BOMBAY HC: बॉम्बे हाईकोर्ट ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के पूर्व प्रमुख ललित मोदी द्वारा भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के खिलाफ दायर एक याचिका को खारिज कर दिया है। इस याचिका में मोदी ने बीसीसीआई को उनकी ओर से 10.65 करोड़ रुपये का भुगतान करने का निर्देश देने की मांग की थी।
यह जुर्माना प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मोदी पर विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के उल्लंघन के लिए लगाया था।
न्यायमूर्ति एमएस सोनक और न्यायमूर्ति जितेंद्र जैन की खंडपीठ ने याचिका को “तुच्छ और विचारणीय नहीं” करार दिया। कोर्ट ने इसे खारिज करते हुए मोदी पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया, जिसे टाटा मेमोरियल अस्पताल को दान के रूप में देने का आदेश दिया गया।
BOMBAY HC: याचिका की अस्वीकृति और अदालत की टिप्पणी
अदालत ने कहा कि बीसीसीआई कोई सार्वजनिक कार्य नहीं कर रहा है और इसलिए, मोदी को क्षतिपूर्ति देने के लिए बोर्ड के खिलाफ कोई रिट जारी नहीं की जा सकती। अदालत ने कहा:
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“ईडी द्वारा लगाए गए जुर्माने के संदर्भ में याचिकाकर्ता को क्षतिपूर्ति दिलाने का सवाल ही नहीं उठता है। बीसीसीआई इस संदर्भ में सार्वजनिक कार्य का निर्वहन नहीं कर रहा है। याचिका पूरी तरह से गलत है और तदनुसार खारिज की जाती है।”
कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि मोदी की याचिका में जो राहत मांगी गई है, वह कानूनी रूप से संभव नहीं है।
BOMBAY HC: ईडी का जुर्माना और मोदी की याचिका का आधार
यह मामला 2009 के आईपीएल से जुड़ा है, जो दक्षिण अफ्रीका में आयोजित किया गया था। ईडी ने जांच के बाद पाया था कि इस आयोजन के दौरान फेमा के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए 243 करोड़ रुपये से अधिक की राशि भारत से बाहर स्थानांतरित की गई थी।
2018 में, ईडी ने बीसीसीआई, तत्कालीन अध्यक्ष एन श्रीनिवासन और अन्य कई पक्षों पर कुल 121.56 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। इनमें से ललित मोदी पर 10.65 करोड़ रुपये का जुर्माना निर्धारित किया गया था। मोदी ने अपनी याचिका में बीसीसीआई से यह राशि उनकी ओर से भरने का अनुरोध किया था।
न्यायालय ने स्पष्ट किया कि बीसीसीआई पर इस प्रकार का कोई दायित्व नहीं है। आदेश में कहा गया:
“याचिकाकर्ता अब बीसीसीआई पर ईडी को यह राशि चुकाने का निर्देश चाहता है। ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया जा सकता।”
BOMBAY HC: याचिका खारिज होने के बाद जुर्माने का आदेश
अदालत ने याचिका को खारिज करने के साथ ही ललित मोदी पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। यह राशि टाटा मेमोरियल अस्पताल को दान के रूप में देने का आदेश दिया गया।
इस मामले में ललित मोदी की ओर से वकील गौरव गोपाल और वाडिया गांधी एंड कंपनी ने उनका प्रतिनिधित्व किया। वकील मोहित गोयल भी मोदी की ओर से पेश हुए।
इस आदेश के साथ, बॉम्बे हाईकोर्ट ने ललित मोदी की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें बीसीसीआई को उनके जुर्माने का भुगतान करने का निर्देश देने की मांग की गई थी। अदालत ने इसे एक तुच्छ याचिका बताते हुए मोदी पर जुर्माना लगाया और यह संकेत दिया कि इस प्रकार की याचिकाओं के माध्यम से अदालत का समय बर्बाद नहीं किया जाना चाहिए।