सक्रिय मामले 1000 पार: नई दिल्ली- देश में एक बार फिर कोरोना वायरस संक्रमण ने चिंता बढ़ा दी है।
स्वास्थ्य मंत्रालय से प्राप्त ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, भारत में फिलहाल सक्रिय कोविड-19 मामलों की संख्या 1000 के पार पहुंच चुकी है, जबकि पिछले एक सप्ताह में 752 नए केस दर्ज किए गए हैं। यह वृद्धि भले ही शुरुआती स्तर की हो, लेकिन विशेषज्ञ इसे हल्के में लेने की चेतावनी दे रहे हैं।
संक्रमण में धीरे-धीरे हो रही है वृद्धि
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार, पिछले सात दिनों में भारत के विभिन्न हिस्सों से कोरोना वायरस के नए मामले सामने आए हैं। इनमें महाराष्ट्र, केरल, दिल्ली, कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे राज्य प्रमुख हैं जहां संक्रमण की रफ्तार अपेक्षाकृत अधिक देखी जा रही है। महाराष्ट्र में सबसे अधिक 250 से अधिक मामले दर्ज किए गए, जबकि केरल में 150 से ज्यादा नए संक्रमण सामने आए हैं। इसके अलावा अन्य राज्यों में भी छोटे-छोटे क्लस्टर उभर रहे हैं।
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क्या है वैज्ञानिकों की राय?
विशेषज्ञों का मानना है कि यह संक्रमण की एक नई लहर की शुरुआत नहीं है, लेकिन सावधानी बरतने की जरूरत है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के वैज्ञानिकों ने जनता से अपील की है कि जिन लोगों ने अभी तक बूस्टर डोज नहीं लगवाई है, वे जल्द से जल्द लगवाएं। साथ ही, भीड़-भाड़ वाले इलाकों में मास्क पहनने और नियमित हाथ धोने की सलाह भी दी गई है।
लक्षणों में हो रहा है बदलाव
डॉक्टरों का कहना है कि मौजूदा मामलों में तेज़ बुखार, खांसी, बदन दर्द, गले में खराश और थकावट जैसे सामान्य लक्षण देखे जा रहे हैं। कुछ मरीजों को सांस लेने में भी परेशानी की शिकायत मिली है, हालांकि ICU में भर्ती होने की दर अभी बहुत कम है।
क्या यह नया वैरिएंट है?
हालांकि अभी तक इस वृद्धि के पीछे किसी नए वैरिएंट की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन वैज्ञानिक ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट्स की गतिविधियों पर नज़र रख रहे हैं। भारत में जीनोम सीक्वेंसिंग की प्रक्रिया तेज कर दी गई है ताकि किसी भी संभावित नए वैरिएंट की पहचान समय रहते हो सके।
सरकार ने क्या कदम उठाए?
केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को अलर्ट जारी किया है और जांच, ट्रैकिंग, ट्रीटमेंट और टीकाकरण (4T नीति) को दोबारा सक्रिय करने का निर्देश दिया है। कई राज्यों ने अस्पतालों को तैयारी की स्थिति में रहने को कहा है। इसके साथ ही, बॉर्डर चेकिंग, एयरपोर्ट स्क्रीनिंग और क्वारंटीन नियमों की समीक्षा भी शुरू कर दी गई है।
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भीड़ से दूरी और मास्क जरूरी
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने नागरिकों से अपील की है कि घबराने की नहीं, बल्कि सतर्क और जागरूक रहने की जरूरत है। बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचने, मास्क पहनने, हाथों की स्वच्छता बनाए रखने और कोरोना से जुड़ी सरकारी गाइडलाइन्स का पालन करने की अपील की गई है।
महामारी का खतरा अभी टला नहीं है
हालांकि अभी देश में कोरोना की स्थिति गंभीर नहीं मानी जा रही, लेकिन संक्रमण की रफ्तार में आई हल्की तेजी ने संकेत जरूर दे दिया है कि महामारी अभी पूरी तरह समाप्त नहीं हुई है। ऐसे में, जरूरी है कि हम अपने व्यवहार में लापरवाही न बरतें और सरकार व स्वास्थ्य विभाग के दिशा-निर्देशों का पालन करें।
“सावधानी ही सुरक्षा है”, इस मूल मंत्र को अपनाकर ही हम इस वायरस से दोबारा निपट सकते हैं।