ALLAHABAD HC: पेंशन और ग्रेच्युटी कार्यवाही के परिणाम पर निर्भर

Photo of author

By headlineslivenews.com

ALLAHABAD HC: पेंशन और ग्रेच्युटी कार्यवाही के परिणाम पर निर्भर

ALLAHABAD HC: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी द्वारा दाखिल अपील को खारिज करते हुए यह स्पष्ट किया कि अनुशासनात्मक या

ALLAHABAD HC

ALLAHABAD HC: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी द्वारा दाखिल अपील को खारिज करते हुए यह स्पष्ट किया कि अनुशासनात्मक या न्यायिक कार्यवाही लंबित रहने के दौरान पूर्ण पेंशन और ग्रेच्युटी का अधिकार नहीं है। अदालत ने कहा कि यह अधिकार अनुशासनात्मक और न्यायिक कार्यवाही के परिणाम पर निर्भर करता है।

ALLAHABAD HC

ALLAHABAD HC: मामले की पृष्ठभूमि

याचिकाकर्ता, जो उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि विकास विभाग में डिप्टी डायरेक्टर के पद से सेवानिवृत्त हुए थे, ने अपनी ग्रेच्युटी का एक हिस्सा रोके जाने के खिलाफ अपील दायर की थी। उनके खिलाफ सेवा के दौरान कथित कदाचार के लिए अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू की गई थी। याचिकाकर्ता ने इस आधार पर ग्रेच्युटी रोके जाने को चुनौती दी कि कार्यवाही सेवानिवृत्ति के बाद बिना राज्यपाल की पूर्व स्वीकृति के शुरू की गई थी।

KERALA HC: भूस्खलन पीड़ितों के पुनर्वास के लिए राज्य को संपत्ति लेने की अनुमति दी

DELHI HC: प्रोफेसर की विधवा को राहत दी, 5 साल से अधिक का भुगतान वापस लेना मनमाना

न्यायमूर्ति विवेक कुमार बिरला और न्यायमूर्ति योगेंद्र कुमार श्रीवास्तव की खंडपीठ ने इस अपील को खारिज करते हुए कहा कि “सिविल सेवा नियमावली के अनुच्छेद 351-ए के तहत राज्यपाल को यह अधिकार है कि वे अनुशासनात्मक या न्यायिक कार्यवाही के लंबित रहने तक ग्रेच्युटी या पेंशन रोक सकते हैं।” कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि कर्मचारी पर गंभीर कदाचार या सरकार को आर्थिक नुकसान पहुंचाने का आरोप सिद्ध होता है, तो पेंशन को स्थायी रूप से या किसी निर्धारित अवधि के लिए रोका जा सकता है।

याचिकाकर्ता ने दलील दी कि:

  1. अनुशासनात्मक कार्यवाही उनकी सेवानिवृत्ति के बाद शुरू की गई थी, जो अनुच्छेद 351-ए के तहत अवैध है।
  2. कार्यवाही के लिए राज्यपाल की पूर्व स्वीकृति नहीं ली गई थी।
  3. ग्रेच्युटी रोकने का आदेश संविधान के अनुच्छेद 300A का उल्लंघन करता है, जो संपत्ति के अधिकार की रक्षा करता है।

ALLAHABAD HC: अदालत का तर्क:

खंडपीठ ने याचिकाकर्ता की दलीलों को खारिज करते हुए कहा कि अनुच्छेद 351 और 351-ए स्पष्ट रूप से सरकार को यह अधिकार प्रदान करते हैं कि:

  • अनुशासनात्मक कार्यवाही लंबित रहने तक ग्रेच्युटी या पेंशन रोकी जा सकती है।
  • यदि कार्यवाही में कर्मचारी दोषी पाया जाता है, तो पेंशन या ग्रेच्युटी स्थायी रूप से रोकी जा सकती है।

अदालत ने शिवगोपाल बनाम उत्तर प्रदेश राज्य (2019) मामले में पूर्ण पीठ के फैसले का हवाला दिया। उस फैसले में यह कहा गया था कि अनुच्छेद 351, 351-ए, 351-AA और 919-A के संयुक्त पढ़ने से यह स्पष्ट होता है कि:

  1. पेंशन और ग्रेच्युटी पर असर तब पड़ता है, जब सक्षम प्राधिकारी कार्यवाही के निष्कर्ष पर विचार कर अंतिम आदेश जारी करता है।
  2. जब तक कार्यवाही लंबित रहती है, तब तक पेंशनभोगी को केवल प्रोविजनल पेंशन का अधिकार है।
Headlines Live News

खंडपीठ ने कहा, “जब तक अनुशासनात्मक कार्यवाही या न्यायिक कार्यवाही समाप्त नहीं हो जाती और अंतिम आदेश पारित नहीं होता, तब तक सरकारी कर्मचारी/पेंशनभोगी पूर्ण पेंशन और ग्रेच्युटी का हकदार नहीं होता।” कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रोविजनल पेंशन का भुगतान जारी रहेगा, लेकिन ग्रेच्युटी के शेष हिस्से का भुगतान कार्यवाही के परिणाम के आधार पर किया जाएगा।

अदालत ने याचिकाकर्ता की अपील खारिज कर दी और एकल पीठ के फैसले को सही ठहराया, जिसमें यह कहा गया था कि याचिकाकर्ता फिलहाल अपनी प्रोविजनल पेंशन प्राप्त कर रहा है और ग्रेच्युटी रोकने का निर्णय उचित है।

अदालत ने इस मामले में सिविल सेवा नियमावली के अनुच्छेद 351-ए और 351-AA के महत्व को रेखांकित किया। इन प्रावधानों के तहत सरकार को यह अधिकार है कि वह अनुशासनात्मक और न्यायिक कार्यवाही के निष्कर्ष तक पेंशन और ग्रेच्युटी रोक सकती है।

ALLAHABAD HC: मामले का विवरण

Headlines Live News
  • मामला: बुद्ध प्रकाश सचान बनाम उत्तर प्रदेश राज्य एवं अन्य।
  • न्यायिक संदर्भ: 2024:AHC:188201-DB।
  • अधिवक्ता: याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता यशपाल यादव ने पक्ष रखा, जबकि प्रतिवादियों की ओर से स्थायी वकील रतनदीप मिश्रा उपस्थित हुए।

यह फैसला सरकारी कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण मिसाल प्रस्तुत करता है। यह स्पष्ट करता है कि सेवानिवृत्ति के बाद भी अनुशासनात्मक या न्यायिक कार्यवाही के परिणामस्वरूप पेंशन और ग्रेच्युटी के भुगतान पर असर पड़ सकता है।

ALLAHABAD HC