Ravi Ashwin: अनंतपुर में दलीप ट्रॉफी मैच के दौरान डीआरएस (डिसीजन रिव्यू सिस्टम) के उपयोग पर रविचंद्रन अश्विन ने अपनी खुशी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि डीआरएस का उपयोग घरेलू क्रिकेट में भी लागू होने से युवा बल्लेबाजों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने से पहले जरूरी तकनीकी सुधार करने में मदद मिलेगी। अश्विन ने इस सिस्टम की तारीफ करते हुए बताया कि यह खिलाड़ियों को अपनी गलतियों को समझने और सुधारने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है।
अश्विन के अनुसार, डीआरएस का इस्तेमाल विशेष रूप से उन युवा खिलाड़ियों के लिए फायदेमंद होगा जो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखने की तैयारी कर रहे हैं। यह सिस्टम उन्हें तकनीकी और मानसिक रूप से तैयार करने में मदद करेगा, ताकि वे बड़े स्तर पर बेहतर प्रदर्शन कर सकें। उन्होंने कहा कि घरेलू क्रिकेट में डीआरएस लागू होने से खिलाड़ियों को खेल के सभी पहलुओं को समझने का मौका मिलेगा और यह उनके प्रदर्शन को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
Ravi Ashwin: डीआरएस के फैसले का स्वागत और बल्लेबाजी तकनीक पर टिप्पणी
सीनियर स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने मौजूदा दलीप ट्रॉफी के दौरान डिजिशन रिव्यू सिस्टम (डीआरएस) को लागू करने के भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के फैसले का स्वागत किया। उनका मानना है कि इस तकनीक का उपयोग घरेलू क्रिकेट में भी युवा बल्लेबाजों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने से पहले अपनी तकनीकी गलतियों को सुधारने में महत्वपूर्ण मदद करेगा।
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अश्विन ने शुक्रवार की शाम अनंतपुर में खेले जा रहे दलीप ट्रॉफी मैच के दौरान भारत डी के बल्लेबाज रिकी भुई को एलबीडब्ल्यू आउट दिए जाने के बाद हुई चर्चा पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। इस घटना के दौरान, मैदानी अंपायर ने भुई को आउट नहीं दिया था, लेकिन भारत सी ने डीआरएस का सहारा लिया, जिसके परिणामस्वरूप भुई को पवेलियन लौटना पड़ा।
अश्विन ने एक्स पर लिखा, “घरेलू क्रिकेट के लिए डीआरएस सिर्फ सही निर्णय लेने तक सीमित नहीं है। कल शाम मानव सुथार की गेंद पर रिकी भुई का आउट होना एक ऐसा मामला है जिसमें बल्लेबाज ने अपनी तकनीक की गलतियों को उजागर किया। यदि डीआरएस नहीं होता, तो भुई को इस तकनीक के अभाव में शायद नॉट आउट मिल जाता।” उन्होंने यह भी कहा कि “डीआरएस से पहले, एक बल्लेबाज को केवल इसलिए नॉट आउट माना जाता था क्योंकि वह फ्रंटफुट पर अच्छा खेलता था। अब यह तकनीक किसी भी दोषपूर्ण तकनीक को पहचानने और सुधारने में सहायक साबित हो रही है।”
अश्विन ने इस बात पर जोर दिया कि डीआरएस का घरेलू क्रिकेट में लागू होना युवा खिलाड़ियों को न केवल सही निर्णय लेने में मदद करेगा बल्कि उन्हें अपनी तकनीकी गलतियों को समझने और सुधारने का एक अनूठा अवसर भी प्रदान करेगा। यह न केवल सही निर्णय लेने का एक साधन है बल्कि युवा खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए भी बेहतर ढंग से तैयार करता है।
Ravi Ashwin: डीआरएस के माध्यम से बल्लेबाजों को तकनीकी सुधार का अवसर
सीनियर स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने दलीप ट्रॉफी में डिजिशन रिव्यू सिस्टम (डीआरएस) के लागू होने पर अपनी खुशी व्यक्त की है। उनका मानना है कि इस तकनीक से न केवल सही निर्णय लिया जा सकता है, बल्कि यह बल्लेबाजों को उनकी तकनीकी गलतियों को समय पर पहचानने और सुधारने का एक अनमोल अवसर भी प्रदान करती है।
अश्विन ने कहा कि अब गेंदबाजों के पास मैदानी अंपायर के फैसले को पलटने के लिए डीआरएस का सहारा है, जिससे बल्लेबाजों को अपने करियर के शुरू में ही अपनी तकनीकी में आवश्यक बदलाव करने की जरूरत होगी। उन्होंने कहा, “अब अपने बल्ले को पैड के पीछे रखना घातक हो सकता है। कल्पना कीजिए कि रिकी भुई को कल मिले इस अनुभव के बिना कोई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आगे बढ़ना चाह रहा हो। उसे यह समझने में पूरी टेस्ट सीरीज लग सकती है कि उसे अपने खेल में किस तरह के बदलाव करने हैं। इससे उसका करियर भी खत्म हो सकता है।”
अश्विन ने यह भी स्पष्ट किया कि डीआरएस का उपयोग न केवल एक क्रिकेट मैच के दौरान सही फैसले लेने में मदद करता है, बल्कि यह खिलाड़ियों को अपनी खेल तकनीक में सुधार करने का भी एक महत्वपूर्ण टूल प्रदान करता है। यह विशेष रूप से युवा खिलाड़ियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है जो अपने करियर की शुरुआत में हैं और जो अभी भी अपनी तकनीकी गलतियों को सुधारने की प्रक्रिया में हैं।
Ravi Ashwin: दलीप ट्रॉफी मैच का परिणाम और दोनों टीमों की स्थिति
दलीप ट्रॉफी के दूसरे मैच में, इंडिया सी ने इंडिया डी को 4 विकेट से हराया। टॉस गंवाकर इंडिया डी ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 164 रन बोर्ड पर लगाए। इसके जवाब में, इंडिया सी ने 168 रन ठोके। दूसरी पारी में, इंडिया डी ने 236 रन बनाकर ऑल आउट हो गई और इंडिया सी को 233 रन का लक्ष्य दिया। यह लक्ष्य इंडिया सी ने 4 विकेट रहते चेज कर लिया।
अश्विन ने इस मैच के दौरान डीआरएस के महत्व को उजागर करते हुए कहा कि इस तकनीक का उपयोग क्रिकेट के हर स्तर पर होनी चाहिए, ताकि खिलाड़ियों को सही और त्वरित निर्णय लेने का अवसर मिले और उन्हें अपनी तकनीकी कमियों को समय पर सुधारने का मौका मिले।