PUNE COURT में सुनवाई: पुणे की स्पेशल एमपी/एमएलए कोर्ट में मंगलवार को स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर की पोती सत्यकी सावरकर ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ दायर मामले में अपना बयान दर्ज कराया।
उन्होंने अदालत को बताया कि राहुल गांधी द्वारा उनके दादा के खिलाफ दिए गए कथित अपमानजनक बयान का भारत के स्वतंत्रता संग्राम में सावरकर के योगदान से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि गांधी इस मामले को ऐतिहासिक संदर्भ में भटकाने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि यह मामला उनके द्वारा दिए गए बयान से संबंधित है।
PUNE COURT में सुनवाई: राहुल गांधी की याचिका और सत्यकी सावरकर का जवाब
गौरतलब है कि राहुल गांधी ने 18 फरवरी को वकील मिलिंद पवार के माध्यम से कोर्ट में एक आवेदन दायर किया था, जिसमें उन्होंने अदालत से अनुरोध किया कि इस मामले की सुनवाई ‘समन ट्रायल’ के तहत की जाए। इसका उद्देश्य था कि वे अपने बयान को ऐतिहासिक तथ्यों के आधार पर सही साबित कर सकें और अदालत में प्रासंगिक दस्तावेज मंगवाए जा सकें।
हालांकि, मंगलवार को सत्यकी सावरकर ने अपने वकील संग्राम कोलटकर के माध्यम से स्पेशल जज अमोल शिंदे के समक्ष राहुल गांधी की याचिका पर आपत्ति दर्ज कराई। उन्होंने दावा किया कि गांधी जानबूझकर इस मामले को ऐतिहासिक दृष्टिकोण से तूल देने का प्रयास कर रहे हैं, जबकि यह मुद्दा विशुद्ध रूप से उनके द्वारा दिए गए कथित अपमानजनक बयान से संबंधित है। सत्यकी ने अदालत से आग्रह किया कि वह इस याचिका को खारिज करे और मामले को आगे बढ़ाए।
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सत्यकी सावरकर का बयान
सत्यकी सावरकर ने अदालत में दिए गए अपने बयान में कहा:
“आरोपी (राहुल गांधी) जानबूझकर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में सावरकर के योगदान को अप्रासंगिक तरीके से मामले में घसीटने की कोशिश कर रहे हैं। यह मामला विशेष रूप से उनके द्वारा दिए गए कथित अपमानजनक बयान पर केंद्रित है। उन्होंने कुछ ऐतिहासिक तथ्यों पर सवाल उठाए हैं, जो इस मामले के मूल विषय से पूरी तरह असंगत हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि गांधी ने अपने दावों को साबित करने के लिए कोई ठोस प्रमाण प्रस्तुत नहीं किए हैं, बल्कि वे केवल मामले को लंबा खींचने की कोशिश कर रहे हैं। सत्यकी ने आरोप लगाया कि गांधी की रणनीति हमेशा मामलों को खींचने और कानूनी प्रक्रियाओं का दुरुपयोग करने की रही है।
अदालत को गुमराह करने का आरोप
सत्यकी सावरकर ने अपने जवाब में यह भी कहा कि राहुल गांधी या तो अदालत को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं या फिर मामले की गंभीरता को ठीक से समझने में असफल हो रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि गांधी ऐतिहासिक तथ्यों का सहारा लेकर इस मामले को गलत दिशा में ले जाना चाहते हैं, जबकि शिकायतकर्ता का मुख्य जोर उनके द्वारा दिए गए बयान पर है।
उन्होंने अदालत से अनुरोध किया कि गांधी को इस मामले के निष्कर्ष तक पहुंचने से पहले सावरकर के खिलाफ कोई भी टिप्पणी करने से रोका जाए। सत्यकी ने दावा किया कि गांधी केवल सावरकर की छवि धूमिल करने की कोशिश कर रहे हैं, और इसे रोकने के लिए अदालत को कड़े निर्देश देने चाहिए।
राहुल गांधी के अपमानजनक टिप्पणियों का ‘इतिहास’
सत्यकी सावरकर ने अदालत को यह भी बताया कि राहुल गांधी के पास अपमानजनक टिप्पणियों का एक ‘दस्तावेजित इतिहास’ है, जिससे पहले भी कई कानूनी विवाद उत्पन्न हुए हैं।
उन्होंने कहा:
“आरोपी (राहुल गांधी) के खिलाफ पहले भी कई मुकदमे दर्ज हो चुके हैं, जिनमें से एक प्रमुख मामला गुजरात का है। इस मामले में उन्हें दोषी ठहराया गया था और दो साल की सजा सुनाई गई थी, जिसके चलते वे अस्थायी रूप से लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित हो गए थे। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस अयोग्यता पर रोक लगा दी थी। यह साबित करता है कि आरोपी को अपमानजनक बयान देने की आदत है।”
अदालत से राहुल गांधी की याचिका खारिज करने का अनुरोध
सत्यकी सावरकर ने अपनी दलीलों के आधार पर अदालत से आग्रह किया कि वह राहुल गांधी की याचिका को पूरी तरह खारिज कर दे। उन्होंने तर्क दिया कि गांधी इस मामले को लंबा खींचकर अपनी कानूनी समस्याओं से बचने की कोशिश कर रहे हैं।
इसके अलावा, सत्यकी ने अदालत से यह भी अनुरोध किया कि वह राहुल गांधी को निर्देश दे कि वे मुकदमे की कार्यवाही के दौरान सावरकर के खिलाफ किसी भी प्रकार की नकारात्मक या अपमानजनक टिप्पणी करने से बचें।
अदालत की प्रतिक्रिया और अगली सुनवाई
विशेष अदालत ने सत्यकी सावरकर के जवाब को रिकॉर्ड पर ले लिया और मामले की अगली सुनवाई के लिए 19 मार्च की तारीख तय की है। इस दिन अदालत में इस याचिका पर बहस होगी, जिसके बाद अदालत आगे की कार्यवाही तय करेगी।
सत्यकी सावरकर का आरोप राहुल गांधी ने सावरकर की छवि खराब की
इस पूरे मामले ने एक बार फिर भारतीय राजनीति में स्वतंत्रता संग्राम के नायकों पर हो रही बहस को उजागर कर दिया है। सत्यकी सावरकर का कहना है कि राहुल गांधी ने उनके दादा विनायक दामोदर सावरकर के खिलाफ अपमानजनक बयान देकर उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया है। वहीं, राहुल गांधी इसे ऐतिहासिक तथ्यों से जोड़कर अपना पक्ष मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। अब इस मामले में अदालत का फैसला क्या होगा, यह 19 मार्च की सुनवाई के बाद स्पष्ट होगा।
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