1 बैठक 20 मुख्यमंत्री 18 उपमुख्यमंत्री: दिल्ली में एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों की एक महत्वपूर्ण बैठक रविवार को आयोजित की गई, जो कई मायनों में राजनीतिक और प्रशासनिक दृष्टिकोण से अहम मानी जा रही है।
इस बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की और इसमें 20 राज्यों के मुख्यमंत्री और 18 उपमुख्यमंत्री शामिल हुए। इस उच्च स्तरीय बैठक में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे।
पीएम मोदी ने राज्यों को दिए सुशासन के 7 मंत्र
बैठक ऐसे समय पर हुई है जब एनडीए सरकार हाल ही में “ऑपरेशन सिंदूर” जैसी सैन्य सफलता और महिला सुरक्षा जैसे संवेदनशील मुद्दों को लेकर चर्चा में है। यह बैठक आगामी विधानसभा और 2024 के लोकसभा चुनावों की रणनीति तय करने के लिहाज से भी खास मानी जा रही है।
बैठक के प्रमुख बिंदु: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैठक में सभी एनडीए शासित राज्यों को सुशासन, महिला सशक्तिकरण, जल संरक्षण, स्वास्थ्य, शिक्षा, खेल और कृषि जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर काम करने और एक-दूसरे की सफल योजनाओं को साझा करने का आग्रह किया। उन्होंने डबल इंजन सरकार के लाभों को जन-जन तक पहुंचाने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि राज्यों को केंद्र की योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू कर लोगों के जीवन में बदलाव लाना चाहिए।
1 बयान 21 संहार की बात: रामबिलास शर्मा ने परशुराम का हवाला देकर क्षत्रियों को बताया ‘आतंकवादी’
भारत-रूस का नया मोड़: ब्रह्मोस का नया वर्जन और 300 करोड़ रुपये का कारखाना
योजनाओं के आदान-प्रदान से बनेगा विकास का साझा मॉडल
बैठक में जल संरक्षण को एक बड़ा मुद्दा माना गया। राज्यों ने अपनी जल प्रबंधन से जुड़ी पहलों को साझा किया, जिनमें से कई योजनाएं सफल रही हैं और अन्य राज्यों द्वारा अपनाई जा सकती हैं। इसके अलावा, महिला सशक्तिकरण, प्रशासनिक सुधार, तकनीकी नवाचार और युवाओं के लिए कौशल विकास जैसे मुद्दों पर भी गंभीर चर्चा हुई।
चुनावी दृष्टिकोण: बैठक का एक और बड़ा मकसद था आगामी विधानसभा चुनावों और 2024 के लोकसभा चुनावों की रणनीति तैयार करना। सूत्रों के अनुसार, बीजेपी और एनडीए के नेता इस बात पर विचार कर रहे हैं कि किस तरह केंद्र और राज्य सरकार की उपलब्धियों को जनता के सामने प्रभावी ढंग से रखा जाए। इस बैठक में विपक्ष की रणनीति को ध्यान में रखते हुए उसका मुकाबला करने के उपाय भी चर्चा का विषय बने।
राज्यों के बीच तालमेल: बैठक का एक और महत्वपूर्ण पहलू था एनडीए शासित राज्यों के बीच समन्वय और प्रशासनिक आदान-प्रदान को बढ़ाना। विभिन्न राज्यों ने अपनी सफल योजनाओं को साझा किया, जैसे कि जल जीवन मिशन, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, स्वास्थ्य बीमा योजनाएं, महिला स्वरोजगार पहल, डिजिटल गवर्नेंस मॉडल आदि। इन योजनाओं को एक-दूसरे राज्यों में लागू करने पर विचार किया गया, जिससे देशभर में एक समान विकास सुनिश्चित किया जा सके।
मुसलमानो को सेना का साथ देना है | Bolega India
नबी करीम इलाके में चाकू मारकर डबल मर्डर | Crime Episode
Smart Police Booth at IGI Airport’s Terminal 3 | Crime Episode
ऑपरेशन सिंदूर के बाद NDA की ताकत का प्रदर्शन
एनडीए की एकजुटता का प्रदर्शन: “ऑपरेशन सिंदूर” की सफलता के बाद यह बैठक एक तरह से एनडीए की एकजुटता और केंद्र सरकार की रणनीतिक स्थिति को भी दर्शाती है। जहां एक ओर यह बैठक प्रशासनिक स्तर पर सफल पहलों के आदान-प्रदान का मंच बनी, वहीं दूसरी ओर यह विपक्ष को यह संकेत देने का भी जरिया बनी कि एनडीए पूरी तरह संगठित और चुनावी मोड में है।
सारांश: एनडीए की यह बैठक महज एक प्रशासनिक चर्चा नहीं थी, बल्कि इसका चुनावी और रणनीतिक महत्व भी गहरा था। प्रधानमंत्री मोदी ने सुशासन और विकास की योजनाओं पर ज़ोर देते हुए, राज्यों से समन्वय और आदान-प्रदान को बढ़ावा देने की बात कही। इस बैठक के माध्यम से एनडीए ने न केवल अपनी उपलब्धियों का आकलन किया, बल्कि आगामी चुनावों के लिए अपनी चुनावी मशीनरी को भी सक्रिय किया। यह बैठक आने वाले दिनों में राजनीतिक घटनाक्रम और चुनावी माहौल पर निर्णायक प्रभाव डाल सकती है।