CONTENT CREATORS 2025 में सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म ने लोगों को अपनी रचनात्मकता और विचारों को साझा करने के लिए एक बड़ा मंच दिया है.
जो Content Creators के लिए एक नए युग की शुरुआत है, जहां वे अपने रचनात्मकता और विचारों को इस्तेमाल करके audience को न सिर्फ मनोरंजित करते है, बल्कि उन्हें शिक्षित भी करते हैं. जो एक तौर पर infotainment कहलाता है. बल्कि इसके साथ ये देश की इकोनॉमी में भी काफी अहम भूमिका निभाता हैं.
अब अगर इन्हीं Future Content Creators को ध्यान में रखते हुए अगर सरकार इनके लिए अरबो रुपये के फंड्स तैयार करती है, तो ये क्रिएटर्स के लिए सोने पर सुहागा हो जाएगा. और देखा जाए तो ये क्रिएटर्स को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ देश की इकोनॉमी बढ़ाने में भी काफी सहायक हो सकता है. आइए इसके बारे में थोड़ा संक्षेप में जानते हैं.
आपको बता दें कि सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैश्नव ने वर्ल्ड ऑडियो-विजुअल एंड एंटरटेनमेंट समिट (WAVES) 2025 के दौरान ये ऐलान किया था कि सरकार क्रिएटर्स इकॉनमी को बढ़ावा देने के लिए 1 बिलियन डॉलर यानी करीब 83 हज़ार करोड़ रुपये का फंड तैयार करेगी. जो पब्लिक-प्राइवेट-पार्टनरशिप (PPP) मोड पर काम करेगा. उनका कहना है कि इसके बाद क्रिएटर्स के लिए पैसा पाना आसान हो जाएगा. साथ ही, वो अपनी स्किल और बेहतर कर पाएंगे. इससे ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर भी इंडियन क्रिएटर्स को एक पहचान मिलेगी. आज डिजिटल प्लैटफॉर्म लोगों को रोजगार देने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और ये अनुमान लगाया जा रहा है कि भविष्य में इस प्लेटफॉर्म के ज़रिए युवाओं को रोजगार मिलने की संख्या और भी अधिक बढ़ सकती है.
पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस बात का ज़िक्र किया था कि भारत के 5 Trillion की इकोनॉमी बनने के प्रयास में डिजिटल प्लेटफॉर्म एक नई एनर्जी के साथ उभर रहा है. प्रधानमंत्री मोदी ने ये भी कहा था कि क्रिएटर्स भारत के कल्चर और उसकी ट्रेडिश्नल नॉलेज को देश-दुनिया से रूबरू कराया जा सकता है.
करीब 86% क्रिएटर्स का यह कहना है कि आने वाले दो सालों में उनकी इंकम में बढ़ोतरी होने के काफी चांसेस हैं. साथ ही, बड़े ब्रांड्स भी अपने ब्रैंड्स के प्रमॉशन के लिए क्रिएटर्स पर भारी पैसा खर्च करते हैं. सरकार के अनुसार आज का युथ इंस्टाग्राम, फेसबुक, यू-ट्युब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से काफी इन्फलुएंस होता है. ऐसे में अगर क्रिएटर्स एंटरटेन्मेंट के साथ-साथ कुछ इंफोर्मेटिव कंटेंट क्रिएट करेंगे, तो Audience तक इंफोर्मेशन पहुंचाना काफी आसान हो जाएगा.
साथ ही कंटेंट क्रिएश्न ब्रांड पार्टनरशिप और मार्केटिंग के लिए भी एक काफी यूज़फुल औजार बन चुका है. इसके अलावा, इस फंड से कंटेंट क्रिएटर्स को नई technique और एडवांस इक्विपमेंट तक पहुंच मिलेगी, जिससे वे अपने production level को और बढ़ा सकते हैं. सरकार ने Indian Institute of Creative Technology (IICT) की स्थापना के लिए 391 रुपयों की सहमती दी है. जो मुंबई की फिल्म सिटी में स्थापित किया जाएगा. जिसके द्वारा इंफ्लूएन्सर्स को डिजिटल क्रिएश्न में कुश्लता हासिल करने का अवसर मिलेगा.
CONTENT CREATORS 2025: ग्लोबल लेवल पर सहायक होगी सरकार-
भारत सरकार का ये कदम महज राष्ट्रीय तौर पर नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर डिजिटल क्रिएश्न को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है. WAVES बाजार जैसे वैश्विक प्लेटफार्मों के माध्यम से भारत के क्रिएटर्स को अंतरराष्ट्रीय बाजारों से जोड़ा जाएगा, जिससे उनके लिए नए अवसर खुलेंगे. भारत में कंटेंट क्रिएटर्स की संख्या 4 मिलियन तक पहुंचने का अनुमान है, जो कि पिछले चार वर्षों में 322% की वृद्धि को दर्शाता है. इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग क्षेत्र काफी तेजी से बढ़ रहा है. जिसमें ब्रांड्स के प्रॉडक्ट्स को क्रिएटर्स द्वारा प्रमोट किया जाता है. रिपोर्ट्स के अनुसार, 2026 तक यह 3,375 करोड़ रुपये तक पहुंचने की संभावना है. इसलिए सरकार की इस पहल का उद्देश्य केवल क्रिएटर्स को आर्थिक मदद नहीं, बल्कि उन्हें डिजिटल दुनिया में एक वैश्विक ताकत बनाने का है.
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