ADVOCATE AMENDMENT ACT 2025: बिल को वापिस लिया गया

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By headlineslivenews.com

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ADVOCATE AMENDMENT ACT 2025: बिल को वापिस लिया गया विरोध के छ दिन के बाद इस बिल को 13 फरवरी 2025 को भारत सरकार की विधि एवं न्याय मंत्रालय की वेबसाईट  पर डाला गया था लेकिन सम्पूर्ण भारत वर्ष मे प्रचंड विरोध के चलते विधि एवं न्याय मंत्रालय द्वारा 22 फरवरी 2025 को ध्रुव कुमार मुख्य लेखा नियंत्रक भारत सरकार के आश्वासन द्वारा की वर्तमान ड्राफ्ट बिल को दुबारा से लाया जाएगा।

नई दिल्ली ( मोहम्मद रफ़ी ) वकील संशोधन अधिनियम 2025 बिल के आने के बाद दिल्ली ही नहीं बल्कि पूरे भारत मे इस बिल को वापिस लेने के लिए लगातार विरोध चल रहा था । विरोध के छ दिन के बाद इस बिल को 13 फरवरी 2025 को भारत सरकार की विधि एवं न्याय मंत्रालय की वेबसाईट  पर डाला गया था

ADVOCATE AMENDMENT ACT 2025: वकील एकता की जीत हुई सरकार ने बिल को वापिस लिया ।

ADVOCATE AMENDMENT ACT 2025
ADVOCATE AMENDMENT ACT 2025: बिल को वापिस लिया गया

सम्पूर्ण भारत वर्ष मे प्रचंड विरोध के चलते विधि एवं न्याय मंत्रालय द्वारा 22 फरवरी 2025 को ध्रुव कुमार मुख्य लेखा नियंत्रक भारत सरकार के आश्वासन द्वारा की वर्तमान ड्राफ्ट बिल को दुबारा से लाया जाएगा। अधिवक्ता ऋषि पाल सिंह ने बताया भारत सरकार के इस बदलते रुख का कारण सम्पूर्ण भारत के वकीलों का प्रचंड विरोध है तथा वकील समुदाय की यह एक बहुत बड़ी जीत है ।  

वकील संशोधन अधिनियम 2025 के चलते पूरी दिल्ली ही नहीं बल्कि पूरे देश मे विरोध हो रहा है। वकीलों का मानना यह है की मिस कंडक्ट के नाम पर वकीलों की वकालत भी छिनेगे , ओर 3 लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगेगा।

इस बिल के विरोध मे जब रोहिणी कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष इन्द्र सिंह सरोहा से पूछा गया तो उन्होंने बताया की वकील ऐक्ट मे किसी भी प्रकार के संशोधन की कोई जरूरत नहीं पड़ी ओर ना ही कोई जरूरत है।  यह केवल हमारे ऊपर अन नेससरी बर्डन डाला जा रहा है। इस मे ऐसा संशोधन है की बार काउन्सल मे तीन सरकारी सीट होंगी। किसी अधिवक्ता को कोई एजीटेशन करते पाया गया तो उसके ऊपर केस बनेगा। एजीटेशन करना हमारा काम है।

ADVOCATE AMENDMENT ACT 2025: बिल को वापिस लिया गया
ADVOCATE AMENDMENT ACT 2025: बिल को वापिस लिया गया

अगर हम किसी लॉजिक एजीटेशन मे जाएंगे तो इस संशोधन मे प्रोविजन दिया गया है की उस पर केस बनेगा ओर अगर तीन महीने से ज्यादा सजा हुई तो उसका लाइसेंस रद्द हो हो जाएगा। यह बहुत ही डराने वाला कानून है इसलिए हम इस बिल को फॉलो नहीं करेंगे ओर नाही करने देंगे ओर जब तक यह संशोधन वापिस नहीं होगा जब तक अधिवक्ता रोड पर रहेंगे।  

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पत्रकार ने पूछा की इस वकील ऐक्ट मे जो संशोधन हो रहा है तो कहीं सरकार वकीलों से डर तो नहीं रही है इसलिए वकीलों पर पाबंदी लगाने का काम हो रहा हो।  

सरोहा ने कहा अमित शाह जी खुद क्रिमिनल आदमी है, मै डरता नहीं हूँ किसी से चाहे मुझे आज ही जेल मे उठाकर डाल दें। मुझे कोई डर नहीं है। यह खुद क्रिमिनल आदमी है। यह खुद वकीलों के आगे पीछे घूमता रहा है। मेने खुद देखा है इसे।  हम एक बार जेठ मलानी जी के यहाँ गए हुए थे। वहाँ कोई मीटिंग थी यह लोग जब पावर मे नहीं थे ये इंतेजार कर रहे थे। जेठ मिलानी को मिलने के लिए ओर जेठ मिलानी अंदर बैठकर दूसरी मीटिंग ले रहे थे।

अमित शाह भी इंतेजार करते रहे है एक वकिल से मिलने के लिए ओर आज जब यह राजा बन गए है तो आज यह वकीलों के लिए कानून बनाएंगे। यह बिल जो लाए है यह घोर विरोधी है, वकीलों के लिए हम इसे नहीं बनने देंगे। हमारी पुरजोर कोशिश रहेगी की यह कानून नहीं बने। अगर आज हम पीछे हट गए तो हमारी अगली नस्ल हमे भी गाली देंगी ओर सरकार को भी देगी ओर इनको तो अब भी गाली मिल रही है।  

पत्रकार ने पूछा की आज पाँच से छ दिन हो गए है प्रदर्शन को, क्या लगता है की आपकी आवाज सरकार तक पहुँच रही है?

सरोहा ने कहा जैसे आप ही ने बताया की यह प्रदर्शन दिल्ली ही नहीं बल्कि पूरे भारत मे चल रहा है पूरा नॉर्थ पैक्ड है। पूरा साउथ पैक्ड है। हरियाणा पैक्ड है। उत्तर प्रदेश , वेस्ट बंगाल उड़ीसा मध्य प्रदेश उधर साउथ चेन्नई पांडुचेरी केरल सब जगह हड़ताल चल रही है।  आगे वो दिन दूर नहीं है की अगर यह इस कानून को वापिस नहीं लेंगे तो हमे संसद पर भी जाना पड़ेगा ओर हम तैयार है।  

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पत्रकार ने पूछा की यह जो पिछले छ दिन से हड़ताल चल रही है इसी हड़ताल ओर माहोल को आगे नहीं किया जाए ओर वकीलों की आवाज बुलंद न हो सके ये ही तो इस संशोधन मे शामिल किया जा रहा है क्या लगता है आपको ?

सरोहा ने कहा जस्टिस क्लोज के लिए यह कभी वकीलों को नहीं रोक पाएंगे यह अपनी संसद मे करोड़ों रुपये देश का खत्म कर देते है। वहाँ तो इनकी आवाज नहीं निकलती जब वह वाक आउट होता है। वहाँ तो आवाज बंद हो जाती है ओर यहाँ वकीलों पर लगाम डाल रहे है।  

वहाँ करो नो कुछ जहां देश का सरकार का करोड़ों करोड़ों रुपया खर्च हो जाता है ओर बाते पूरी नहीं होती। क्या है की यह चाहते है की हम फूल मेजॉरिटी मे आए ओर जब हम फूल मेजॉरिटी मे हो ओर तब अगर विपक्ष वाक आउट भी कर दे तो तब भी हम बिल पास कर देंगे। लेकिन यह बिल ऐसा है जो वकीलों की गर्दन पर तलवार लटकी हुई है लेकिन यह तलवार हम वकीलों पर नहीं चलने देंगे।  

पत्रकार ने पूछा की इस पूरे मामले पर सरकार को क्या संदेश देंगे आप ?

सरोहा ने कहा की सरकार को संदेश यह है की या तो इस बिल को वापिस ले लो या फिर हमारी एजीटेशन वापिस नहीं होगी किसी भी हालत मे।  

पत्रकार ने पूछा की अगर सरकार नहीं सुनती है तो अपने वकील साथियों से क्या अपील करोगे ?

सरोहा ने कहा वकील साथियों से मेरी पुरजोर अपील है ओर मुझे वकीलों से अपील की जरूरत नहीं है बल्कि यह सब पूरी तरह से तैयार है। इन्हे तो बस एक इशारे की जरूरत है ओर हम एक दम तैयार है ओर हम आखिरी दम तक लड़ेंगे।  

ADVOCATE AMENDMENT ACT 2025: रोहिणी कोर्ट बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष शीलपेश चौधरी

वकील संशोधन अधिनियम 2025 बिल का वकील ऐक्ट मे बदलाव की जरूरत कितनी लगती है ? क्या आपको लगता है की इस वकील संशोधन अधिनियम 2025 की जरूरत है ?

रोहिणी कोर्ट बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष शीलपेश चौधरी ने बताया की इस वकील संशोधन अधिनियम 2025 बिल की कोई जरूरत नहीं थी। यह एक गैर जरूरी बिल है। इस बिल के माध्यम से इन्होंने हमारे ऊपर एक तलवार लटका दी है। कोई एसोसिएशन चुनी जाएगी तो उस कमेटी मे सरकार का एक नुमाइंदा होगा की यदि कमेटी कोई हड़ताल करती है तो वह नुमाइंदा उस हड़ताल को ओर उस कमेटी को खत्म कर सकता है।

किसी भी मेम्बर का लाइसेंस रद्द कर सकता है। इस तरह का प्रावधान उसमे दिया गया है। इसमे यह भी प्रावधान है की अगर हमने जज के सामने उची आवाज मे अपनी अरगउमेन्ट कर दी तो वकील के खिलाफ कंटेम्पट जारी हो सकता है। अगर लिटेगेनट्स यानि की क्लाइंट को हमारे काम से संतुष्टि नहीं मिली तो वह भी हमारे खिलाफ शिकायत दर्ज कर सकता है।

अब आप बताए की जब दो वकील आमने सामने होंगे तो एक को ही तो रिलीफ़ मिलेगा दोनों को नहीं। जब उसे रिलीफ़ नहीं मिलेगा तो वह हमारे खिलाफ बी सी डी मे जाकर हमारी शिकायत दर्ज कर देगा। वहाँ हमे यह साबित करना पड़ेगा की हम सही थे ओर हमने केस को ईमानदारी से ओर सच्चाई से लड़ा है। तब ऊपर बैठे लोग डिसाइड करेंगे की हमारी सदस्यता रहनी चाहिए या नहीं इसलिए यह अब हमारी सर्ववाइवल की लड़ाई है।  

पत्रकार ने पूछा की तब इस स्थिति मे बार कमजोर होगी या खत्म हो जाएगी ?

शीलपेश चौधरी ने कहा बार कमजोर नहीं बल्कि खत्म हो रही है

पत्रकार ने पूछा जो फेसले बार किया करती थी लेकिन अब कोई ओर करेगा तो तब क्या लगता है की बार ओर वकीलों के लिए कही ना कही एक सवाल खड़ा होता है तब क्या किया जाएगा ?

शीलपेश चौधरी ने कहा बिल्कुल यह एक कुवेशन मार्क है। हमारी प्रेक्टिस के ऊपर , हमारी एसोसिएशन के ऊपर हमारी डिग्निटी के ऊपर हमारी स्ट्रेनथ के ऊपर यह हमारी स्ट्रेनथ को तोड़ना चाहते है। सबसे पहले इन्होंने वाइफरकेशन किया अलग अलग अदलते बनाई, इसके बाद इन्होंने वन बार वन कोर्ट किया। अब चाहते है की वन डे इलेक्शन । इनकी कई सालों से कोशिश चली आ रही है वकीलों को बाटने की , जब वकील बट गए अब इन्हे तोड़ दो।

ADVOCATE AMENDMENT ACT 2025: इस पूरे विरोध प्रदर्शन मे सभी वकीलों ने अपनी राय दर्ज कराई


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