल पंचाट (कैस) का तदर्थ प्रभाग शनिवार, 10 अगस्त 2024 को अपने निर्णय की घोषणा करेगा। फैसले की तारीख को लेकर निराशाजनक हालात में भी, यह सुनवाई ओलंपिक मेडल की उम्मीदों को जीवित रखे हुए है। विनेश फोगाट ने हाल ही में एक विवादित मामले में अपील की थी, जिसमें उन्हें फाइनल की सुबह 100 ग्राम अधिक वजन के कारण अयोग्य ठहराया गया था। इस निर्णय के खिलाफ अपील करने के बाद, खेल पंचाट ने शुक्रवार को मामले की सुनवाई समाप्त की और अपील को स्वीकार कर लिया।
खेल पंचाट की ओर से जारी एक बयान में बताया गया है कि ओलंपिक खेलों से संबंधित कैस मध्यस्थता नियमों के अनुच्छेद 18 के तहत, तदर्थ प्रभाग के अध्यक्ष ने पैनल को 10 अगस्त 2024 को पेरिस के समय अनुसार शाम 6 बजे (भारतीय समय अनुसार रात 9:30 बजे) तक फैसला देने के लिए समय सीमा बढ़ा दी है। इस निर्णय से भारतीय खेल जगत और विनेश फोगाट के समर्थकों में उत्साह और आशा की लहर है।
विनेश की अपील को लेकर कई बातें महत्वपूर्ण हैं। उनके वजन की समस्या ने उन्हें फाइनल से बाहर कर दिया था, लेकिन उनकी अपील में यह तर्क दिया गया कि यह अयोग्यता तकनीकी गलती के कारण हुई थी। खेल पंचाट के तदर्थ प्रभाग की निर्णय प्रक्रिया से यह अपेक्षा की जा रही है कि वे इस मुद्दे पर एक निष्पक्ष और संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाएंगे। इस फैसले के साथ ही, भारतीय पहलवानों और खेल प्रेमियों की निगाहें खेल पंचाट के निर्णय पर टिकी हैं, जो संभावित रूप से विनेश फोगाट के ओलंपिक मेडल की उम्मीदों को पुनर्जीवित कर सकता है।
विनेश फोगाट: खेल पंचाट का तदर्थ प्रभाग शनिवार को विनेश फोगाट की अपील पर सुनाएगा फैसला
हालांकि, फैसले का इंतजार बना हुआ है, लेकिन खेल जगत में इस पर बहस और चर्चा का दौर जारी है। अपील की स्वीकृति के बाद, यह निर्णय तय करेगा कि विनेश की मेहनत और प्रयासों का उचित सम्मान होगा या नहीं। शुक्रवार को समाप्त हुई सुनवाई और शनिवार के फैसले की तारीख खेल पंचाट के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकती है, जो भारतीय खेलों के भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण संकेतक बनेगी।
विनेश फोगाट ने फाइनल की सुबह 100 ग्राम अधिक वजन के कारण अयोग्यता घोषित होने के खिलाफ अपील की थी। इस अपील के बाद, खेल पंचाट ने शुक्रवार को मामले की सुनवाई समाप्त की और शनिवार को निर्णय की तारीख तय की। कैस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि ओलंपिक खेलों से संबंधित कैस मध्यस्थता नियमों के अनुच्छेद 18 के तहत, तदर्थ प्रभाग के अध्यक्ष ने पैनल को 10 अगस्त 2024 को पेरिस के समय अनुसार शाम 6 बजे (भारतीय समय अनुसार रात 9:30 बजे) तक फैसला देने के लिए समय सीमा बढ़ा दी है।
आईओए ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, “भारतीय ओलंपिक संघ को उम्मीद है कि पहलवान विनेश फोगाट द्वारा खेल पंचाट (कैस) के तदर्थ प्रभाग के समक्ष उनके वजन में विफलता के खिलाफ दायर आवेदन का सकारात्मक समाधान होगा।” इस बयान से साफ है कि आईओए और भारतीय खेल प्रेमियों को फैसले की सकारात्मक दिशा की उम्मीद है।
विनेश फोगाट की अपील का मुख्य मुद्दा यह है कि उन्हें 100 ग्राम अधिक वजन के कारण फाइनल से बाहर कर दिया गया, जबकि उनके मुकाबले के दौरान उनका वजन निर्धारित सीमा के भीतर था। उनकी अपील में, उन्होंने फाइनल में क्यूबा की पहलवान युस्नेलिस गुजमान लोपेज़ को उतारने का आरोप लगाया, जो सेमीफाइनल में उनसे हार गई थीं।
विनेश ने यह भी मांग की है कि लोपेज के साथ संयुक्त रजत पदक दिया जाए। विनेश की अपील के पक्ष को प्रसिद्ध सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे और विदुष्पत सिंघानिया ने पेश किया। उनका तर्क यह था कि वजन की गलतफहमी के बावजूद, विनेश ने निर्धारित वजन सीमा के भीतर मुकाबला किया और इसलिए उन्हें निष्पक्ष रूप से सम्मानित किया जाना चाहिए।
इस बीच, भारतीय कुश्ती दल के लिए यह ओलंपिक चुनौतीपूर्ण रहा है। अब तक, भारत को कुश्ती में एकमात्र मेडल अमन सहरावत ने जीता है। उन्होंने 57 किग्रा कैटेगिरी में पुएर्तो रिको के डारियन क्रूज को 13-5 से हराकर भारत के लिए एकमात्र पदक सुनिश्चित किया है। यह स्थिति विनेश के मामले में फैसले की महत्ता को और बढ़ा देती है क्योंकि भारतीय खेल प्रेमी और एथलीट उम्मीद कर रहे हैं कि उनके मामले में भी न्याय होगा और भारतीय कुश्ती के लिए एक और सम्मानजनक परिणाम प्राप्त होगा।
सुनवाई के बाद, सभी की निगाहें खेल पंचाट के फैसले पर टिकी हैं। इस फैसले के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि विनेश फोगाट की ओलंपिक मेडल की उम्मीदें पूरी होती हैं या नहीं। साथ ही, यह फैसला भारतीय खेल जगत के लिए एक महत्वपूर्ण संकेतक होगा कि कैसे भविष्य में ऐसे मामलों को निपटाया जाएगा और खिलाड़ियों के अधिकारों की रक्षा की जाएगी। फैसले की तारीख के करीब आने के साथ ही, विनेश और उनके समर्थकों के लिए यह एक महत्वपूर्ण पल है, जो उनके वर्षों की मेहनत और प्रयासों की सही कद्र और सम्मान की उम्मीदें जगाए हुए है।