BJP की चुनावी चाल: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपनी रणनीति का खुलासा कर दिया है।
पार्टी ने आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस के दिग्गज नेताओं को टक्कर देने के लिए अनुभवी और जमीनी नेताओं पर भरोसा जताया है। इस बार बीजेपी की रणनीति में न केवल जीत का फॉर्मूला शामिल है, बल्कि कांग्रेस और आप के वोटों को बांटने पर भी जोर दिया गया है।
BJP की चुनावी चाल: निगम पार्षदों और स्थानीय नेताओं को दी प्राथमिकता
BJP की चुनावी चाल: बीजेपी ने अपनी पहली लिस्ट में 29 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया है। इनमें 13 ऐसे नेता हैं जो पिछले विधानसभा चुनावों में हार चुके हैं। पार्टी ने इन नेताओं को फिर से मौका दिया है, यह मानते हुए कि पिछले चुनाव में आप की “हवा” के चलते हार हुई थी। पार्टी ने यह सुनिश्चित किया है कि इस बार केवल जीत की संभावना को प्राथमिकता दी जाए।
पार्टी ने कई निगम पार्षदों और स्थानीय प्रभाव रखने वाले नेताओं को टिकट दिया है। उदाहरण के तौर पर, बीजेपी ने जंगपुरा से तरविंदर सिंह मारवाह को मनीष सिसोदिया के खिलाफ मैदान में उतारा है। पार्टी का मानना है कि कांग्रेस के फरहाद सूरी के मैदान में होने से सिसोदिया के वोट बैंक में सेंध लग सकती है, जिससे बीजेपी को फायदा हो सकता है।
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BJP की चुनावी चाल: आप के दिग्गज नेताओं को घेरने की रणनीति
बीजेपी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ अपने जाट नेता और पूर्व सांसद प्रवेश वर्मा को मैदान में उतारा है। पार्टी को भरोसा है कि नई दिल्ली सीट पर कांग्रेस और आप के बीच वोटों के बंटवारे का फायदा उसे मिलेगा। इसी तरह, कालकाजी सीट से आतिशी के खिलाफ रमेश बिधूड़ी को उतारा गया है। बिधूड़ी की लोकसभा क्षेत्र में मजबूत पकड़ और कांग्रेस की उम्मीदवार अलका लांबा के मैदान में होने से बीजेपी की उम्मीदें बढ़ गई हैं।
अनिल वाजपेयी की जगह अरविंदर सिंह लवली
बीजेपी ने गांधी नगर सीट से मौजूदा विधायक अनिल वाजपेयी का टिकट काटकर कांग्रेस से आए अरविंदर सिंह लवली को मैदान में उतारा है। लवली गांधी नगर से चार बार चुनाव जीत चुके हैं और उनकी स्थानीय पकड़ को देखते हुए पार्टी को भरोसा है कि यह सीट बीजेपी के खाते में जा सकती है।
बीजेपी की सूची में कई दिग्गज नेताओं का नाम है, जो पिछले चुनावों में हार चुके हैं। इनमें एक नेता तो ऐसे हैं, जिन्होंने 2002 के नगर निगम चुनाव से लेकर दो विधानसभा चुनाव अलग-अलग सीटों से लड़े और हारे। इस बार उन्हें नई सीट से मौका दिया गया है।
कांग्रेस और आप के वोट बैंक को तोड़ने की रणनीति
बीजेपी ने अपनी रणनीति में कांग्रेस और आप के वोट बैंक को तोड़ने का लक्ष्य रखा है। पार्टी का आकलन है कि कांग्रेस के उम्मीदवारों के मैदान में होने से आप के वोट बंट सकते हैं। इस रणनीति का मुख्य उद्देश्य विपक्ष के वोट बैंक को कमजोर करना है, जिससे बीजेपी को फायदा हो सके।
विपक्षी रणनीति पर प्रहार
बीजेपी के नेताओं का दावा है कि इस बार पार्टी ने ऐसे उम्मीदवारों को मौका दिया है, जिनकी जमीनी पकड़ मजबूत है। पार्टी ने पराजित हो चुके नेताओं पर भरोसा जताने के सवालों को खारिज करते हुए कहा कि यह केवल जीत का फॉर्मूला है।
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क्या बीजेपी की रणनीति कारगर होगी?
बीजेपी की रणनीति चुनावी समीकरणों को नया मोड़ दे सकती है। पार्टी ने न केवल आप के दिग्गज नेताओं को चुनौती देने की योजना बनाई है, बल्कि कांग्रेस के मजबूत उम्मीदवारों के बीच वोट बंटवारे का फायदा उठाने की भी योजना बनाई है।
विपक्ष के वोट बैंक को बांटने की बीजेपी की रणनीति
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में बीजेपी की यह नई रणनीति कितनी कारगर साबित होगी, यह तो वक्त ही बताएगा। पार्टी ने जमीनी नेताओं और दिग्गज चेहरों पर भरोसा जताया है और विपक्ष के वोट बैंक को बांटने की रणनीति अपनाई है। क्या यह रणनीति बीजेपी को 26 साल बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी दिला पाएगी? यह देखना दिलचस्प होगा।