CAG रिपोर्ट का बड़ा खुलासा: दिल्ली के अस्पतालों की बदहाल स्थिति उजागर हो चुकी है । बीजेपी अब सरकार मे आने के बाद लगातार आप सरकार के द्वारा चलाई जा रही स्वास्थ्य सेवाओ की पोल दिल्ली की जनता के सामने मे रख रही है ।
1 CAG रिपोर्ट में बड़ा खुलासा: दिल्ली के 14 अस्पतालों में ICU नहीं, 12 में एंबुलेंस गायब
2 दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल: मोहल्ला क्लीनिक में टॉयलेट तक नहीं – CAG रिपोर्ट
3 CAG रिपोर्ट का चौंकाने वाला दावा: सरकारी अस्पतालों में स्टाफ और संसाधनों की भारी कमी
5 दिल्ली में स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खुली: अस्पतालों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव
6 ICU, एंबुलेंस और डॉक्टरों की कमी से जूझ रही दिल्ली की स्वास्थ्य व्यवस्था – CAG रिपोर्ट
नई दिल्ली ( सुनील ) देश की राजधानी दिल्ली शहर से एक चौकने वाला मामला सामने आया है CAG की रिपोर्ट आते ही आम आदमी पार्टी होश उड़ गए। CAG की रिपोर्ट में दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर कई गंभीर खामियां उजागर हुई हैं। रिपोर्ट के अनुसार, राजधानी के 14 सरकारी अस्पतालों में ICU नहीं हैं जो की ICU अस्पताल का सबसे अहम हिस्सा होता है, जबकि 12 अस्पतालों में एंबुलेंस की सुविधा तक उपलब्ध नहीं है। यही नहीं इसके अलावा, मोहल्ला क्लीनिकों की स्थिति भी बहुत ही चिंताजनक है, जहां पर कई जगहों पर टॉयलेट जैसी बुनियादी सुविधाएं भी नहीं हैं।
CAG रिपोर्ट का बड़ा खुलासा: CAG रिपोर्ट मे हुए खुलासे इस प्रकार है :
1 ICU की कमी: 14 अस्पतालों में इंटेंसिव केयर यूनिट नहीं, जिससे गंभीर मरीजों के इलाज में दिक्कतें।
2 एम्बुलेंस सेवा का अभाव: 12 अस्पतालों में एंबुलेंस सुविधा नहीं, जिससे इमरजेंसी में मरीजों को परेशानीऔर दुर्घटना वाले मरीजों को झेलनी पड़ रही विशेष परेशनिया ।
3 मोहल्ला क्लिनिक की खस्ताहाल स्थिति: कई क्लीनिकों में टॉयलेट और अन्य बुनियादी सुविधाओं का अभाव।
4 अस्पतालों में स्टाफ की कमी: डॉक्टरों और नर्सों की पर्याप्त संख्या न होने से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित जिससे मरीज हुए बदहाल।
5 स्वास्थ्य योजनाओं में खामियां: सरकार की योजनाओं के बावजूद, अस्पतालों और क्लीनिकों में जरूरी संसाधनों की कमी बनी हुई है ।
फंड की अनदेखी और भ्रष्टाचार के आरोप
आपको बता दें की CAG रिपोर्ट के अनुसार, स्वास्थ्य कर्मचारियों की भर्ती और वेतन के लिए कुल 52 करोड़ रुपये मिले थे जिसमे से 30.52 करोड़ रुपये खर्च ही नहीं किए गए. इससे साफ साफ पता चलता है है कि सरकार ने स्वास्थ्य कर्मियों की पर्याप्त भर्ती ही नहीं की थी, जिससे मकोरोना के दौरान लोगों को इलाज में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. इसी तरह दवाओं, पीपीई किट और अन्य मेडिकल सप्लाई के लिए कुल 119.85 करोड़ रुपये मिले थे जिसमें से 83.14 करोड़ रुपये खर्च ही नहीं हुए।
स्वास्थ्य सुविधाओं पर सवाल
बता दें कि CAG रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली सरकार की ओर से स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के बड़े दावे किए गए थे, लेकिन ज़मीनी हकीकत इसके बिल्कुल उलट फेर नज़र आती है। अस्पतालों और क्लीनिकों में बुनियादी ढांचे की कमी के कारण मरीजों को आवश्यक उपचार तक नहीं मिल पा रहा है जिससे मरीजों को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
हालांकि अब तो CAG की रिपोर्ट सामने आ गई लेकिन अब यह जानना दिलचस्प होगा की आम आदमी पार्टी इस पर क्या बयान देती है
आगे की जानकारी पाने के लिए जुड़े रहिए हेड लाइंस लाइव न्यूज के साथ ।
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