क्या आपको भी AI से प्यार है?: MIT रिसर्चर्स ने AI के साथ प्यार के विषय में एक बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने इस तरह के प्रेम के विषय में विस्तार से बताया है और सावधानी की भी सलाह दी है।
क्या आपको भी AI से प्यार है? AI: एक नया वर्चुअल साथी :
क्या आपको भी AI से प्यार है? AI आजकल हर जगह है, चाहे ऑफिस में काम हो या कॉलेज में पढ़ाई, या फिर मोबाइल पर WhatsApp चैट करना हो। व्यापारिक संस्थान और अनुसंधान संस्थान अब वर्चुअल AI साथी तैयार कर रहे हैं, जो आपसे बातें करेगा और आपका साथ देगा। ऐसे वर्चुअल AI साथी से आपको प्यार हो जाता है, तो ध्यान रखें कि यह सिर्फ एक विशेषाधिकार हो सकता है।
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एआई और मानव भावनात्मक स्वास्थ्य: शेरी तुर्कले की रिपोर्ट :
क्या आपको भी AI से प्यार है? MIT के समाजशास्त्री और मनोविज्ञान शोधकर्ता शेरी तुर्कले ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि एआई द्वारा उत्पन्न की गई ये बातें नकली हो सकती हैं और यह इंसान के भावनात्मक स्वास्थ्य को कमजोर कर सकती हैं। शेरी तुर्कले लगभग एक दशक से इंसान और तकनीक के बीच बढ़ते इस संबंध पर शोध कर रहे हैं।
AI चैटबॉट और वर्चुअल सहायक: असली और नकली भावनाएं :
क्या आपको भी AI से प्यार है? रिसर्चर शेरी तुर्कले ने सावधानी से कहा है कि AI चैटबॉट और वर्चुअल सहायक हमें आराम प्रदान कर सकते हैं और हमारे साथ बन सकते हैं, लेकिन उनमें असली भावनाएं नहीं होती हैं और वे इंसानों की भावनाओं की जगह नहीं ले सकते हैं।
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AI चैटबॉट और वर्चुअल सहायक: भावनात्मक असलियत और सिमुलेशन :
क्या आपको भी AI से प्यार है? रिसर्चर शेरी तुर्कले ने सावधानी से कहा है कि AI चैटबॉट और वर्चुअल सहायक हमें आराम प्रदान कर सकते हैं और हमारे साथ बन सकते हैं, लेकिन उनमें असली भावनाएं नहीं होती हैं और वे इंसानों की भावनाओं की जगह नहीं ले सकते हैं।
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मानव सहानुभूति और AI की सिमुलेटेड भावनाएं: शेरी तुर्कले के इंटरव्यू से :
तुर्कले ने एक इंटरव्यू के दौरान वास्तविक मानव सहानुभूति और मशीनों द्वारा उत्पन्न सहानुभूति के बीच का अंतर बताया है। उन्होंने कहा है कि वे उन मशीनों का अध्ययन करती हैं जो “मुझे तुम्हारी परवाह है”, “मैं तुमसे प्यार करती हूं”, “मेरा ख्याल रखना” जैसी भावनाओं को व्यक्त करते हैं।
रिश्तों में सहानुभूति: असलीता और दिखावटी भावनाएं :
रिसर्चर ने बताया है कि यह एक समस्या है कि जब हम किसी रिश्ते की खोज में होते हैं, तो हम भूल जाते हैं कि वास्तव में प्यार सहानुभूति से उत्पन्न होता है। रिसर्चर इसे “दिखावटी सहानुभूति” कहते हैं, क्योंकि मशीन आपके साथ सहानुभूति नहीं रखती है। उसका काम सिर्फ आपको दवाई और कार्य से जोड़ना होता है, प्यार नहीं करना।