नई दिल्ली, 9 जून 2025: भारतीय जनता पार्टी (BJP), दिल्ली प्रदेश ने एक महत्वपूर्ण और कड़ा कदम उठाते हुए रोहिणी जोन की पार्षद सुमन टिंकू राजौरा की प्राथमिक सदस्यता तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी है।
इसके साथ ही, उन्हें पार्टी से 6 वर्षों के लिए निष्कासित कर दिया गया है। यह कार्रवाई पार्टी की लाइन के विपरीत मतदान करने और अनुशासनहीनता के गंभीर आरोपों के आधार पर की गई है। इस फैसले ने दिल्ली की राजनीति में हलचल मचा दी है और पार्टी के भीतर अनुशासन के प्रति सख्त रवैये को दर्शाता है।
टीपू सुल्तान
रोहिणी जोन वोटिंग में अनुशासनहीनता पर BJP का बड़ा फैसला
भाजपा दिल्ली प्रदेश द्वारा जारी आधिकारिक पत्र के अनुसार, दिल्ली नगर निगम (MCD) के रोहिणी जोन में हुए मतदान में सुमन टिंकू राजौरा ने पार्टी के निर्देशों का उल्लंघन किया। सभी पार्षदों के साथ व्यक्तिगत रूप से बातचीत और जांच के बाद यह स्पष्ट हुआ कि उन्होंने जानबूझकर पार्टी लाइन के खिलाफ मतदान किया। इस जांच के दौरान सुमन ने स्वयं स्वीकार किया कि उन्होंने पार्टी के आदेशों की अवहेलना की। इस तरह की अनुशासनहीनता को पार्टी ने गंभीरता से लिया और तत्काल कार्रवाई करने का निर्णय लिया।
दिल्ली भाजपा का संदेश साफ—अनुशासन से समझौता नहीं
पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई। पत्र में उल्लेख किया गया है कि भाजपा के संविधान के अनुसार, अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसलिए, सुमन टिंकू राजौरा की प्राथमिक सदस्यता तुरंत प्रभाव से समाप्त की गई और उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। सुमन टिंकू राजौरा मंगोलपुरी-बी के वार्ड नंबर 50 से पार्षद थीं।
यह कार्रवाई भाजपा की उस नीति को रेखांकित करती है, जिसमें पार्टी अनुशासन को सर्वोपरि मानती है। दिल्ली प्रदेश भाजपा ने इस कदम को संगठन के भीतर एकता और अनुशासन बनाए रखने की दिशा में एक मजबूत संदेश के रूप में प्रस्तुत किया है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, इस तरह की कार्रवाइयां उन नेताओं और कार्यकर्ताओं के लिए चेतावनी हैं, जो पार्टी के निर्देशों का पालन करने में लापरवाही बरतते हैं।
दिल्ली भाजपा में अनुशासन की दरार या मजबूती का संकेत?
सुमन टिंकू राजौरा के निष्कासन ने स्थानीय स्तर पर भी चर्चा को जन्म दिया है। मंगोलपुरी क्षेत्र में उनके समर्थकों और स्थानीय निवासियों के बीच इस फैसले को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ लोग इसे पार्टी का सख्त लेकिन जरूरी कदम मान रहे हैं, जबकि कुछ इसे व्यक्तिगत या राजनीतिक मतभेदों का परिणाम बता रहे हैं।
यह घटना दिल्ली की राजनीति में भाजपा के संगठनात्मक ढांचे और अनुशासन के प्रति उसकी गंभीरता को दर्शाती है। आगामी समय में इस फैसले के राजनीतिक और सामाजिक प्रभावों पर सभी की नजर रहेगी। फिलहाल, सुमन टिंकू राजौरा का निष्कासन दिल्ली नगर निगम और भाजपा की दिल्ली इकाई में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत देता है।