19 जून को होगा मतदान: असम और तमिलनाडु की खाली हो रही सीटों के लिए होगा मतदान, चार राज्यों की पांच विधानसभा सीटों पर उपचुनाव भी 19 जून को
नई दिल्ली: भारत निर्वाचन आयोग ने राज्यसभा की आठ सीटों पर द्विवार्षिक चुनाव कराने की घोषणा कर दी है। यह चुनाव असम और तमिलनाडु राज्यों की उन सीटों पर होंगे जिनके वर्तमान सदस्यों का कार्यकाल आगामी जून और जुलाई में समाप्त हो रहा है। चुनाव आयोग द्वारा सोमवार को जारी अधिसूचना के अनुसार, इन आठ सीटों पर मतदान 19 जून 2025 को आयोजित किया जाएगा और मतगणना भी उसी दिन शाम को की जाएगी।
असम की दो सीटें खाली
असम से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो राज्यसभा सदस्यों वीरेंद्र प्रसाद वैश्य और मिशन रंजन दास का कार्यकाल 14 जून 2025 को समाप्त हो रहा है। इन दोनों नेताओं की सदस्यता खत्म होने से राज्यसभा की दो सीटें रिक्त हो जाएंगी, जिसके लिए अब नए प्रतिनिधियों का चुनाव किया जाना है। भाजपा असम में सत्तारूढ़ पार्टी है, ऐसे में ये सीटें फिर से भाजपा के खाते में जाने की संभावना मानी जा रही है, हालांकि अंतिम फैसला विधायकों के मतदान से ही तय होगा।
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तमिलनाडु में कितनी सीटें हो रही हैं खाली ?
तमिलनाडु से राज्यसभा में भेजे गए जिन छह सदस्यों का कार्यकाल 24 जुलाई 2025 को समाप्त हो रहा है, उनमें कई प्रमुख चेहरे शामिल हैं। इनमें अंबुमणि रामदास (पट्टाली मक्कल काची), एन चंद्रशेखरन (AIADMK), एम. षणमुगम (DMK), पी. विल्सन (DMK) और वाइको (MDMK) शामिल हैं।
तमिलनाडु में फिलहाल सत्ता पर द्रविड़ मुनेत्र कषगम (DMK) का नियंत्रण है, इसलिए संभावना है कि इनमें से अधिकांश सीटों पर पार्टी के उम्मीदवारों को समर्थन मिलेगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बार DMK गठबंधन कितनी सीटों पर जीत हासिल करता है और क्या अंबुमणि रामदास या वाइको जैसे नेताओं को दोबारा उच्च सदन में भेजा जाएगा।
चुनाव कार्यक्रम और अधिसूचना
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार, इन आठ सीटों पर चुनाव के लिए अधिसूचना 2 जून को जारी की जाएगी। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 9 जून होगी, जबकि नामांकन पत्रों की जांच 10 जून को की जाएगी। उम्मीदवार नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 12 जून तय की गई है। इसके बाद 19 जून को मतदान कराया जाएगा और उसी दिन शाम को मतगणना होगी। इसके बाद नई सदस्यता की अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।
विधानसभा उपचुनाव कब होंगे ?
राज्यसभा चुनावों के साथ ही देश के चार राज्यों की पांच विधानसभा सीटों पर उपचुनाव भी 19 जून को होंगे। चुनाव आयोग ने इसके लिए भी अधिसूचना जारी कर दी है। उपचुनाव की यह पांच सीटें गुजरात, केरल, पंजाब और पश्चिम बंगाल राज्यों से संबंधित हैं।
इन सीटों पर उपचुनाव की आवश्यकता इसलिए पड़ी क्योंकि या तो संबंधित विधायक का निधन हो गया या फिर उन्होंने किसी कारणवश इस्तीफा दे दिया। उपचुनावों के नतीजों की घोषणा 23 जून को की जाएगी।
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DMK को संख्या बल का मिलेगा स्पष्ट फायदा?
राज्यसभा की आठ सीटों के इस द्विवार्षिक चुनाव को भले ही सामान्य प्रक्रिया कहा जाए, लेकिन यह राजनीतिक दृष्टिकोण से खासा महत्वपूर्ण है। इन चुनावों के जरिए यह देखा जा सकेगा कि किस राज्य में किस पार्टी की स्थिति मजबूत है और कौन अपने विधायकों का समर्थन पाने में सफल हो रहा है।
तमिलनाडु जैसे बड़े राज्य से छह सीटों पर चुनाव होना बताता है कि DMK और AIADMK के बीच फिर से राजनीतिक प्रतिस्पर्धा देखने को मिलेगी, हालांकि DMK की वर्तमान विधानसभा ताकत को देखते हुए उसे स्पष्ट लाभ मिल सकता है।
वहीं असम में भाजपा की स्थिति पहले से मजबूत है, इसलिए संभावना यही है कि यहां से पार्टी अपने दो प्रतिनिधियों को फिर से उच्च सदन भेज सकती है।
क्या विपक्ष देगा सत्ता पक्ष को कड़ी टक्कर?
19 जून को राज्यसभा की आठ सीटों और पांच विधानसभा सीटों के लिए मतदान के बाद भारत की राजनीतिक तस्वीर में कुछ बदलाव देखने को मिल सकते हैं। एक ओर जहां राज्यसभा में पार्टियों की संख्या में हल्का फेरबदल होगा, वहीं विधानसभा उपचुनाव यह संकेत भी देंगे कि आम जनता का रुझान किस ओर है।
मुख्य सवाल यह भी है कि क्या विपक्षी दल इस चुनाव में कोई चौंकाने वाला प्रदर्शन करेंगे या फिर सत्तारूढ़ पार्टियों की पकड़ और मजबूत होगी। यह स्पष्ट होगा 19 जून के मतदान और 23 जून की मतगणना के बाद।