BOMBAY HC: बॉम्बे हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने ट्रेडमार्क उल्लंघन के मामले में पतंजलि आयुर्वेद पर एकल न्यायाधीश द्वारा लगाए गए 4.5 करोड़ रुपये के जुर्माने पर अंतरिम रोक लगा दी है। यह फैसला न्यायमूर्ति ए.एस. चंदुरकर और राजेश पाटिल की पीठ ने सुनाया। हालांकि, अदालत ने पतंजलि द्वारा पहले से जमा कराए गए 50 लाख रुपये को न्यायालय के पास ही बरकरार रखने का निर्देश दिया है।
BOMBAY HC: मामले की पृष्ठभूमि
यह मामला मंगलम ऑर्गेनिक्स द्वारा दायर किया गया था, जिसमें उन्होंने पतंजलि आयुर्वेद पर अपने कपूर उत्पादों के संबंध में ट्रेडमार्क उल्लंघन और पासिंग ऑफ (दूसरे के ब्रांड से मिलते-जुलते उत्पाद बेचने) का आरोप लगाया था।
मंगलम ऑर्गेनिक्स की शिकायत पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने 30 अगस्त, 2023 को एक अंतरिम आदेश जारी करते हुए पतंजलि को मंगलम के ट्रेडमार्क वाले कपूर उत्पाद बेचने से रोक दिया था।
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अंतरिम आदेश लागू होने के बावजूद मंगलम ऑर्गेनिक्स ने आरोप लगाया कि पतंजलि ने अदालत के आदेश का पालन नहीं किया और अपने कपूर उत्पादों की बिक्री जारी रखी। इसके चलते मंगलम ऑर्गेनिक्स ने अदालत में अवमानना याचिका दायर की।
मंगलम का आरोप था कि पतंजलि ने अपने वितरकों को आदेश के बाद भी कपूर उत्पादों की सप्लाई की और कुछ उत्पाद पतंजलि की वेबसाइट पर खरीद के लिए उपलब्ध थे।
BOMBAY HC: पतंजलि का हलफनामा और जवाब
इसके बाद पतंजलि ने अदालत में हलफनामा दाखिल किया और स्वीकार किया कि उनके वितरकों को आदेश के बाद भी उत्पाद भेजे गए थे। हलफनामे में पतंजलि ने यह जानकारी दी:
- 24 जून, 2024 तक उन्होंने वितरकों को करीब ₹49.6 लाख के कपूर उत्पाद भेजे थे।
- पतंजलि ने यह भी दावा किया कि ₹25.9 लाख के बाकी स्टॉक की बिक्री रोक दी गई थी।
हालांकि, मंगलम ऑर्गेनिक्स ने यह तर्क दिया कि 8 जुलाई को पतंजलि की वेबसाइट पर कपूर उत्पाद अभी भी उपलब्ध थे, जिसकी जानकारी पतंजलि ने हलफनामे में नहीं दी थी।
8 जुलाई, 2024 को मामले की सुनवाई के दौरान, न्यायमूर्ति आर.आई. चागला की एकल पीठ ने पाया कि पतंजलि ने अदालत के 2023 के आदेश का उल्लंघन किया था।
- स्टॉक रखने की बात पतंजलि ने स्वीकार की थी।
- 24 जून के बाद भी बिक्री जारी रही थी।
इसके आधार पर अदालत ने पतंजलि पर ₹50 लाख का जुर्माना लगाया और मंगलम ऑर्गेनिक्स को उल्लंघन से संबंधित एक विस्तृत हलफनामा दाखिल करने को कहा।
लेकिन, लगातार आदेशों के गैर-अनुपालन पर अदालत ने 29 जुलाई, 2024 को पतंजलि पर अतिरिक्त ₹4 करोड़ का जुर्माना भी लगा दिया।
BOMBAY HC: पतंजलि की अपील
एकल न्यायाधीश के फैसले के खिलाफ पतंजलि ने बॉम्बे हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच के समक्ष अपील दायर की।
न्यायमूर्ति ए.एस. चंदुरकर और राजेश पाटिल की खंडपीठ ने:
- 8 जुलाई और 29 जुलाई के एकल न्यायाधीश के आदेशों पर अंतरिम रोक लगा दी।
- पतंजलि द्वारा पहले से जमा किए गए ₹50 लाख को अदालत के पास ही रखने का निर्देश दिया।
ट्रेडमार्क उल्लंघन तब होता है जब कोई कंपनी या व्यक्ति किसी अन्य ब्रांड के पंजीकृत ट्रेडमार्क का बिना अनुमति उपयोग करता है। इससे ब्रांड की छवि और व्यापार को नुकसान होता है।
मंगलम ऑर्गेनिक्स का दावा था कि उनके कपूर उत्पादों का ट्रेडमार्क पतंजलि के उत्पादों के कारण प्रभावित हुआ।
BOMBAY HC: अवमानना के कानूनी पहलू
अदालत के आदेश की अवहेलना या अनुपालन न करना अवमानना (Contempt of Court) के दायरे में आता है।
- अदालत के आदेश का उल्लंघन गंभीर अपराध माना जाता है।
- इसमें दोषी व्यक्ति/संस्था पर जुर्माना या कारावास तक की सजा हो सकती है।
पतंजलि ने अदालत में खेद व्यक्त किया और भविष्य में अदालत के निर्देशों का पालन करने का वादा किया। उन्होंने कहा कि स्टॉक की बिक्री अज्ञानता के कारण हुई थी और इसमें किसी भी प्रकार की जानबूझकर अवहेलना नहीं थी।
यह मामला केवल दो कंपनियों के बीच ट्रेडमार्क विवाद का नहीं है, बल्कि यह कॉरपोरेट प्रतिस्पर्धा और बाजार नैतिकता का भी एक उदाहरण है।
- ऐसे मामलों में अदालत के फैसले ब्रांड सुरक्षा और व्यापार अधिकारों को सुनिश्चित करते हैं।
- यह उन कंपनियों के लिए भी संदेश है जो दूसरों के ट्रेडमार्क का उपयोग कर बाज़ार में लाभ उठाने की कोशिश करती हैं।
BOMBAY HC: निष्कर्ष
बॉम्बे हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने फिलहाल एकल न्यायाधीश द्वारा पतंजलि पर लगाए गए ₹4.5 करोड़ के जुर्माने पर रोक लगा दी है। हालांकि, अदालत ने पतंजलि द्वारा जमा कराए गए ₹50 लाख को अपने पास बरकरार रखने का आदेश दिया है।
इस मामले की अगली सुनवाई में ट्रेडमार्क उल्लंघन के आरोपों और जुर्माने पर अंतिम फैसला आएगा।