2025 का चुनावी रण: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) अपनी पूरी ताकत झोंकने की तैयारी कर रही है।
2024 के लोकसभा चुनाव में सभी सात सीटों पर जीत हासिल करने के बाद, बीजेपी को विश्वास है कि वह इस बार केजरीवाल सरकार को सत्ता से बेदखल कर सकती है। इस रिपोर्ट में बीजेपी की रणनीति, उपराज्यपाल (LG) की भूमिका और AAP के खिलाफ उसके हमलों की चर्चा की गई है।
2025 का चुनावी रण: 2024 लोकसभा चुनाव की सफलता का विधानसभा चुनाव में दोहराव
2025 का चुनावी रण: 2024 के लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सभी सात सीटों पर बीजेपी की जीत ने उसे नई ऊर्जा दी है। पार्टी इसे न केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों की सफलता मानती है, बल्कि इसे आम आदमी पार्टी (AAP) के शासन पर जनमत संग्रह के रूप में भी देखती है। बीजेपी की रणनीति 2025 के विधानसभा चुनावों में इसी प्रदर्शन को दोहराने की है।
दिल्ली में बीजेपी ने 1993 में आखिरी बार सत्ता का स्वाद चखा था। इसके बाद 1998 से 2013 तक कांग्रेस सत्ता में रही और शीला दीक्षित ने मुख्यमंत्री के रूप में काम किया। 2015 में AAP ने धमाकेदार जीत दर्ज करते हुए बीजेपी और कांग्रेस दोनों को दरकिनार कर दिया। अब बीजेपी 26 साल के इंतजार के बाद फिर से दिल्ली की सत्ता में लौटने की कोशिश कर रही है।
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2025 का चुनावी रण: उपराज्यपाल की भूमिका बीजेपी के लिए अप्रत्यक्ष सहयोग
दिल्ली के प्रशासनिक ढांचे में उपराज्यपाल (LG) की भूमिका हमेशा विवाद का विषय रही है। केंद्र शासित प्रदेश होने के कारण LG राष्ट्रपति के प्रति जवाबदेह होते हैं, लेकिन दिल्ली के अनोखे प्रशासनिक ढांचे में उनकी भूमिका बेहद सक्रिय रहती है। सेवाओं, सतर्कता और प्रशासनिक मामलों में LG की शक्ति का दायरा व्यापक है।
2024 में LG वी.के. सक्सेना ने कई ऐसे मुद्दे उठाए, जिनसे आम आदमी पार्टी की सरकार को कठघरे में खड़ा किया गया। इनमें आबकारी नीति में कथित घोटाले, मुख्यमंत्री आवास निर्माण में अनियमितताएं, अस्पतालों के निर्माण में देरी, और विधानसभा में CAG रिपोर्ट पेश न करने जैसे आरोप शामिल हैं। LG ने इन मुद्दों पर जांच के आदेश दिए और रिपोर्ट मांगी, जिससे बीजेपी को AAP सरकार पर हमला करने का अवसर मिला।
आबकारी नीति विवाद AAP के खिलाफ सबसे बड़ा हथियार
दिल्ली की आबकारी नीति में कथित घोटाले का मुद्दा बीजेपी के लिए एक प्रमुख राजनीतिक हथियार बन गया है। इस मामले में CBI और ED की जांच के दौरान AAP के वरिष्ठ नेताओं मनीष सिसोदिया और संजय सिंह की गिरफ्तारी हुई। बीजेपी ने इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी लड़ाई के रूप में पेश किया।
LG वी.के. सक्सेना ने 2022 में ही इस नीति की जांच के आदेश दिए थे, जिसके बाद यह मामला लगातार गरमाया। बीजेपी ने इसे बार-बार मुद्दा बनाया और जनता के बीच यह संदेश दिया कि AAP सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त है।
मुख्यमंत्री आवास और अन्य मुद्दों पर हमले
बीजेपी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास निर्माण में कथित अनियमितताओं और अत्यधिक खर्च को लेकर भी हमला बोला। पार्टी ने आरोप लगाया कि इस निर्माण पर जनता के पैसे का दुरुपयोग किया गया। इसके अलावा, अस्पतालों के निर्माण में देरी और बस मार्शलों के रूप में नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों की नियुक्ति जैसे मुद्दों पर भी बीजेपी ने AAP को घेरने का काम किया।
LG द्वारा इन मुद्दों को उठाए जाने के बाद बीजेपी ने इन्हें प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाया। पार्टी ने विधानसभा में CAG रिपोर्ट पेश न करने के खिलाफ अदालत का रुख किया और दिल्ली की सड़कों की खराब स्थिति, स्वच्छता की कमी और नागरिक समस्याओं को उजागर करने के लिए विरोध प्रदर्शन किए।
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LG और AAP सरकार के बीच तनाव
AAP सरकार ने LG के कदमों को अपनी शक्तियों में हस्तक्षेप करार दिया। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बार-बार कहा कि LG का हस्तक्षेप उनकी सरकार की योजनाओं को रोकने के लिए किया जा रहा है। हालांकि, बीजेपी ने इसे प्रशासनिक जवाबदेही का नाम दिया और कहा कि LG केवल जनता के हित में काम कर रहे हैं।
दिल्ली की राजनीति का भविष्य
बीजेपी और AAP के बीच यह लड़ाई आगामी विधानसभा चुनावों में भी जारी रहने की संभावना है। बीजेपी का दावा है कि जनता नरेंद्र मोदी सरकार के कामकाज से खुश है और इस बार दिल्ली में AAP को नकार देगी। दूसरी ओर, AAP का कहना है कि उसने शिक्षा, स्वास्थ्य, और बिजली जैसे क्षेत्रों में शानदार काम किया है, जो उसे जनता के बीच लोकप्रिय बनाए रखेगा।
बीजेपी की रणनीति
- मुद्दों को भुनाना: बीजेपी ने केजरीवाल सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार, प्रशासनिक अक्षमता, और जनता के पैसे के दुरुपयोग जैसे मुद्दों को प्रमुख बनाया है।
- मोदी फैक्टर: पार्टी नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और उनकी लोकप्रियता का फायदा उठाने की कोशिश करेगी।
- स्थानीय नेतृत्व को मजबूत करना: दिल्ली में पार्टी संगठन को मजबूत करने और स्थानीय मुद्दों पर फोकस करने की योजना बनाई गई है।
- LG की सक्रिय भूमिका: LG द्वारा उठाए गए मुद्दों को चुनावी अभियान में शामिल किया जाएगा।
26 साल का वनवास खत्म करने की जद्दोजहद में बीजेपी
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 बीजेपी और AAP दोनों के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। एक तरफ बीजेपी 26 साल के वनवास को खत्म करने की कोशिश कर रही है, तो दूसरी ओर AAP अपनी सत्ता बचाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाएगी। बीजेपी की रणनीति यह सुनिश्चित करने पर केंद्रित है कि लोकसभा चुनाव 2024 की सफलता विधानसभा चुनाव में भी दोहराई जा सके।
आने वाले महीनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता किसे चुनती है – बीजेपी की स्थिरता और मोदी की लोकप्रियता या AAP का“काम बोलता है” का नारा। एक बात तय है, दिल्ली की राजनीति आने वाले दिनों में और भी गर्म होने वाली है।