RAJASTHAN HC: वकील की अनुपस्थिति का खामियाजा पक्षकार को नहीं

RAJASTHAN HC: राजस्थान हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश में कहा है कि यदि वकील किसी कारणवश अदालत में पेश नहीं हो पाता या

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RAJASTHAN HC: राजस्थान हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश में कहा है कि यदि वकील किसी कारणवश अदालत में पेश नहीं हो पाता या वैकल्पिक व्यवस्था नहीं करता है, तो इसके कारण पक्षकार को नुकसान नहीं भुगतना चाहिए। यह फैसला न्यायमूर्ति नूपुर भाटी की एकल पीठ द्वारा सुनाए गए उस फैसले पर आधारित है जिसमें उन्होंने एक सिविल सूट में दिए गए आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर निर्णय दिया।

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यह मामला सिविल प्रक्रिया संहिता (CPC) के आदेश IX नियम 13 के तहत दायर एक आवेदन से संबंधित था। याचिकाकर्ता ने इस आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी, जिसे ट्रायल कोर्ट ने स्वीकार किया था।

RAJASTHAN HC: मामले की पृष्ठभूमि और मुख्य तथ्य

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  1. मूल विवाद:
    याचिकाकर्ता ने सिविल सूट दायर किया था, जिसमें उन्होंने संपत्ति के विक्रय विलेख को रद्द कराने और स्थायी निषेधाज्ञा की मांग की थी। इस सूट के जवाब में उत्तरदाताओं ने लिखित उत्तर दाखिल किया, लेकिन बाद में उनके खिलाफ एक पक्षीय कार्रवाई शुरू कर दी गई। ट्रायल कोर्ट ने याचिकाकर्ता के पक्ष में फैसला सुनाया और विक्रय विलेख को रद्द करते हुए उत्तरदाताओं को संपत्ति को बेचने या स्थानांतरित करने से रोक दिया।
  2. एक पक्षीय आदेश रद्द करने का आवेदन:
    उत्तरदाताओं ने आदेश IX नियम 13 और सीमा अधिनियम, 1963 की धारा 5 के तहत एक आवेदन दायर किया, जिसमें उन्होंने एक पक्षीय आदेश को रद्द करने और देरी को माफ करने की मांग की थी। उनका कहना था कि उनके वकील ने आंखों की सर्जरी (कॉर्निया ट्रांसप्लांट) और इलाज के कारण अदालत में पेशी में असमर्थता दिखाई थी।
  3. ट्रायल कोर्ट का निर्णय:
    ट्रायल कोर्ट ने उत्तरदाताओं के आवेदन को स्वीकार करते हुए एक पक्षीय आदेश रद्द कर दिया और मामले को पुनः विचार के लिए खोल दिया। इसके आधार पर, उत्तरदाताओं के लिए राहत दी गई और फैसले की समीक्षा की गई।

RAJASTHAN HC: हाईकोर्ट का दृष्टिकोण और आदेश

न्यायमूर्ति नूपुर भाटी ने मामले की गहनता से सुनवाई करते हुए निर्णय दिया कि वकील की अनुपस्थिति या किसी अन्य कारण से पक्षकार को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय रफीक बनाम मुंशीलाल (1981) 2 एससीसी 788 का हवाला देते हुए कहा कि किसी वकील की निष्क्रियता के कारण उसके मुवक्किल को नुकसान नहीं उठाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में स्पष्ट किया था कि यदि वकील किसी कारणवश अदालत में नहीं उपस्थित हो पाता, तो उसका प्रभाव पक्षकार पर नहीं पड़ना चाहिए, क्योंकि यह न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ होगा।

RAJASTHAN HC: याचिकाकर्ता की दलीलें और कोर्ट की प्रतिक्रिया

  1. याचिकाकर्ता के वकील का तर्क:
    याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि उत्तरदाताओं का वकील उस समय अवधि में अन्य मामलों में पेश हुआ था, जबकि उसने स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया था। उन्होंने यह भी कहा कि वकील ने जानबूझकर वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की, जो उसकी जिम्मेदारी थी। उनका कहना था कि वकील को इस प्रकार के मामलों में अपने स्थान पर किसी अन्य वकील से सहायता प्राप्त करनी चाहिए थी ताकि उत्तरदाताओं का मामला प्रभावित न हो।
  2. कोर्ट की प्रतिक्रिया:
    कोर्ट ने याचिकाकर्ता के इस तर्क को खारिज करते हुए कहा कि अगर वकील की स्वास्थ्य समस्याओं के कारण पेशी में असमर्थता हो, तो यह पक्षकार के लिए उचित कारण हो सकता है। कोर्ट ने यह भी कहा कि 70 किलोमीटर दूर स्थित ट्रायल कोर्ट में उपस्थित होने के लिए वकील की असमर्थता को सही ठहराया। न्यायालय ने इसे एक पर्याप्त और व्यावहारिक कारण माना और कहा कि स्वास्थ्य कारणों से वह वकील अदालत में उपस्थित नहीं हो सका।

RAJASTHAN HC: न्यायालय का निष्कर्ष

हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के निर्णय को सही ठहराया और कहा कि यह अदालत ने पर्याप्त ध्यान से साक्ष्यों और परिस्थितियों का मूल्यांकन किया था। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि वकील की विफलता के कारण पक्षकार को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होनी चाहिए, क्योंकि यह न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ होगा।

न्यायालय ने कहा कि यदि अदालत ने एक पक्षीय आदेश के बाद उचित कारणों के तहत आदेश रद्द किया है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि न्याय की प्रक्रिया में किसी प्रकार का अन्याय हुआ है।

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कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि यह जरूरी नहीं है कि हर स्थिति में पक्षकार को नुकसान पहुंचे, यदि उसके वकील की चूक हो गई हो। इस स्थिति में, यदि न्यायालय ने उचित कारणों को ध्यान में रखते हुए आदेश रद्द किया है, तो इसे न्याय की प्रक्रिया का हिस्सा मानना चाहिए।

RAJASTHAN HC: निष्कर्ष

हाईकोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि ट्रायल कोर्ट का निर्णय पूरी तरह से साक्ष्यों और परिस्थितियों पर आधारित था, और इसे न्याय के सिद्धांतों के अनुरूप सही ठहराया। वकील की अनुपस्थिति के कारण पक्षकार को नुकसान नहीं होना चाहिए, क्योंकि यह न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ होगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि न्यायिक प्रक्रिया में वकील की विफलता के कारण किसी पक्षकार को अनावश्यक रूप से दंडित नहीं किया जा सकता।

हाईकोर्ट का यह आदेश स्पष्ट करता है कि न्यायालय की प्राथमिकता हमेशा न्याय सुनिश्चित करना है, और वकील की विफलता के कारण किसी पक्षकार को न्याय से वंचित नहीं किया जा सकता।

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Regards:- Adv.Radha Rani for LADY MEMBER EXECUTIVE in forthcoming election of Rohini Court Delhi

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GEMINI 3 FEATURES उन्नत reasoning और मल्टीमॉडल कौशल

Gemini 3, LMArena leaderboard में शीर्ष स्थान पर है, PhD-स्तर की reasoning क्षमता रखता है और विज्ञान, गणित जैसे विषयों में उच्च सफलता प्राप्त करता है। वीडियो, इमेज और मल्टीमॉडल क्वेरी पर भी यह बेहतरीन प्रदर्शन करता है, जो इसे व्यापक और बहु-आयामी प्रश्नों के लिए उपयुक्त बनाता है।

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Gemini 3 Deep Think मोड

यह नया मोड Gemini 3 की reasoning और समझ को और भी गहरा बनाता है, जिससे कठिन से कठिन समस्याओं का समाधान संभव होता है। इसका प्रदर्शन AI परीक्षाओं में अप्रत्याशित रूप से बेहतर है, जो इसे विश्लेषण और योजना कार्यों में उपयोगी बनाता है।

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सीखना, बनाना, और योजना बनाना

Gemini 3 के साथ सीखना आसान है, चाहे वह परिवार की परंपरागत रेसिपी ट्रांसलेट करना हो या ऐडवांस रिसर्च पेपर का विश्लेषण। यह ब्लॉक्स, कोड और विजुअलाइजेशन के माध्यम से जटिल जानकारियों को समझाने और प्रदर्शित करने में सक्षम है।

डेवलपर्स के लिए नया अनुभव

Google ने Google Antigravity नामक एजेंटिक डेवलपमेंट प्लेटफॉर्म भी लॉन्च किया है, जिससे डेवलपर्स Gemini 3 के साथ अधिक स्वायत्त और कार्य-केंद्रित एप्लिकेशन बना सकते हैं। यह कोडिंग को नए स्तर पर ले जाता है और निरंतर स्व-पुष्टिकरण प्रदान करता है।

योजना और ऑटोमेशन में सुधार

Gemini 3 लंबे समय के लिए योजना बनाने और जटिल, बहु-चरण वाली प्रक्रियाओं को संचालित करने में सक्षम है। यह आपके ईमेल को व्यवस्थित कर सकता है, स्थानीय सेवाएं बुक कर सकता है, और दैनिक कार्यों में मदद करता है।

सुरक्षा और जिम्मेदारी

Google ने Gemini 3 को सबसे सुरक्षित AI मॉडल बनाया है। इसमें साइबर हमलों, गलत जानकारी, और हानिकारक प्रोत्साहनों से सुरक्षा के लिए व्यापक परीक्षण और सहयोग किया गया है।

Gemini 3 का भविष्य

Gemini 3 अभी भी विकास के प्रारंभिक चरण में है और जल्द ही इसके कई नए संस्करण और फीचर जारी होंगे। Google इसे Google एजेंसियों, डेवलपर्स, और एंटरप्राइज क्लाइंट्स तक पहुंचा रहा है।

Gemini 3 की उपलब्धता

Gemini 3 एप्लिकेशन, AI Studio, Vertex AI, Google Antigravity, और Gemini CLI के माध्यम से उपलब्ध है। कॉलैबोरेशन प्लेटफॉर्म्स जैसे GitHub, Replit में भी इसका उपयोग किया जा रहा है।

Gemini 3 पर Google की यह नई पहल AI के आयामों का विस्तार करती है और इसे हर क्षेत्र में व्यावहारिक, सुलभ और अधिक सक्षम बनाती है। इसका लक्ष्य AI को उपयोगकर्ता की आवश्यकताओं के अनुसार व्यक्तिगत और प्रभावी बनाना है।

विषयविवरण
मॉडल का नामGemini 3
मुख्य विशेषताएंउन्नत reasoning, मल्टीमॉडल इनपुट, एजेंटिक कोडिंग
प्रमुख प्रदर्शन मानकLMArena leaderboard topper, PhD-level reasoning
नया मोडGemini 3 Deep Think
उपयोगकर्ता लाभबेहतर सीखना, निर्माण, योजना, और ऑटोमेशन
डेवलपर टूल्सGoogle Antigravity, AI Studio, Vertex AI
सुरक्षाव्यापक परीक्षण, सुरक्षा सुधार
उपलब्धताGemini app, AI Studio, Vertex AI, CLI, Dritt platforms
भविष्य की योजनानए संस्करण, फीचर्स, व्यापक उपयोग
लक्ष्यAI को ज्यादा प्रभावी और व्यक्तिकृत बनाना