Bihar Exit Polls: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के एग्जिट पोल के नतीजे आ गए हैं, और लगभग सभी सर्वे एकतरफा एनडीए (NDA) की जीत की भविष्यवाणी कर रहे हैं। 10 में से 9 प्रमुख एग्जिट पोल्स ने नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले JDU-BJP गठबंधन को 140 से 160 सीटों के साथ स्पष्ट बहुमत दिया है, जो 122 के जादुई आंकड़े से कहीं ज्यादा है। वहीं, तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले महागठबंधन को 70 से 90 सीटों पर सिमटते हुए दिखाया गया है। प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहने का अनुमान है। यह एग्जिट पोल 14 नवंबर को आने वाले अंतिम नतीजों से पहले बिहार की राजनीतिक तस्वीर साफ कर रहे हैं।
Bihar Exit Polls 2025: बिहार में फिर दिखेगा नीतीश का दम! 10 में से 9 एग्जिट पोल में NDA को प्रचंड बहुमत, महागठबंधन का सूपड़ा साफ
नई दिल्ली: बिहार के चुनावी महासंग्राम का पटाक्षेप हो गया है और अब सभी की निगाहें टिकी हैं 14 नवंबर को आने वाले अंतिम नतीजों पर। लेकिन उससे पहले, मंगलवार शाम को जैसे ही दूसरे और अंतिम चरण का मतदान समाप्त हुआ, एग्जिट पोल्स ने बिहार की अगली सरकार की तस्वीर लगभग साफ कर दी है। लगभग सभी प्रतिष्ठित समाचार चैनलों और सर्वे एजेंसियों के एग्जिट पोल एक स्वर में बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले एनडीए (NDA) की बंपर वापसी का ऐलान कर रहे हैं।
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Bihar Exit Polls: क्या कहते हैं एग्जिट पोल के आंकड़े?
बिहार विधानसभा की 243 सीटों पर हुए चुनाव के बाद आए एग्जिट पोल्स के ‘पोल ऑफ पोल्स’ (सभी एग्जिट पोल का औसत) पर नजर डालें तो एनडीए को 145 से 160 सीटों के बीच प्रचंड बहुमत मिलता दिख रहा है। सरकार बनाने के लिए 122 सीटों का जादुई आंकड़ा चाहिए और एनडीए इस आंकड़े को बहुत आराम से पार करता नजर आ रहा है। वहीं, तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले महागठबंधन के लिए ये एग्जिट पोल किसी बुरे सपने से कम नहीं हैं। महागठबंधन 70 से 90 सीटों के बीच सिमटता दिख रहा है।
NDA को क्यों मिल रही है इतनी बड़ी जीत?
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, इस संभावित जीत के पीछे कई बड़े कारण हैं। सबसे पहला और बड़ा कारण है नीतीश कुमार का चेहरा, जिन पर बिहार की जनता ने एक बार फिर भरोसा जताया है। इसके अलावा, बीजेपी और जेडीयू के बीच सीटों का सही तालमेल और जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं की मेहनत रंग लाती दिख रही है। कई सर्वे यह भी बता रहे हैं कि ओबीसी और अनुसूचित जाति के वोटों का एक बड़ा हिस्सा एनडीए के पक्ष में गया है, जिसने महागठबंधन के सारे समीकरण बिगाड़ दिए।
महागठबंधन क्यों हुआ फेल?
2020 के चुनाव में तेजस्वी यादव ने एनडीए को कड़ी टक्कर दी थी, लेकिन 2025 में उनका जादू फीका पड़ गया। एग्जिट पोल्स के अनुसार, इस बार तेजस्वी यादव युवाओं को उस तरह से आकर्षित नहीं कर पाए जैसा उन्होंने पिछली बार किया था। कांग्रेस का कमजोर प्रदर्शन भी महागठबंधन पर भारी पड़ा है। साथ ही, एनडीए के मजबूत सामाजिक और जातीय समीकरण को भेदने में विपक्ष पूरी तरह नाकाम रहा।
प्रशांत किशोर का ‘जन सुराज’ बेअसर
इस चुनाव में जिस एक चेहरे पर सभी की निगाहें थीं, वह थे प्रशांत किशोर और उनकी ‘जन सुराज’ पार्टी। चुनावी पंडित यह देखने को उत्सुक थे कि क्या पीके का जमीनी अभियान वोटों में तब्दील हो पाएगा। लेकिन, एग्जिट पोल्स के नतीजों ने इन उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। लगभग सभी सर्वे जन सुराज पार्टी को 0 से 5 सीटों के बीच ही दिखा रहे हैं। कई बड़े पोल ने तो उन्हें एक भी सीट नहीं दी है। यह प्रशांत किशोर के राजनीतिक भविष्य के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।
प्रमुख एग्जिट पोल्स की भविष्यवाणी
- News18 Mega Exit Poll: एनडीए को 145 सीटें, महागठबंधन को 90 सीटें।
- Matrize: एनडीए को 147-167 सीटें, महागठबंधन को 70-90 सीटें।
- P-Marq: एनडीए को 142-162 सीटें, महागठबंधन को 80-98 सीटें।
- Chanakya Strategies: एनडीए को 130-138 सीटें, महागठबंधन को 100-108 सीटें।
- TIF Research: एनडीए को 145-163 सीटें, महागठबंधन को 76-95 सीटें।
2020 से कितना अलग है 2025 का जनादेश?
2020 के विधानसभा चुनाव में मुकाबला बेहद कांटे का था। एनडीए ने 125 सीटों के साथ सरकार बनाई थी, जो बहुमत से सिर्फ 3 सीटें ज्यादा थीं। उस चुनाव में तेजस्वी यादव की आरजेडी 75 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। लेकिन 2025 के एग्जिट पोल बिल्कुल अलग कहानी बयां कर रहे हैं। इस बार एनडीए को एकतरफा और बड़ी जीत मिलती दिख रही है, जो 2020 के मुकाबले कहीं ज्यादा आरामदायक है।
तेजस्वी यादव ने उठाए एग्जिट पोल पर सवाल
जैसा कि अक्सर होता है, एग्जिट पोल के नतीजे आने के बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है। महागठबंधन के नेता तेजस्वी यादव ने इन सभी एग्जिट पोल्स को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने दावा किया है कि ये सर्वे मतदान के दौरान जारी किए गए और ये एनडीए के पक्ष में एक माहौल बनाने की कोशिश है। उन्होंने कहा कि असली नतीजे 14 नवंबर को आएंगे और महागठबंधन की ही सरकार बनेगी।
दो चरणों में हुआ था मतदान
बिहार की 243 विधानसभा सीटों के लिए दो चरणों में मतदान हुआ था। पहले चरण की वोटिंग 6 नवंबर को 121 सीटों पर हुई, जबकि दूसरे और अंतिम चरण की वोटिंग 11 नवंबर को 122 सीटों पर संपन्न हुई। दोनों ही चरणों में मतदाताओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
क्या हैं इन नतीजों के मायने?
अगर ये एग्जिट पोल हकीकत में बदलते हैं, तो यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के डबल इंजन सरकार के मॉडल पर जनता की मुहर होगी। यह जीत एनडीए के लिए 2029 के लोकसभा चुनावों से पहले एक बड़ा बूस्ट होगी। वहीं, महागठबंधन के लिए यह एक बड़ा झटका होगा और उन्हें अपनी रणनीति पर फिर से विचार करने पर मजबूर होना पड़ेगा।
14 नवंबर को आएगा अंतिम फैसला
हालांकि एग्जिट पोल एक स्पष्ट तस्वीर पेश कर रहे हैं, लेकिन यह याद रखना जरूरी है कि ये सिर्फ अनुमान हैं। कई बार एग्जिट पोल गलत भी साबित हुए हैं। बिहार का असली किंग कौन होगा, इसका अंतिम फैसला तो 14 नवंबर को ही होगा, जब चुनाव आयोग द्वारा वोटों की गिनती की जाएगी। तब तक, सभी राजनीतिक दलों और जनता को नतीजों का इंतजार है।











