Encounter in Lucknow: लखनऊ में एक बार फिर मुठभेड़ के जरिए अपराधियों की धरपकड़ का मामला सामने आया है।
होटल संचालक पर गोली चलाने वाले एक और मुख्य आरोपी प्रॉपर्टी डीलर फरमान अली को पुलिस ने मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में फरमान अली के पैर में गोली लगी, जिसके बाद उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया।
आरोपी पर लखनऊ पुलिस ने पहले ही 10 हजार रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। उसके पास से वारदात में इस्तेमाल की गई एक्सयूवी-500 गाड़ी, तमंचा, कारतूस और खोखा बरामद हुआ है।
खाना खाने के विवाद ने ली गोलीकांड की शक्ल
Encounter in Lucknow: यह पूरा मामला 25 मई का है जब बाराबंकी के कुर्सी निवासी मुर्सलीन पर जानलेवा हमला हुआ था। मुर्सलीन न केवल एक होटल संचालक हैं बल्कि प्रॉपर्टी डीलिंग का काम भी करते हैं। उन्होंने अपने चाचा अफसर अली के सर्वोदयनगर स्थित निर्माणाधीन कॉम्प्लेक्स के पास एक होटल सिपाही लाल नामक व्यक्ति को किराए पर दिया था।
हमले वाले दिन मुर्सलीन होटल पर मौजूद थे, तभी उनका चचेरा जीजा अर्शल अपने कुछ साथियों – जिनमें फैज अली रिजवी (फरीदीनगर), समृद्धि सिंह, अजय, शादाब आदि शामिल थे – के साथ एक्सयूवी से वहां पहुंचा। कहा जा रहा है कि खाना खाने को लेकर मुर्सलीन और अर्शल के बीच विवाद हो गया। इसके बाद मुंशीपुलिया के पास दोनों पक्षों में फिर से झड़प हुई। बाद में अर्शल और उसके साथियों ने पीछा कर मुर्सलीन को तीन गोलियां मारीं।
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26 मई को पुलिस ने दो मुख्य आरोपियों को किया गिरफ्तार
मुर्सलीन के भाई असलम ने इस हमले को लेकर गाजीपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। नामजद अभियुक्तों में अर्शल, फैजल, फैज अली रिजवी, समृद्धि सिंह और अन्य 5-6 अज्ञात लोग शामिल थे। पुलिस ने मुख्य आरोपियों अर्शल और फैज अली रिजवी को 26 मई को गिरफ्तार कर लिया था। उनके पास से स्कॉर्पियो गाड़ी, .32 बोर की अवैध पिस्टल और कारतूस बरामद किए गए।
इसके बाद पुलिस ने 29 मई को तकरोही के दीनदयाल नगर निवासी अनिकेत कौशल उर्फ अमन कौशल को भी इस मामले में गिरफ्तार कर लिया। वहीं, फरमान अली की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस लगातार प्रयासरत थी, क्योंकि उसके खिलाफ पहले से गाजीपुर और इंदिरा नगर थानों में चार आपराधिक मामले दर्ज हैं।
डीसीपी शशांक सिंह ने बताया चेकिंग के दौरान हुई मुठभेड़
Encounter in Lucknow: डीसीपी पूर्वी लखनऊ शशांक सिंह के अनुसार, शुक्रवार को पुलिस टीम आम्रपाली चौराहे के पास चेकिंग कर रही थी, तभी बी-ब्लॉक चौराहे की ओर से बिना नंबर प्लेट की सफेद एक्सयूवी-500 आती दिखाई दी। पुलिस ने जब गाड़ी रोकने का इशारा किया तो चालक फरमान अली गाड़ी को तेजी से बंधे की ओर भगा ले गया। पुलिस ने उसका पीछा किया। कल्याण अपार्टमेंट के पास गाड़ी फुटपाथ से टकरा गई। जैसे ही पुलिस ने नजदीक जाने की कोशिश की, आरोपी ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस की गोली उसके पैर में लगी, जिससे वह वहीं गिर पड़ा। उसे तत्काल गिरफ्तार कर इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया।
पूछताछ में आरोपी ने अपना नाम फरमान अली निवासी दीनदयाल पुरम, तकरोही बताया। पुलिस ने उसके पास से .315 बोर का तमंचा, एक कारतूस, एक खोखा और वही एक्सयूवी गाड़ी बरामद की, जो हमले के दौरान इस्तेमाल हुई थी। एसीपी गाजीपुर अनिद्य विक्रम सिंह ने बताया कि गाड़ी से नंबर प्लेट भी मिल गई है और इसकी पुष्टि हो गई है कि यह वही वाहन है जो होटल संचालक पर गोलीबारी में प्रयोग की गई थी।
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फरमान अली के खिलाफ पहले से दर्ज हैं चार गंभीर मुकदमे
फरमान अली पर पहले से ही चार संगीन मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें मारपीट, अवैध हथियार रखना और हत्या का प्रयास शामिल हैं। पुलिस अब फरमान के अन्य साथियों और हमले में शामिल अन्य अज्ञात लोगों की तलाश में जुट गई है।
इस घटना ने एक बार फिर लखनऊ में प्रॉपर्टी डीलिंग से जुड़े विवादों और गैंगवार जैसी स्थिति की तरफ इशारा किया है। पुलिस लगातार मुठभेड़ों के जरिए अपराधियों को पकड़ने की रणनीति पर काम कर रही है। लेकिन सवाल यह भी उठता है कि आखिर ऐसे अपराधी पहले से ही खुलेआम क्यों घूमते हैं और पुलिस को कार्रवाई तब करनी पड़ती है जब कोई जान पर बन आती है।
फरमान अली की गिरफ्तारी से पुलिस को मिली राहत
फरमान अली की गिरफ्तारी से पुलिस ने राहत की सांस ली है, लेकिन अभी इस केस में कई और आरोपी फरार हैं, जिनकी गिरफ्तारी बाकी है।
लखनऊ पुलिस की यह कार्रवाई अपराधियों के खिलाफ उनकी ‘नो टॉलरेंस’ नीति का एक और उदाहरण है, लेकिन यह मामला यह भी दर्शाता है कि शहर में असलहों की खुलेआम मौजूदगी और आपसी रंजिश किस हद तक खतरनाक रूप ले सकती है।