DELHI HC: दिल्ली हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में यह स्पष्ट किया कि आयकर अधिनियम की धारा 271C के तहत जुर्माने की कार्रवाई की शुरुआत उस तिथि से मानी जाएगी, जब पहली प्रक्रिया शुरू की जाती है। यह निर्णय उस अपील के संबंध में दिया गया, जो राजस्व ने आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (ITAT) के आदेश को चुनौती देते हुए दायर की थी।
न्यायमूर्ति विपुल बख़रू और न्यायमूर्ति स्वर्णा कंता शर्मा की पीठ ने कहा कि ‘जुर्माना लगाने की कार्रवाई शुरू की जाती है’ का तात्पर्य उस तिथि से है, जब जुर्माना लगाने की प्रक्रिया का पहला कदम उठाया गया हो।
DELHI HC: मामले की पृष्ठभूमि
यह मामला 2011-2012 के आयकर विवरण से संबंधित था, जिसमें करदाता ने ₹5,00,40,103 की राशि के टैक्स कटौती में चूक की बात स्वीकार की थी। आयकर अधिकारी ने इसे स्वीकार किया और जुर्माना लगाने के लिए जूनियर कमिश्नर (JCIT) को संदर्भ भेजा। फिर, JCIT ने 4 अगस्त 2015 को शो-कॉज नोटिस जारी किया और जुर्माना लगाया।
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इस बीच, करदाता ने यह दावा किया कि जुर्माना कार्रवाई 25 सितंबर 2014 को संदर्भ मिलने के बाद शुरू हुई थी, और इसलिए जुर्माने की कार्रवाई की समय सीमा 31 मार्च 2015 को समाप्त हो गई।
राजस्व ने अपनी याचिका में यह तर्क दिया कि जुर्माना कार्रवाई की शुरुआत 4 अगस्त 2015 को शो-कॉज नोटिस जारी होने से मानी जानी चाहिए। हालांकि, दिल्ली हाईकोर्ट ने यह कहा कि जुर्माना कार्रवाई की शुरुआत 25 सितंबर 2014 को हुई थी, जब आयकर अधिकारी ने जुर्माने के लिए JCIT को संदर्भ भेजा था।
हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि यह तिथि जुर्माना कार्रवाई की शुरुआत का पहला कदम था, जो साफ़ तौर पर जुर्माना लगाने की प्रक्रिया के प्रारंभ को दर्शाती है।
DELHI HC: समय सीमा और धारा 275(1)(c) की व्याख्या
कोर्ट ने धारा 275(1)(c) का हवाला देते हुए यह भी स्पष्ट किया कि जुर्माना लगाने की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए समय सीमा निर्धारित की गई है। इस धारा के तहत कहा गया है कि जुर्माना लगाने का आदेश वित्तीय वर्ष की समाप्ति के बाद नहीं दिया जा सकता है, जब तक कि कार्रवाई शुरू करने के लिए पहला कदम उठाया न गया हो। इससे यह स्पष्ट होता है कि जुर्माना लगाने की प्रक्रिया के लिए एक निर्धारित समय सीमा होती है, जिसे कानून के तहत पालन किया जाना चाहिए।
दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में आईटीएटी के आदेश को सही ठहराया और कहा कि जुर्माना लगाने की कार्रवाई 25 सितंबर 2014 को शुरू हुई थी। कोर्ट ने यह भी कहा कि JCIT द्वारा लगाए गए जुर्माने का आदेश समय सीमा के उल्लंघन के कारण अमान्य था। इस आधार पर, कोर्ट ने राजस्व की याचिका खारिज कर दी और ITAT के आदेश को बनाए रखा।
DELHI HC: सारांश
इस निर्णय ने आयकर अधिकारियों को यह स्पष्ट संदेश दिया कि जुर्माना लगाने की कार्रवाई की शुरुआत उस तिथि से मानी जाएगी, जब पहली प्रक्रिया शुरू की जाती है। यह निर्णय आयकर विभाग और करदाताओं के बीच जुर्माना प्रक्रिया के समय सीमा को लेकर होने वाली अनिश्चितताओं को स्पष्ट करता है। इससे जुर्माना लगाने की प्रक्रिया की समयसीमा की महत्वता और इसके कानूनी दायरे को मजबूती मिलती है।
कारण शीर्षक: आयकर आयुक्त (TDS)-2 दिल्ली बनाम टर्नर जनरल एंटरटेनमेंट नेटवर्क्स इंडिया [ITA 547/2024]
प्रस्तुति: वकील संजय कुमार (अपीलकर्ता), वकील मनुज सभरवाल, द्रोन नेगी और देव्रत तिवारी (प्रत्यावेदक)












