16 मई 1975: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिक्किम के राज्य बनने की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर राज्यवासियों को बधाई दी और राज्य की प्रगति की सराहना की। सिक्किम भारत का 22वां राज्य बना था, और इस वर्ष 2025 में इसकी स्वर्ण जयंती मनाई जा रही है।
सिक्किम प्रकृति और प्रगति का संगम
प्रधानमंत्री मोदी ने सिक्किम को “प्रकृति के साथ प्रगति का मॉडल” बताया। उन्होंने कहा कि राज्य ने जैव विविधता, 100% जैविक खेती, समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, और पर्यावरणीय संतुलन में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल की हैं। सिक्किम की यह यात्रा भारत के विकास मॉडल के लिए प्रेरणास्रोत है।
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कनेक्टिविटी और पूर्वोत्तर का विकास
16 मई 1975: प्रधानमंत्री ने पूर्वोत्तर भारत, विशेषकर सिक्किम में कनेक्टिविटी में आए बदलावों की सराहना की। उन्होंने कहा कि जहां पहले दिल्ली से दूरी विकास में बाधा थी, अब वही क्षेत्र विकास के नए द्वार खोल रहे हैं। सड़क, रेल और डिजिटल कनेक्टिविटी में सुधार ने सिक्किम को देश की मुख्यधारा से जोड़ा है।
सांस्कृतिक धरोहर और पर्यटन का केंद्र
सिक्किम की प्राकृतिक सुंदरता, बौद्ध मठ, झीलें, और कंचनजंगा नेशनल पार्क जैसे स्थलों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह राज्य न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया के लिए गर्व का विषय है। उन्होंने नए स्काईवॉक, स्वर्ण जयंती प्रोजेक्ट्स, और अटल जी की प्रतिमा के अनावरण को राज्य की नई उड़ान के प्रतीक बताया।
मौसम के कारण यात्रा रद्द लेकिन संदेश बरकरार
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि वे स्वयं सिक्किम आकर इस ऐतिहासिक अवसर का हिस्सा बनना चाहते थे, लेकिन खराब मौसम के कारण उनकी यात्रा रद्द करनी पड़ी। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सिक्किमवासियों को संबोधित किया और राज्य की उपलब्धियों की सराहना की।
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राज्य सरकार और जनता का योगदान
प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग और राज्य सरकार की सराहना की, जिन्होंने इस आयोजन को यादगार बनाने के लिए कड़ी मेहनत की। उन्होंने सिक्किम की जनता की मेहनत, समर्पण, और विकास के प्रति प्रतिबद्धता की भी प्रशंसा की।
सिक्किम की यह 50 वर्षों की यात्रा न केवल राज्य के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणादायक है। प्रधानमंत्री मोदी के शब्दों में, “सिक्किम आज देश का गर्व है।”