2022 के बाद की वापसी: नई दिल्ली- दिल्ली में लोकसभा चुनाव 2024 में शानदार जीत दर्ज करने के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अब एक बार फिर एमसीडी (नगर निगम) में अपनी पकड़ मजबूत कर ली है।
ट्रिपल इंजन सरकार बनने के बाद यानी केंद्र, दिल्ली सरकार और एमसीडी तीनों जगह बीजेपी के हाथ में सत्ता आ गई है। ऐसे में पार्टी ने स्पष्ट कर दिया है कि अब वह वहीं से अपनी यात्रा दोबारा शुरू करेगी, जहां से वर्ष 2022 में एमसीडी की सत्ता से बाहर हुई थी।
2022 के बाद की वापसी: कूड़े के पहाड़ होंगे खत्म तीन दिन में मांगी रिपोर्ट
2022 के बाद की वापसी: बीजेपी के केशवपुरम जोन के चेयरमैन योगेश वर्मा ने कहा है कि उनकी पार्टी ने सबसे पहले राजधानी के सबसे बड़े संकट — कूड़े के पहाड़ — को खत्म करने का संकल्प लिया है। ओखला, गाजीपुर और भलस्वा की लैंडफिल साइट्स की ऊंचाइयों को कम करने की जो प्रक्रिया 2022 से पहले शुरू हुई थी, वह आम आदमी पार्टी के कार्यकाल में लगभग ठप हो गई थी। ढाई साल बीतने के बाद भी इन साइट्स पर कूड़े की मात्रा में कोई उल्लेखनीय कमी नहीं आई है।
सत्ता में लौटने के साथ ही बीजेपी ने तीनों लैंडफिल साइट्स पर ताजा स्थिति की रिपोर्ट तैयार करने का आदेश दिया है। एमसीडी अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे अगले तीन दिनों के भीतर इस बात की रिपोर्ट सौंपें कि अब तक कितना कूड़ा हटाया गया है और साइट्स की वर्तमान स्थिति क्या है। रिपोर्ट के आधार पर एक ठोस कार्ययोजना तैयार कर जल्द ही बड़े स्तर पर कूड़ा हटाने का काम शुरू किया जाएगा। पार्टी का लक्ष्य अगले एक से सवा साल के भीतर इन तीनों कूड़े के पहाड़ों को पूरी तरह खत्म करना है।
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2022 के बाद की वापसी: स्वास्थ्य सेवाओं का होगा कायाकल्प
एमसीडी के अधीन आने वाले पांच बड़े अस्पतालों की हालत पर भी बीजेपी ने गहरी चिंता व्यक्त की है। योगेश वर्मा का कहना है कि आम आदमी पार्टी के शासनकाल में इन अस्पतालों की स्थिति काफी खराब हो गई थी। अब इन अस्पतालों को अपग्रेड करने की योजना पर काम शुरू किया जाएगा। सभी जरूरी सुविधाओं, आधुनिक उपकरणों और विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती के साथ इन अस्पतालों को इस तरह से विकसित किया जाएगा कि आम लोगों को गंभीर से गंभीर बीमारियों का इलाज भी यहीं आसानी से मिल सके।
स्वास्थ्य के क्षेत्र में एमसीडी को मॉडल बनाने का लक्ष्य रखा गया है, ताकि निगम के अस्पताल निजी अस्पतालों को टक्कर दे सकें और गरीब तबके को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।
ग्रामीण इलाकों और अनधिकृत कॉलोनियों के लिए राहत योजनाएं
बीजेपी की योजना है कि दिल्ली के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले नागरिकों को हाउस टैक्स में बड़ी राहत दी जाए। इसके तहत दिल्ली के सभी गांवों में मकान मालिकों को हाउस टैक्स से आंशिक या पूर्ण छूट दी जा सकती है। इसके अलावा, अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले उन लोगों को भी राहत देने का प्रस्ताव है, जिनके मकान का आकार 50 से 100 वर्ग गज के बीच है। ऐसे मकानों को हाउस टैक्स के दायरे से बाहर रखने पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है।
इतना ही नहीं, पिछले 10-12 वर्षों से जिन मकान मालिकों का हाउस टैक्स बकाया है, उनका ब्याज माफ करने पर भी विचार चल रहा है। इससे लाखों नागरिकों को प्रत्यक्ष वित्तीय लाभ मिलेगा और एमसीडी का राजस्व संग्रहण भी सुधरने की संभावना है।
सफाई व्यवस्था को फिर से बनाया जाएगा मजबूत
बीजेपी सूत्रों के अनुसार, आम आदमी पार्टी के कार्यकाल के दौरान एमसीडी के 250 वॉर्डों में सफाई व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई थी। कई इलाकों में कचरा उठाने के लिए ऑटो टिप्पर तक उपलब्ध नहीं थे। अब सत्ता में वापसी के साथ ही बीजेपी ने तय किया है कि प्रत्येक वॉर्ड में नए ऑटो टिप्पर और सफाई उपकरण खरीदे जाएंगे, ताकि सफाई व्यवस्था को फिर से दुरुस्त किया जा सके।
पार्टी ने एक बार फिर से दिल्ली को स्वच्छ और सुंदर बनाने का संकल्प लिया है, और इसके लिए बड़े पैमाने पर निवेश और अभियान चलाए जाएंगे। अभियान का उद्देश्य है कि नालों की सफाई, सड़कों पर नियमित कचरा उठाव, और कचरे के सही निपटान की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
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फंड की कमी नहीं तेजी से होगा विकास
एमसीडी में बीजेपी की सत्ता में वापसी इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि अब दिल्ली में केंद्र और एमसीडी दोनों जगह बीजेपी का नियंत्रण है। इससे पहले आम आदमी पार्टी के शासनकाल में फंड को लेकर कई बार एमसीडी और दिल्ली सरकार के बीच टकराव होता था, जिससे विकास कार्य प्रभावित होते थे। अब इस समस्या का समाधान हो गया है।
बीजेपी नेताओं का कहना है कि अब एमसीडी के पास विकास कार्यों के लिए फंड की कोई कमी नहीं होगी। इसके चलते सड़क निर्माण, स्ट्रीट लाइट लगाने, नालों की सफाई, पार्कों के सौंदर्यीकरण, सामुदायिक केंद्रों के निर्माण और अन्य सार्वजनिक सुविधाओं में अभूतपूर्व तेजी आएगी।
पार्टी का लक्ष्य है कि 2007 से 2022 के दौरान जितना विकास एमसीडी ने किया था, अब उससे भी दोगुनी रफ्तार से काम किया जाए और नागरिकों को अधिकतम सुविधाएं मुहैया कराई जाएं।
एमसीडी स्कूलों में सुधार और मेंटर सिस्टम पर पुनर्विचार
सूत्रों के मुताबिक, आम आदमी पार्टी ने एमसीडी के लगभग 1700 स्कूलों में अपने कार्यकर्ताओं को “मेंटर” के तौर पर तैनात कर दिया था, जो सीधे प्रिंसिपलों के ऊपर बैठकर काम कर रहे थे। इससे स्कूलों का शैक्षणिक वातावरण प्रभावित हुआ। बीजेपी ने अब तय किया है कि इन सभी मेंटरों को हटाया जाएगा और स्कूल प्रबंधन को फिर से पेशेवर और योग्य लोगों के हाथों सौंपा जाएगा।
एमसीडी स्कूलों में बुनियादी ढांचे को सुधारने, स्मार्ट क्लासरूम बनाने और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने की योजना तैयार की जा रही है। पार्टी का लक्ष्य है कि एमसीडी स्कूलों को इस स्तर तक ले जाया जाए कि वे निजी स्कूलों को कड़ी टक्कर दे सकें।
एमसीडी में सत्ता वापसी के बाद बीजेपी ने दिखाई तेजी से बदलाव की तैयारी
एमसीडी में सत्ता में वापसी के साथ ही बीजेपी ने साफ संकेत दिया है कि वह जनसमस्याओं के समाधान और दिल्ली के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता देगी। कूड़े के पहाड़ों का खत्म होना, हाउस टैक्स में राहत, सफाई व्यवस्था में सुधार, अस्पतालों का उन्नयन और स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा जैसी पहलें आने वाले समय में दिल्लीवासियों के जीवन में बड़ा सकारात्मक बदलाव ला सकती हैं।
ट्रिपल इंजन सरकार के सहारे बीजेपी अब पूरी ताकत से दिल्ली के हर नागरिक तक पहुंच बनाने और सेवा के जरिए अपना विश्वास मजबूत करने की तैयारी में जुट गई है। अगले कुछ महीनों में एमसीडी के कामकाज में बड़े बदलाव नजर आ सकते हैं।