KARNATAKA HC: MUDA घोटाले में लोकायुक्त जांच पर रोक लगाई

Photo of author

By headlineslivenews.com

Spread the love

KARNATAKA HC: कर्नाटक उच्च न्यायालय ने गुरुवार को मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) घोटाले में लोकायुक्त द्वारा आगे की जांच पर रोक लगा दी। यह आदेश न्यायमूर्ति एम. नागप्रसन्ना ने पारित किया, जिसमें कहा गया कि लोकायुक्त को तब तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं करनी चाहिए जब तक उच्च न्यायालय उस याचिका पर अंतिम सुनवाई न कर ले, जिसमें इस घोटाले की सीबीआई जांच की मांग की गई है।

KARNATAKA HC

KARNATAKA HC: मामले की पृष्ठभूमि

MUDA घोटाले से संबंधित मामला मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और अन्य आरोपियों के खिलाफ है। इस मामले में कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा ने याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि इस घोटाले की जांच निष्पक्ष नहीं हो सकती क्योंकि लोकायुक्त राज्य सरकार के अधीन आता है, और मुख्यमंत्री से जुड़े मामलों में निष्पक्षता की उम्मीद नहीं की जा सकती।

कृष्णा ने न्यायालय से सीबीआई जांच की मांग की थी, ताकि घोटाले की सटीक और निष्पक्ष जांच हो सके।

BOMBAY HC: शिवसेना (एकनाथ शिंदे) के सांसद रवींद्र वायकर का चुनाव बरकरार रखा

ALLAHABAD HC: मोहम्मद जुबैर को दी गिरफ्तारी से अंतरिम राहत

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता की दलीलें सुनी और यह माना कि मामले की सीबीआई जांच की आवश्यकता हो सकती है। इसी कारण, न्यायालय ने लोकायुक्त पुलिस को मामले में आगे की जांच करने से रोकते हुए यह निर्देश दिया कि वे 28 जनवरी 2025 तक अपनी अंतिम रिपोर्ट ट्रायल कोर्ट में दाखिल करें।

KARNATAKA HC: न्यायालय का आदेश

न्यायमूर्ति नागप्रसन्ना ने अपने आदेश में कहा कि “जब तक उच्च न्यायालय इस मामले में सीबीआई जांच की याचिका पर अंतिम सुनवाई नहीं कर लेता, तब तक लोकायुक्त पुलिस को मामले की आगे की जांच पर रोक लगानी चाहिए।” अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि लोकायुक्त पुलिस को ट्रायल कोर्ट में अंतिम जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए 28 जनवरी, 2025 तक का समय दिया जाए।

अदालत ने इस निर्णय को सुनाते हुए यह स्पष्ट किया कि अगर सीबीआई जांच की दिशा में कोई कदम उठाया जाता है, तो लोकायुक्त की जांच प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं किया जाएगा।

कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा ने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की थी और उनका तर्क था कि लोकायुक्त की निष्पक्षता संदेहास्पद है, क्योंकि वह राज्य सरकार के अधीन है। उन्होंने न्यायालय से यह भी अनुरोध किया था कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) को भी मामले में पक्षकार बनाया जाए।

हालांकि, इस पर कर्नाटक सरकार और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकीलों कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने इस प्रस्ताव पर आपत्ति जताई।

न्यायालय ने उन्हें 15 जनवरी तक इस पर अपनी आपत्ति दाखिल करने का निर्देश दिया।

KARNATAKA HC: मुदा घोटाले का संक्षिप्त विवरण

MUDA घोटाला एक भूमि आवंटन घोटाला है, जिसमें मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और अन्य आरोपियों पर धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार और जालसाजी के आरोप लगाए गए हैं। आरोप है कि मुख्यमंत्री के परिवार के सदस्य को MUDA की भूमि आवंटन प्रक्रिया में अनियमितताएं कर दी गई थीं।

Headlines Live News

इस मामले में कर्नाटक लोकायुक्त ने सिद्धारमैया और उनके परिवार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी और इन आरोपों की जांच शुरू की थी। पहले सितंबर 2023 में, न्यायमूर्ति नागप्रसन्ना ने सिद्धारमैया द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने राज्यपाल द्वारा दी गई मंजूरी को चुनौती दी थी, जिससे उनकी पत्नी के लिए भूमि आवंटन पर भ्रष्टाचार के आरोप तय किए गए थे।

KARNATAKA HC: न्यायालय की कार्रवाई और आगे की प्रक्रिया

इस वर्ष के सितंबर महीने में कर्नाटक लोकायुक्त ने MUDA घोटाले में सिद्धारमैया और तीन अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। हालांकि, मामले में अब सीबीआई जांच की मांग की जा रही है। न्यायालय ने इस मामले में आगे की कार्रवाई करने से पहले सभी पक्षों की दलीलें सुनने का निर्णय लिया है।

Headlines Live News

अदालत ने इस मामले में लोकायुक्त को 28 जनवरी, 2025 तक अंतिम रिपोर्ट दाखिल करने का समय दिया है और साथ ही ट्रायल कोर्ट को किसी भी आदेश को पारित करने से पहले कर्नाटक उच्च न्यायालय की अनुमति लेने का निर्देश दिया है।

कर्नाटक उच्च न्यायालय का यह आदेश एक महत्वपूर्ण विकास है, जो राज्य सरकार और लोकायुक्त के कामकाज को प्रभावित कर सकता है। इस मामले में आगे की कार्रवाई अब उच्च न्यायालय की ओर से सीबीआई जांच के लिए अंतिम निर्णय पर निर्भर करेगी। लोकायुक्त को मामले की आगे की जांच करने से रोका गया है और इस मामले की प्रक्रिया 2025 में पूरी होगी।

KARNATAKA HC: MUDA घोटाले में लोकायुक्त जांच पर रोक लगाई
Sharing This Post:

Leave a Comment

Optimized by Optimole
DELHI HC: भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज को सत्येंद्र जैन के मानहानि केस में नोटिस जारी किया BOMBAY HC: पतंजलि पर जुर्माने पर रोक लगाई अतुल सुभाष आत्महत्या: बेंगलुरु कोर्ट ने पत्नी और परिवार को न्यायिक हिरासत में भेजा SUPREME COURT: भाजपा नेता गिर्राज सिंह मलिंगा को मारपीट मामले में जमानत दी” SUPREME COURT: मामूली अपराधों में जमानत में देरी पर जताई चिंता