ACB की जांच जारी: मनीष सीसोदिया से ACB की 3 घंटे तक लंबी पूछताछ

नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के बहुचर्चित क्लासरूम निर्माण घोटाले में शुक्रवार को एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया, जब राजधानी के पूर्व उपमुख्यमंत्री और

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नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के बहुचर्चित क्लासरूम निर्माण घोटाले में शुक्रवार को एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया, जब राजधानी के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया को एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) के समक्ष पेश होना पड़ा।

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इस दौरान एसीबी अधिकारियों ने उनसे करीब तीन घंटे तक पूछताछ की। मामला दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 12,748 क्लासरूम बनाने को लेकर सामने आई वित्तीय अनियमितताओं से जुड़ा है, जिसमें करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप है।

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निर्माण कार्यों में 326 करोड़ रुपए बिना  टेंडर जोड़े गए

सिसोदिया दोपहर करीब 12 बजे ACB दफ्तर पहुंचे और करीब 2.40 बजे बाहर निकले। पूछताछ से पहले उन्होंने मीडिया से बातचीत में इस मामले को राजनीति से प्रेरित बताया और सीधे तौर पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर निशाना साधा। सिसोदिया ने कहा कि बीजेपी सरकार मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। उन्होंने कहा, “बीजेपी खुद स्कूल नहीं चला पा रही, लेकिन हमने दिल्ली के सरकारी स्कूलों की तस्वीर बदल दी। यह सारी कार्रवाई राजनीतिक बदले की भावना से हो रही है।”

उन्होंने यह भी दावा किया कि इससे पहले उनके खिलाफ कई मामलों में जांच हुई, लेकिन कुछ भी साबित नहीं हुआ। सिसोदिया ने यह भी कहा कि इस मामले में भी कुछ नहीं निकलेगा और उन्होंने इस संबंध में सांसद मनोज तिवारी पर झूठे आरोप लगाने का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि उन्होंने तिवारी के खिलाफ मानहानि का केस भी किया था।

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ACB द्वारा दर्ज FIR के अनुसार, दिल्ली सरकार के स्कूलों में क्लासरूम और सेमी-परमानेंट स्ट्रक्चर (SPS) बनाने में भारी अनियमितताएं पाई गई हैं। आरोप है कि ठेकेदारों को जरूरत से ज्यादा कीमत पर ठेके दिए गए और निर्माण लागत को पांच गुना तक बढ़ाकर दर्शाया गया। ACB का कहना है कि हर क्लासरूम की लागत लगभग 24.86 लाख रुपये बताई गई, जबकि इतनी राशि में आमतौर पर कंक्रीट की पक्की इमारतें (RCC) बनाई जाती हैं, जो 75 साल तक टिक सकती हैं। लेकिन यहाँ सेमी-परमानेंट स्ट्रक्चर, जिन्हें सिर्फ 30 साल तक चलने लायक माना जाता है, उन्हीं दरों पर बनाए गए।

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सरकारी प्रोजेक्ट में पारदर्शिता पर उठे सवाल

जांच एजेंसी का यह भी कहना है कि ठेके 34 ठेकेदारों को दिए गए, जिनमें से कई का आप पार्टी से कथित संबंध रहा है। एक बड़ा आरोप यह भी है कि प्रोजेक्ट की लागत को बिना कोई नया टेंडर जारी किए ही अचानक 326 करोड़ रुपये तक बढ़ा दिया गया। ACB ने IPC की धारा 409 (आपराधिक विश्वासघात), 120B (आपराधिक साजिश) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1) के तहत केस दर्ज किया है।

ACB के अनुसार, मनीष सिसोदिया से स्वतंत्र गवाह की मौजूदगी में पूछताछ की गई और उनके बयान दर्ज किए गए। इस केस से जुड़े एक अन्य व्यक्ति, दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन से भी ACB ने 6 जून को पूछताछ की थी।

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यह मामला ACB द्वारा 30 अप्रैल को दर्ज की गई FIR से जुड़ा है, और इसकी जांच फिलहाल जारी है। एसीबी अधिकारियों का कहना है कि मामले में और भी लोगों से पूछताछ की जाएगी और जरूरत पड़ने पर गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं।

यह मामला न केवल दिल्ली की राजनीति में हलचल मचा रहा है, बल्कि सरकारी प्रोजेक्ट्स की पारदर्शिता और जवाबदेही को लेकर भी बड़े सवाल खड़े कर रहा है।

'50 सीटों' का फॉर्मूला 1 'NFS कांग्रेस की देन है' धर्मेंद्र प्रधान का पलटवार 1 'अपरिवर्तनीय' शब्द का प्रभाव 1 'अपरिवर्तनीय' शब्द के प्रयोग मात्र से पावर ऑफ अटॉर्नी अपरिवर्तनीय नहीं 1 'अब का सलाद खईब' गाने से मनोज तिवारी ने दिखाया महंगाई का दर्द 1 'आतंकवादी' शब्द ने बिगाड़ा माहौल 1 'आप' और बीजेपी के बीच मुकाबला 1 'कस्टम अधिकारी' 'पुलिस अधिकारी' नहीं 1 'कांग्रेस को पीलिया हो गया है' 1 'केसरी चैप्टर 2' का ट्रेलर दर्शकों के दिलों को कर गया छू 1 'गलती से मिस्टेक' 1 'जलसा' बंगला श्वेता बच्चन को किया गिफ्ट? 1 'जाट' की रिलीज से पहले उठे सवाल क्या कला और आस्था के बीच संभव है संतुलन? 1 'जाट' टाइटल पर रणदीप हुड्डा का तीखा जवाब "पहचान खुद फिल्म में सामने आएगी" 1 'जुमलों पर झाड़ू चलाएंगे फिर केजरीवाल को लाएंगे' 1 'ट्रिपल इंजन' सरकार की दिशा में सुदृढ़ कदम 1 'देवा' फिल्म की स्क्रीनिंग में रुकावट से अली गोनी का गुस्सा INOX को किया निशाना 1 'पराक्रमो विजयते' बोले अखिलेश यादव 1 'पुष्पा' पर बड़े प्रड्यूसर की विवादित टिप्पणी 1 'बड़ा भाई' 1 'बिग बॉस 18' के विनर बने करण 1 'बिग बॉस 18' में भी दिखा था अनोखा रिश्ता 1 'बिग बॉस 18' से बनी दोस्ती 1 'बिस्मिल्लाह' के साथ मां बनने की भावुक घोषणा 1 'बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट' का नारा 0 'भूल भुलैया 2' की सफलता और तैमूर का प्यार 1 'भूल भुलैया 2'और 'भूल भुलैया 3' की सफलता 1 'मर्दानी' फ्रेंचाइजी की वापसी का ऐलान 1 'मुफ्त की रेवड़ी' आरोपों पर भाजपा को जवाब 1 'मैया यशोदा' गाने की शूटिंग के दौरान क्या हुआ था? 1 'मोहल्ला बस' से 'नमो बस सेवा' तक 1 'रावण के वंशज' आरोप 1 'लाफ्टर शेफ्स 2' में बर्थडे सेलिब्रेशन 0

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DIGITAL INDIA की सुविधा: अब नहीं होगी RC गुम होने की टेंशन, जानिए आसान डिजिटल तरीका 2025 !

DIGITAL INDIA: अगर आपकी गाड़ी की रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) खो गई है या आप उसे साथ

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DIGITAL INDIA: अगर आपकी गाड़ी की रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) खो गई है या आप उसे साथ ले जाना भूल गए हैं, तो घबराने की कोई जरूरत नहीं है।

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अब भारत सरकार की ओर से लॉन्च किए गए DigiLocker और mParivahan जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की मदद से आप अपनी RC को मोबाइल फोन से ही डाउनलोड कर सकते हैं। यह डिजिटल डॉक्यूमेंट कानूनी रूप से मान्य होता है और ट्रैफिक पुलिस या किसी भी सरकारी जांच एजेंसी द्वारा इसे स्वीकार किया जाता है।

क्या है RC और क्यों है जरूरी?

DIGITAL INDIA: RC यानी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट वह दस्तावेज है, जो यह प्रमाणित करता है कि वाहन कानूनी रूप से रजिस्टर्ड है और किस व्यक्ति के नाम पर है। जब आप कोई नई गाड़ी खरीदते हैं, चाहे वह दोपहिया हो या चारपहिया, तो RTO द्वारा जारी की गई RC आपके नाम पर दी जाती है। इसमें वाहन की रजिस्ट्रेशन संख्या, इंजन नंबर, चेसिस नंबर और मालिक की जानकारी जैसे विवरण होते हैं।

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RC की जरूरत तब पड़ती है जब:

  • आप ट्रैफिक पुलिस द्वारा रोके जाते हैं
  • गाड़ी बेचनी हो
  • इंश्योरेंस क्लेम करना हो
  • वाहन के लोन या ट्रांसफर की प्रक्रिया करनी हो
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RC खो गई? ऐसे करें ऑनलाइन डाउनलोड

DIGITAL INDIA अगर आपकी RC गुम हो गई है तो आप उसे घर बैठे ही दो तरीके से डाउनलोड कर सकते हैं — पहला Vahan Portal के जरिए और दूसरा DigiLocker App के जरिए।

1. Vahan Portal से RC डाउनलोड करने की प्रक्रिया:
  1. सबसे पहले Vahan Parivahan वेबसाइट पर जाएं।
  2. “Online Services” टैब पर क्लिक करें और “Vehicle Related Services” को चुनें।
  3. अब अपने राज्य का चयन करें।
  4. अगली स्क्रीन पर आपसे रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर और OTP मांगा जाएगा, उसे दर्ज करें।
  5. लॉग इन करने के बाद आपको रजिस्ट्रेशन नंबर और चेसिस नंबर डालना होगा।
  6. इसके बाद ‘Download Document’ या ‘RC Print’ जैसा विकल्प चुनें।
  7. कुछ ही सेकंड में आपकी डिजिटल RC स्क्रीन पर दिखाई दे जाएगी, जिसे आप डाउनलोड या प्रिंट कर सकते हैं।
2. DigiLocker से RC डाउनलोड करने का तरीका:
  1. DigiLocker ऐप या वेबसाइट पर जाएं।
  2. अपने आधार लिंक्ड मोबाइल नंबर से लॉगिन करें।
  3. ‘Issued Documents’ सेक्शन में जाएं और ‘Ministry of Road Transport and Highways’ को सिलेक्ट करें।
  4. अब ‘Registration Certificate’ पर क्लिक करें।
  5. अपने वाहन की डिटेल्स (जैसे रजिस्ट्रेशन नंबर) भरें।
  6. ध्यान रखें कि आधार पर जो नाम है, वही RC पर भी होना चाहिए, तभी डॉक्यूमेंट लिंक हो पाएगा।
  7. डॉक्यूमेंट आपके अकाउंट में सेव हो जाएगा, जिसे आप कभी भी देख सकते हैं और जरूरत पड़ने पर प्रेजेंट कर सकते हैं।

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क्या डिजिटल RC मान्य है?

जी हां, भारत सरकार द्वारा स्पष्ट किया गया है कि DigiLocker या mParivahan से डाउनलोड की गई डिजिटल आरसी पूरी तरह से वैध है। आप चाहे किसी भी राज्य में हों, यह डॉक्यूमेंट सभी सरकारी अधिकारियों और ट्रैफिक पुलिस द्वारा स्वीकार किया जाएगा। फिजिकल कॉपी साथ न होने की स्थिति में डिजिटल डॉक्यूमेंट दिखाना पर्याप्त है।

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DIGITAL INDIA अब ऑनलाइन पाए मिनटों में समाधान

DIGITAL INDIA की पहल के तहत अब वाहन संबंधित दस्तावेजों को ऑनलाइन एक्सेस करना बेहद आसान हो गया है। RC जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज को गुम हो जाने पर घबराने की कोई जरूरत नहीं है। बस अपने मोबाइल से कुछ स्टेप्स फॉलो करें और कुछ ही मिनटों में कानूनी रूप से मान्य RC प्राप्त करें। यह सुविधा ना केवल समय बचाती है, बल्कि आपको कागजी दस्तावेजों को साथ रखने की झंझट से भी छुटकारा देती है।